Barabanki News: सरयू की बाढ़ से बाराबंकी में बरपा कहर, प्राथमिक विद्यालय, मकान, खेत नदी में संमाया, जानिए वास्तविक हालात
Barabanki News: सरयू नदी में आई बाढ़ बाराबंकी में कहर बरपा रही है। नदी के उस पार बहराइच बॉर्डर पर बसे गांव में 14 घर और प्राथमिक विद्यालय नदी में समां गया।
Barabanki News: सरयू नदी में आई बाढ़ बाराबंकी में कहर बरपा रही है। नदी के उस पार बहराइच बॉर्डर पर बसे गांव में 14 घर और प्राथमिक विद्यालय नदी में समां गया। बाढ़ नियंत्रण के सारे दावे हवा-हवाई साबित हुए। हालांकि अभी भी गांव पहुंच रहे अधिकारियों का कहना है कि किसी को कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी।
बाढ़ से 50 गांव हुए प्रभावित
बाराबंकी जिले से होकर गुजरी सरयू नदी में आई बाढ़ से करीब 50 गांवों का जनजीवन पटरी से उतर गया है। इस समय नदी का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास है। बाराबंकी जिले के रामनगर और सिरौलीगौसपुर तहसील क्षेत्र में नदी अपना कहर बरपा रही है। रामनगर तहसील क्षेत्र के कई गांवों में नदी तेजी से कटान कर रही है। जमका, खुज्झी और सरसंडा गांव में नदी की कटान से दहशत व्याप्त है। यहां अब तक 30 मकान व झोपड़ियां नदी में समां चुकी हैं।
प्राथमिक विद्यालय नदी में समाया
नदी के उस पार बहराइच बॉर्डर पर बसे खुज्झी गांव का प्राथमिक विद्यालय और 14 मकान कटान के चलते नदी में समां गए हैं। नदी में समाया खुज्झी गांव का प्राथमिक विद्यालय इकलौता विद्यालय था, जहां करीब 7 किलोमीटर दूर से लगभग 185 बच्चे पढ़ने आते थे। विद्यालय के नदी में समाने के बाद बच्चों के भी भविष्य पर संकट है।
प्रशासन ने कहा- हालात नियंत्रण में
दूसरी तरफ बाराबंकी एडीएम ने कहा कि इस समय बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। रामनगर तहसील क्षेत्र में कटान से स्थित ज्यादा खराब है। अधिकारी गांव पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी।
इस साल सरयू ने तोड़ा रिकॉर्ड
बाराबंकी जिले में सरयू नदी पिछले रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस साल ज्यादा कहर बरपा रही है। नदी का पानी तटों से ऊपर आने के बाद गांवों को डुबोता हुआ चला गया। घर, खेत, सड़क, रास्ते व स्कूल तक कटान के चलते नदी में समां चुके हैं। रामनगर तहसील क्षेत्र के खुज्झी गांव में प्राथमिक विद्यालय और करीब 14 मकान नदी में समा गए हैं। यह सभी मकान गरीब व्यक्तियों को मिले मुख्यमंत्री आवास थे। लोगों का कहना है कि जैसे-तैसे आवास मिले थे, वह भी नदी में समा गए हैं। अब दोबारा आवास मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। गांव के लोगों का कहना है कि हम लोगों का गांव बाराबंकी से नदी के इस पर बहराइच बॉर्डर पर है। जिला का कोई भी अधिकारी यहां देखने तक नहीं आया की बाढ़ से क्या हालात हैं।
ग्रामीणों ने कहा- कोई अधिकारी झांकने नहीं आया
रामनगर तहसील क्षेत्र में नदी के उसपार बहराइच जिले के बॉर्डर पर बसे खुज्झी गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से कोई भी मदद नहीं की जा रही। गांव की महिलाओं ने बताया कि वह गीली लकड़ियों से किसी तरह खाना बना रहीं हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जब उन लोगों के घर नदी में समां गए थे, उस समय ग्राम प्रधान आया था। जो मकान नदी में समां गए हैं, उसके बारे में पूछकर चला गया। लेकिन जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस गांव में देखने तक नहीं आया, ना ही उन लोगों को प्रशासन की ओर से कोई मदद की जा रही है।
एसडीएम ने दी ये जानकारी
एडीएम अरुण कुमार सिंह ने बताया कि जिले में हर साल बाढ़ से तीन तहसील रामनगर, सिरौलीगौसपुर और रामसनेहीघाट प्रभावित होती हैं। इसमें सबसे ज्यादा रामनगर तहसील प्रभावित होती है। अभी जो बाढ़ आई थी, इस समय स्थिति नियंत्रण में है। अभी जो कटान हो रही है, उसकी निगरानी के लिए हमारे लेखपाल लगे हुए हैं। वह सर्वे कर रहे हैं, हमारे एसडीएम भी निगरानी कर रहे हैं। नदी के उस पार हमारा एक गांव खुज्झी है, उसमें एक प्राथमिक विद्यालय कटने की सूचना मिली थी। एक गांव है जमका वहां 14 मकान काटने की सूचना मिली थी। इसका सर्वे लेखपालों द्वारा कर लिया गया है। जल्द ही इन लोगों को सहायता राशि उपलब्ध करा दी जाएगी।