वाह सांसद रविकिशन बबुआ: भूले अपने ही गांव का विकास, फेल हो गए इनके सारे दावे

नेता हो अथवा अभिनेता हो जब वह उचाईयों पर पहुंच जाये और शक्तिवान बन जाये तब की दशा में यदि वह अपने जन्म स्थली को विसरा दे तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि वह समाज के प्रति कितना समर्पित हो सकता है।

Update:2020-12-02 19:29 IST
गोरखपुर सांसद रविकिशन : भूले अपने ही गांव का विकास, कई बार किया दावा

जौनपुर: नेता हो अथवा अभिनेता हो जब वह उचाईयों पर पहुंच जाये और शक्तिवान बन जाये तब की दशा में यदि वह अपने जन्म स्थली को विसरा दे तो सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि वह समाज के प्रति कितना समर्पित हो सकता है। जी हां हम बात कर रहे हैं जनपद जौनपुर के तहसील केराकत क्षेत्र स्थित ग्राम बिसुई बराई के मूल निवासी एवं लगभग दो दशक से भोजपुरी फिल्म के सुपर स्टार तथा वर्तमान में गोरखपुर के भाजपा सांसद रविकिशन की जो फिल्म स्टार बनने से लेकर सांसद बनने तक जन्मभूमि के माटी का कर्ज उतारने का दावा कई बार किया लेकिन आज तक उनके दावे साकार होते नहीं नजर आये हैं।

भोजपुरी फिल्म में कमाया खूब नाम

यहां बतादे कि जब रविकिशन भोजपुरी फिल्मी दुनियां में बड़ा नाम बन कर उभरे तो जौनपुर स्थित अपने गांव आने पर मीडिया से रूबरू होते हुए दावा किया था कि अब हम इतना पैसा कमा रहा हूँ कि अपने गांव के माटी का कर्ज ई बेटा यानि रविकिशन जरूर उतार देगा। गांव को पक्की सड़क, पानी, बिजली और शहर कस्बों में मिलने वाली सुविधाओं से लैंस करने का काम करूंगा ताकि हमार गांव खुशहाल रहे यहाँ पर कल कारखाने लगवाने के लिए उद्योग पतियों से बात किया जायेगा।

भूले अपने ही गांव का विकास

इन वादो के बाद जब पुनः मुम्बई फिल्मी दुनियां में चले गये तो भूल गये की गांव के लिए कुछ वादा भी किया था। इसके बाद फिर 2014में कांग्रेस के बैनर तले लोक सभा जौनपुर से चुनाव लड़ने आये तो सार्वजनिक मंच से माटी का कर्ज उतारने का वादा किया था। संयोग से चुनाव हार गये फिर पलट कर जौनपुर की धरती पर कदम नहीं रखा भूल गये जौनपुर और अपने गांव बिसुई बराई को इसके बाद वर्ष 2019 में भाजपा के बैनर तले गोरखपुर लोकसभा से चुनाव लड़े संयोग था कि भाजपा की लहर थी और सांसद बन गये।

ये भी पढ़ें: मुंबई में योगी का ऐलान: लखनऊ में नए युग की शुरुआत, अब यहाँ की बारी

किए थे बड़े बड़े दावे

इसके पश्चात 2019 में ही सांसद रविकिशन के पिता का निधन हो गया । पिता के निधनोपरान्त घर बिसुई बराई गांव आये उस समय भी 13 दिनों तक बड़े बड़े दावे किये और कहा कि पिता जी की यादों को जीवन्त रखने के लिए बिसुई बराई गांव स्वर्ग बना दिया जायेगा। पिता की तेरहवीं बीती और रवि किशन यहाँ से गये एक साल बीत गया बिसुई बराई गांव आज भी अपनी स्थिति पर आंसू बहा रहा है उसे इन्तजार है कि उसको विकसित कब किया जायेगा।

बिसुई बराई गांव के एक ग्रामीण ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जो व्यक्ति अपने जन्मदाता पिता की सेवा नहीं कर सका वह गांव का विकास क्या करेगा। पिता की सेवा उसके भाई ने किया वह केवल घड़ियाली आंसू बहाता रहा है। सांसद केवल बड़ बोला है सामने आने पर लम्बी फेंक कर संतुष्ट कर देगा लेकिन काम एक धेला का नहीं करने वाला है।

ये भी पढ़ें: सीएम योगी आदित्यनाथः उद्यमियों का स्वागत है, मिलेगा सम्मान और सुरक्षा

गांव आज भी अपनी पुरानी दशा में पड़ा

यहाँ बतादे कि बिसुई बराई गांव आज भी अपनी पुरानी दशा में पड़ा है यहाँ पर सड़कों का जबर्दस्त संकट है। इसके अलावां यहाँ पर न सरकारी पोस्ट आफिस है, नहीं बैंक आदि की सुविधाएं है, इतना ही नहीं यहाँ पर स्वास्थ्य सुविधा नहीं है, शिक्षा के लिए कोई स्कूल नहीं है। शिक्षा ग्रहण करने के लिए आज भी यहां के बच्चों को दूर दराज जाना पड़ता है। इस तरह यदि यह कहा जाये कि सांसद गोरखपुर का यह पैत्रिक गांव अपनी दशा पर आंसू बहा रहा है तो अतिशयोक्ति नहीं होगा। इस गांव का बेटा खुद धन धान्य से परिपूर्ण हो गया लेकिन अपने गांव की दशा सुधारने की पहल कभी नहीं किया है। हा लफ्बाजी जरूर मारता रहा है।

कपिल देव मौर्य जौनपुर

Tags:    

Similar News