जद्दोजहद में हारा होमगार्ड! सात महीनों से नहीं मिला वेतन, उठाया ये बड़ा कदम
सतरिख के सेठमऊ गांव के निवासी होमगार्ड विजयसेन से जुड़ा है। जिसने हैदरगढ़ के भीड़ भाड़ भरे चैराहे पर स्ट्रीट लाइट के पोल से रस्सी के सहारे लटककर आत्महत्या का प्रयास किया। जानकारी मिलते ही पुलिस ने होमगार्ड को नीचे उतारकर सीएचसी हैदरगढ़ पहुंचाया है।
बाराबंकी: जिलाधिकारी आवास में ड्यूटी पर तैनात एक होमगार्ड के कुछ दिनों पहले आर्थिक तंगी के चलते फांसी लगाकर जान देने का मामला अभी ताजा ही था कि इस बीच एक और होमगार्ड ने आत्महत्या की कोशिश की। इस घटना के पीछे महज नशेबाजी नहीं थी बल्कि उसके पीछे की असल वजह उसे मानदेय न मिलने का दर्द था। यह दर्द वह सह नहीं सका और आखिरकार परिवार से दूर जाने का कदम उठा बैठा।
आत्महत्या का किया प्रयास
मामला सतरिख के सेठमऊ गांव के निवासी होमगार्ड विजयसेन से जुड़ा है। जिसने हैदरगढ़ के भीड़ भाड़ भरे चैराहे पर स्ट्रीट लाइट के पोल से रस्सी के सहारे लटककर आत्महत्या का प्रयास किया। जानकारी मिलते ही पुलिस ने होमगार्ड को नीचे उतारकर सीएचसी हैदरगढ़ पहुंचाया है। अस्पताल में होश आने पर होमगार्ड ने छह माह से मानदेय न मिलने व ड्यूटी के एवज में वसूली का आरोप लगाया।
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होमगार्ड विजय सेन के मुताबिक उसकी ड्यूटी कानून व्यवस्था में जून माह से चल रही है। इसके चलते उसको दूर-दूर के थानों पर ड्यूटी के लिए पेट्रोल फूंककर जाना होता। उसके अनुसार उसको जून माह से मानदेय नहीं मिला है। इससे वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। इसके चलते ही उसने यह कदम उठाया था।
विजयसेन ने बताया कि जून माह से मानदेय न मिलने से परिवार में भूखे रहने की नौबत है। उसके बच्चे स्कूल की फीस नहीं जमा हो पा रही इसके चलते उसे पढ़ने नहीं दिया जा रहा। घर की हालत भी काफी खराब हो चुकी है। घर में जो जानवर पले हैं वह भी भूखे मर रहे हैं। इन सब परेशानियों सेवक तंग आ चुका है इसके चलते उसने आत्महत्या की कोशिश की।
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स्कूल की फीस नहीं जमा हो पा रही है
वीओ- वहीं होमगार्ड विजय सेन की पत्नी और बेटे ने भी बताया की मानदेय न मिलने के चलते घर की आर्थिक हालत काफी खराब हो चुकी है। इसी वजह से उनके पति ने जान देने की कोशिश की। लड़के के मुताबिक उसके स्कूल की फीस नहीं जमा हो पा रही है जिसके चलते उसे वहां से भगा दिया जाता है।
सहायक कमांडेंट होमगार्ड राम प्रकाश दीक्षित ने बताया कि होमगार्डों का जो मानदेय बाकी है, उसके लिए लगातार पत्रचार के माध्यम से शासन से बजट की मांग की जा रही है। उन्होंने बताया कि होमगार्डों की ड्यूटी साफ्टवेयर के माध्यम से लगाई जाती है।
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इसलिये अभी उनकी इच्छा के मुताबिक ड्यूटी लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं मानदेय न मिलने के चलते आर्थिक स्थिति खराब होने पर उन्होंने कहा कि हम कोशिश करेंगे कि पीड़ित होमगार्ड को जल्द कोई सहायता दिलवाई जाए। साथ ही हम लोग भी वयक्तिगत तौर पर चंदा इकट्ठा करके उसकी मदद करने की कोशिश करेंगे।