Sonbhadra News: नाबालिग लड़कियों और असलहा तस्करी के बड़े नेक्सस का खुलासा, जानिए कहां भेजी जातीं थीं युवतियां
Sonbhadra News: पूछताछ में आरोपियों ने नाबालिक लड़कियों की तस्करी और लड़कियों के बदले हासिल किए जाने वाले अवैध असलहे-कारतूस के बारे में भी कई अहम जानकारियां दी हैं, जिसको लेकर पुलिस जांच में जुटी हुई है।
Sonbhadra News: सोनभद्र की ओबरा पुलिस ने यूपी से बिहार तक फैले नाबालिग लड़कियों और असलहों की तस्करी से जुड़े बड़े गठजोड़ का खुलासा किया है। मामले में दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी करने के साथ ही उनके पास से अवैध असलहे और कारतूस की बरामदगी की गई है। पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों का धारा 363, 366, 370 आईपीसी, एससी-एसटी एक्ट और आर्म्स एक्ट के तहत चालान कर दिया गया है। पूछताछ में आरोपियों ने नाबालिक लड़कियों की तस्करी और लड़कियों के बदले हासिल किए जाने वाले अवैध असलहे-कारतूस के बारे में भी कई अहम जानकारियां दी हैं, जिसको लेकर पुलिस जांच में जुटी हुई है।
एक किशोरी के पिता की सूचना पर पुलिस हुई सक्रिय
क्षेत्राधिकारी ओबरा डा. चारु द्विवेदी ने शुक्रवार को ओबरा थाने में मामले का खुलासा किया और पकड़े गए आरोपियों की गिरफ्तारी सार्वजनिक की। बताया कि थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने आकर 15 मार्च को सूचना दी कि सोनू नाम के एक युवक ने उसकी नाबालिग पुत्री और उसके दोस्त की दो पुत्रियों को ओबरा से ले जाकर छपरा, बिहार में बेच दिया है। मामला दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि सोनू उर्फ शहादत पुत्र मो. लतीफ, रामपुर बरकोनिया थाना क्षेत्र के गिरिया का रहने वाला है।
प्रेमजाल या अच्छे काम का दिलासा देकर बिहार ले जाई जाती थी लड़कियां
छानबीन आगे बढ़ाई गई तो पता चला कि गिरिया निवासी सहादत लोगों को अपना नाम सोनू बताता था और इसी नाम की आड़ में लड़कियों को या तो प्रेम जाल में फंसाकर या अच्छा काम दिलाने का झांसा देकर उन्हें बिहार के छपरा ले जाता था। वहां उन्हें हृदयराम पुत्र स्व. लोटनराम, निवासी अरियांम, थाना मांझी, जिला छपरा बिहार को ले जाकर बेच देता था। लड़कियों के बदले हृदयाराम उसे अवैध असलहा और कारतूस प्रदान करता था, जिसे लाकर वह सोनभद्र और आसपास में तस्करी करता था।
तीन किशोरियों से ‘सोनू’ बनकर ‘शहादत’ ने बढ़ाई जान-पहचान
तस्करी की शिकार हुई तीनों लड़कियां जिसमें दो मौसेरी बहन बताई जा रही हैं उन से खनन क्षेत्र में मजदूरी के दौरान, शहादत ने सोनू बनकर जान-पहचान बढ़ाई। इसके बाद उन्हें अच्छा काम दिलाने का भरोसा देकर बिहार के छपरा ले जाकर हृदयराम को बेच दिया। हृदयराम उन्हें किसी और को बेच पाता इससे पहले किसी तरह तीनों लड़कियां उनके चंगुल से भागकर पुलिस के पास पहुंच गई। पुलिस के तरफ से उन्हें छपरा की चाइल्ड लाइन को सौंपा गया।
ऐसे हुई लड़कियों को बेचे जाने की जानकारी
वहां से जानकारी सोनभद्र की बाल कल्याण समिति को मिली। सोनभद्र की बाल कल्याण समिति ने छपरा के बाल कल्याण समिति से संपर्क साधा। मामले की पुष्टि होने के बाद तीनों लड़कियों को सोनभद्र ले आया गया और आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करते हुए उन्हें परिवारीजनों को सुपुर्द कर दिया गया। मामले की जानकारी के बाद परिवार वाले भी सन्न रह गए। इसके बाद मिली तहरीर पर ओबरा पुलिस ने मामले की छानबीन की तो पूरा सच सामने आ गया।
ये कहना है पुलिस का
क्षेत्राधिकारी डॉ. चारू द्विवेदी ने बताया कि छानबीन के दौरान मिली जानकारियों के आधार पर आरोपी शहादत को दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास से और हृदयराम को बग्घानाला तिराहे के पास से गिरफ्तार किया गया। दोनों के कब्जे से एक-एक तमंचा 315 बोर, एक-एक जिंदा कारतूस बरामद किया गया। गिरफ्तारी में प्रभारी निरीक्षक ओबरा मिथिलेश कुमार मिश्र, एसआई अमित कुमार त्रिपाठी, एसआई राकेश कुमार मिश्रा, हेड कांस्टेबल इमरान खां, बृजेश यादव, कांस्टेबल रामसिंह यादव, प्रीतू चौहान की अहम भूमिका रही।