Ballia News: डीएनए टेस्ट से खुली सच्चाई, रेप का आरोपित बाइज्जत बरी
Ballia News: जिला एवं सत्र न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश हरीश चंद ने दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के एक मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ दोष साबित नहीं होने पर उसे दोषमुक्त करार दिया है।
Ballia News: जिला एवं सत्र न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश हरीश चंद ने दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के एक मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ दोष साबित नहीं होने पर उसे दोषमुक्त करार दिया है। अदालत ने इस मामले में कराये गए डीएनए टेस्ट को आधार माना है। आरोपी का डीएनए टेस्ट का मिलान कराने पर आरोप की पुष्टि नहीं हो सकी। लिहाजा संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने आरोपी को बाइज्जत बरी कराने का आदेश सुनाया।
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गांव की रहने वाली महिला ने लगाया था रेप का आरोप
अभियोजन पक्ष के मुताबिक बलिया के भीमपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी पीड़िता ने 15 जून 2016 को थाने में तहरीर देकर सोनू विश्वकर्मा नाम के शख्स पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। तहरीर में पीड़िता ने आरोप लगाया था कि वह नाबालिग़ है और सोनू विश्वकर्मा ने जबरन उसके साथ दुष्कर्म किया। जिससे वह छह माह की गर्भवती हो गई। इस मामले में पुलिस ने धारा 376 व पॉक्सो एक्ट कि धारा 3/4 के तहत मुकदमा दर्ज किया और विवेचना के बाद चार्जशीट अदालत भेज दी।
अदालत ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के आदेश पर कराये गए डीएनए टेस्ट को आधार मानते हुए आरोपी सोनू विश्वकर्मा के विरुद्ध दोष साबित करने में अभियोजन पक्ष के विफल रहने पर संदेह का लाभ देते हुए उसे बाइज्जत बरी करने का आदेश सुनाया। इस मामले में अभियोजन पक्ष कि तरफ से शासकीय अधिवक्ता राकेश पांडे तथा बचाव पक्ष की तरफ से अधिवक्ता अवध नारायण यादव व अनिल सिंह ने तर्क प्रस्तुत किया।
वैज्ञानिक तकनीक बन रहीं न्याय में सहारा!
डीएनए, पॉलिग्रॉफिक, नार्को एनालिसिस सहित तमाम वैज्ञानिक तकनीकें अक्सर विधिक मामलों में मददगार साबित हुई हैं और पीड़ितों को इनके आधार पर जल्दी न्याय मिला है। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ। अगर, डीएनए जांच न की गई होती तो सोनू विश्वकर्मा नाम का यह आरोपित लंबे समय तक रेपिस्ट होने के आरोप में जेल की सलाखों के पीछे रहता।