Barabanki News: एक और ज्योति मौर्या! लेखपाल बनी और पति से मांगा तलाक

Barabanki News: एसडीएम ज्योति मौर्या का मामला आप सभी को अच्छे से याद ही होगा कि किस तरह से नौकरी मिलने के बाद एसडीएम ज्योति मौर्या ने अपने पति को छोड़ दिया था।

Update:2023-07-30 16:58 IST

Barabanki News: एसडीएम ज्योति मौर्या का मामला आप सभी को अच्छे से याद ही होगा कि किस तरह से नौकरी मिलने के बाद एसडीएम ज्योति मौर्या ने अपने पति को छोड़ दिया था। इसी तरह का एक मामला सामने आया है, जहां पर एक पति अपनी पत्नी की जमीन बेचकर पढ़ाई-लिखाई करवाता है। पत्नी का चयन लेखपाल के पद पर हो जाता है। कुछ दिनों तो सब कुछ ठीक रहता है लेकिन आखिरकार पत्नी के तेवर बदल जाते हैं। वह अपने पति को छोड़कर मायके चली जाती है। बात यहां तक नहीं रुकी, पत्नी ने अपने पति से छुटकारा पाने के लिए न्यायालय में तलाक की अर्जी दे दी। सालों तक मामला चलता रहा। अंत में न्यायालय ने पत्नी द्वारा तलाक की अर्जी को खारिज कर दिया गया।

पति के साथ रहने को तैयार नहीं पत्नी

तलाक की अर्जी खारिज होने के बावजूद पत्नी अब भी पति के साथ रहने को तैयार नहीं। पीड़ित पति आज भी अपनी पत्नी और बेटी का इंतजार कर रहा है। मामला बाराबंकी के सत्र थाना क्षेत्र के अंतर्गत गल्हा मऊ गांव का है। यहां के निवासी अमरेश कुमार की शादी थाना जैदपुर क्षेत्र के ग्राम याकूतगंज निवासी रामचरण की बेटी दीपिका के साथ 20 फरवरी 2009 को हुई थी। शादी के बाद ससुराल में ही दीपिका का ग्रेजुएशन पूरा हुआ। दीपिका ने आगे पढ़ने की इच्छा जताते हुए पति से उसे पढ़ने की बात की। पति अमरीश ने अपने पत्नी की इच्छा पूरी करने के लिए उसे प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी कराई।

खेत बेचकर पूरी कराई पत्नी की पढ़ाई

मेहनत-मजदूरी करके अपनी पत्नी की फीस जमा करता रहा। अंत में जब पैसों की कमी आई तो अमरीश ने अपना खेत बेच दिया और उन पैसों से अपनी पत्नी दीपिका की पढ़ाई करवाई। 2018 में दीपिका का चयन लेखपाल के पद पर हो गया। इसके कुछ महीने बाद दीपिका अपनी 8 माह की बच्ची को लेकर मायके चली गई। उसके बाद अपने पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए तलाक का मुकदमा न्यायालय में दाखिल कर दिया।

शादी के बाद कभी कोई विवाद नहीं था, नौकरी मिलते ही बदले तेवर

पीड़ित पति अमरीश ने बताया कि शादी के बाद से कभी उसकी पत्नी से कोई विवाद नहीं था। सब कुछ सही तरीके से चल रहा था लेकिन जैसे ही दीपिका को नौकरी मिली, उसके तेवर बदल गए। अब वह उसके साथ रहना नहीं चाहती है। कई बार अमरीश ने अपने ससुराल जाकर अपनी बेटी से मिलना चाहा लेकिन ससुरालवालों ने उसे धमकाकर वापस भेज दिया। अमरीश ने बताया कि उसकी पत्नी इस समय बस्ती जनपद में लेखपाल के पद पर तैनात है। बाराबंकी न्यायालय में तलाक के लिए उसने परिवाद दाखिल किया था। काफी समय तक न्यायालय में मामला विचाराधीन था लेकिन आखिरकार सच्चाई की जीत हुई और न्यायाधीश ने दीपका के द्वारा अमरीश पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताते हुए मुकदमे को खारिज कर दिया।

बस उसके साथ जिंदगी गुजरना चाहता है पति

अमरीश का कहना है कि वह अपनी पत्नी से कुछ नहीं चाहता। वह चाहता है कि उसकी पत्नी पहले की तरह आकर अपनी 8 वर्षीय बेटी के साथ सकून से जिंदगी बसर करे। लेकिन सरकारी नौकरी की चकाचौंध में दीपिका किसी भी कीमत पर अमरीश के साथ रहना नहीं चाहती है।

दिहाड़ी मजदूरी कर रहा पति

अमरीश के अनुसार वह अब दिहाड़ी मजदूरी करता है, चूं कि उसके पास जो खेती लायक जमीन थी, उसने उसे बेचकर अपनी पत्नी की पढ़ाई में लगा दी। अमरीश के घर पर उसकी पिता और वह अकेले हैं। मजदूरी कर अपना और अपने पिता का पेट पाल रहा है। इस इंतजार में है कि शायद एक बार उसकी पत्नी के द्वारा की गई गलती का एहसास उसे होगा और लौटकर फिर वापस पति के पास आ जाएगी।

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