Barabanki News: मदरसों के शिक्षक को नहीं पता राष्ट्रगान, हाथ में किताब लेकर गाया गया राष्ट्रगान
Barabanki News: बाराबंकी जिले में एक ऐसा मदरसा मिला जहां शान से तिरंगा तो फहराया गया, उत्सव भी धूमधाम से मनाया गया। लेकिन वहां तालीम दे रहे मदरसा प्रिंसिपल को राष्ट्रगान ही नहीं पता था।
Barabanki News: देश आज अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। स्कूल, सरकारी ऑफिस, प्राइवेट संस्थानों के साथ देश भर में लोगों ने झंडारोहण के बाद राष्ट्रगान के साथ ही जश्न-ए-आजादी मनाई। लेकिन बाराबंकी जिले में एक ऐसा मदरसा मिला जहां शान से तिरंगा तो फहराया गया, उत्सव भी धूमधाम से मनाया गया। लेकिन वहां तालीम दे रहे मदरसा प्रिंसिपल को राष्ट्रगान ही नहीं पता था।
Also Read
हाथ में किताब लेकर गाया राष्ट्रगान
इस मदरसे में जो बच्चे राष्ट्रगान गा रहे थे, वह हाथों में किताब लेकर राष्ट्रगान गा रहे थे। बच्चों को भी राष्ट्रीय गान याद नहीं था। जब इस बारे में प्रिंसिपल से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे राष्ट्रगान याद नहीं, किताब से पढ़कर सुना सकते हैं। बाराबंकी के रामनगर में स्थित मदरसा अनवारूल उलूम से यह तस्वीरें सामने आई हैं, वह बेहद चिंताजनक हैं।
सात शिक्षकों के बावजूद ये हाल
रामनगर कस्बे में स्थित मदरसा अनवारूल उलूम में तालीम देने के लिए 7 शिक्षक और एक चपरासी नियुक्त है। यदि इन सबकी तनख्वाह जोड़ी जाए तो 5 लाख के करीब होगी। लेकिन मदरसा के प्रिंसिपल से जब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रगान गाने के लिए कहा तो उऩके चेहरे के रंग उड़ गए, उनके पसीने छूट गए। वह सही राष्ट्रगान नहीं सुना पाए। उन्होंने कहा कि हमें राष्ट्रीय गान पूरा नहीं आता, हम किताब से पढ़कर राष्ट्रीय गाना सुना सकते हैं। वहीं ध्वजारोहण के बाद राष्ट्रगान गा रही छात्राओं को भी राष्ट्रगान याद नहीं था। वह हाथों में किताब लेकर राष्ट्रगान गा रही थीं। यह बात केवल मदरसा अनवारूल उलूम की ही नहीं है। यदि देखा जाए तो जिले के कई मदरसों का हाल यहां के जैसा ही है। जहां शिक्षकों और मौलानाओं को स्वतंत्रता दिवस का असल मतलब ही नहीं पता। इस मामले की जानकारी सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई, जिसे देख-सुन लोग हैरत जताते लगे। लोगों का कहना था कि सरकार को ऐसे मदरसों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने की जरूरत है।