सकलडीहा से भाजपा प्रत्याशी रहे पं. सूर्यमुनि तिवारीः राजनीति में न होता तो समाजसेवी होता
यदि आपने अच्छा नीयत से समाज में घुमा है तो मैं चुनाव खर्च के मायने को जीरो मानता हूं। पं सूर्यमुनि तिवारी बड़े ही गर्व से कहते हैं कि जो सच्चा व्यक्ति है तथा दिल से जनता की सेवा करता है उसके लिए प्रतिष्ठा मायने रखती है, पैसा नहीं।
रोशन मिश्रा
चन्दौलीः जिले में, सत्रहवीं विधान सभा चुनाव में बीजेपी के तीन प्रत्याशी चुनाव जीत जाते हैं लेकिन वहीं सकलडीहा विधान सभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल हुए हैं। बेहद ही सरल, सौम्य, मिलनसार वर्तमान जिला पंचायत सदस्य तथा विधान सभा प्रभारी, सकलडीहा पं सूर्यमुनि तिवारी जी बेहद ही कड़े मुकाबले में चुनाव हार गए थे। लेकिन हार के बावजूद भाजपा प्रत्याशी की जनता के दिलों में प्रतिष्ठा आज भी कायम है।
पं सूर्यमुनि तिवारी न सिर्फ अपने विधान सभा क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं बल्कि पूरे जिले में उनके मिलनसार स्वभाव एवं व्यक्तित्व के लोग प्रशंसक हैं। न्यूजट्रैक/अपना भारत से बातचीत में उन्होंने सभी प्रश्नों पर बड़ी ही बेबाकी से अपने विचारों को रखा।
समाज सेवा करने की चाहत
राजनीति में मेरा पर्दापण समाज सेवा के भावना से हुआ है। राजनीति बचपन से ही अच्छी लगती थी तथा तभी से समाज सेवा करने का शौक भी रहा है। यदि मैं राजनीति में नहीं आता तो समाज सेवा ही करता तथा यह सेवा किसी भी रूप में हो सकती है, चाहे राजनीति में रहकर अथवा इससे दूर रहकर भी।
मेरी खुशनसीबी है कि मैं विश्व के सबसे बड़े दल बीजेपी का कार्यकर्ता हूं जिसके नीति तथा नीयत में तनिक भी दोष नहीं है।
यदि आपने अच्छा नीयत से समाज में घुमा है तो मैं चुनाव खर्च के मायने को जीरो मानता हूं। पं सूर्यमुनि तिवारी बड़े ही गर्व से कहते हैं कि जो सच्चा व्यक्ति है तथा दिल से जनता की सेवा करता है उसके लिए प्रतिष्ठा मायने रखती है, पैसा नहीं।
चुनावी खर्चे तो आते ही हैं जैसे गाड़ी, घोड़ा तथा अन्य साधनों एवं जरूरतों में लेकिन आज सोशल मीडिया के ज़माने में मेरे जैसे लोगों के लिए बहुत सुगमता हो गई है। पैसे की जरूरत तो पड़ती ही है, लेकिन कहीं - कहीं! पैसे के बल पर ही चुनाव जीतना होता तो एक से एक धनवान हैं और सब चुनाव जीतने में सफल होते।
दो बच्चों से अधिक वाले चुनाव लड़ने से अयोग्य हों
सुधारों के प्रश्न पर तिवारी जी एक बड़ा ही रोचक सुझाव देते हैं, वो कहते हैं कि चुनाव सुधार के विषय पर मैं अपनी राय जरूर देना चाहूंगा। उनका मत है कि समस्त राज्यों में दो बच्चों से ज्यादा वाले व्यक्ति को चुनाव हेतु अयोग्य समझा जाए क्योंकि जनसंख्या नियंत्रण देश के लिए अति आवश्यक है।
इससे सबसे बड़ा फायदा होगा कि लोगों के मन में एक भाव पैदा होगा तथा इसके सफल होने से हमारे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी फलतः देश कभी भी आर्थिक संकट का सामना नहीं कर सकेगा।
जनता की जनप्रतिनिधि से अपेक्षा के बात पर तिवारी जी कहते हैं कि जनता एवं जनप्रतिनिधि का आपसी सामन्जस्य होता है, तो अपेक्षाएं रहेंगी ही। प्रजा के बगैर राजा कोई मायने नहीं रखता है।
अपने जीवन के सबसे बेहतरीन क्षण के बारे में पंडित जी बड़े ही सौम्य तरीके से कहते हैं कि मेरे जीवन में सबसे बड़ी खुशी का पल तब आएगा जब मेरे समाज के सारे लोग सुख एवं समृद्धि में शामिल होंगे।
आम आदमी एवं गरीब कदम से कदम मिलाकर चलेंगे। मैं सबको अमीर तो नहीं बना सकता लेकिन मेरी हार्दिक इच्छा है कि कोई भी कष्ट में न रहे। दुख के क्षण पर पंडित जी विनम्रतापूर्वक कहते हैं कि जीवन में दुख का पल तो आता ही रहता है किन्तु मैं दूसरे के दुख को ही अपना तकलीफ समझता हूं।
पंडित सूर्यमुनि तिवारी जी कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति पूर्ण तो होता ही नहीं है जैसा स्थिति - परिस्थिति होता है आदमी वैसा ही काम करता है। कुल मिलाकर इंसान को संतुष्ट होना चाहिए।
नौकरशाही के रुख में बदलाव आया है
दल - बदल के प्रश्न पर पंडित जी बेझिझक होकर बताते हैं कि दल - बदल का चलन वहां होता है जिसे मोटी रकम देकर टिकट लेना होता है लेकिन इधर हमारी पार्टी बीजेपी हमारी हर तरह से मदद करती है, चुनाव लड़ाने के लिए। मोदी जी और योगी जी से सुंदर उदाहरण और कहां मिलेगा जो आज नेतृत्व कर रहे हैं। इस तरीके का उदाहरण बीजेपी में ही संभव है जहां जातिवाद एवं परिवारवाद नहीं है।
नौकरशाही के प्रश्न पर पंडित जी थोड़ा गंभीरता से जवाब देते हैं कि नौकरशाही में पहले से थोड़ा परिवर्तन आया है। यह पहले की अपेक्षा थोड़ा कम हावी हुआ है। नौकरशाह भी हमारे ही समाज से निकलते हैं लेकिन उनके पास कलम की ताकत होती है जो कानून के दिशा निर्देशों का पालन करते हैं। हम लोग उनका ख्याल रखते हैं लेकिन जब हावी होंगे तो हम लोकतांत्रिक व्यवस्था से विरोध भी करेंगे।
अपने क्षेत्र की प्रमुख समस्या के प्रश्न पर पं सूर्यमुनि तिवारी जी कहते हैं कि मेरे क्षेत्र की मुख्य समस्या सड़क है बाकी सब ठीक है। बिजली का काम भी योगी जी के कारण ठीक है और इसके सुधार हेतु कुछ काम भी हो रहा है।
मैं जनता की समस्याओं के सफल निराकरण के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर अपने जनप्रतिनिधि के साथ, यदि वो मुझसे कहेंगे तो कहीं भी कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार हूँ, क्योंकि यह सामाजिक हित का मुद्दा है। मैं सही काम के लिए जनता के साथ हमेशा ही जुड़ा रहता हूं।
यदि मैं कभी विधायक बना तो
भविष्य में विधायक बनने के सवाल पर पंडित जी कहते हैं कि यदि मैं कभी भी विधायक बनता हूं तो मेरा प्रथम काम होगा कि समाज में सबसे अंतिम कतार में खड़े व्यक्ति के समस्या को दूर कर सकूं तथा यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि भी होगी।
अंत में तिवारी हंसते हुए कहते हैं कि सबसे पहले न्यूजट्रैक/अपना भारत की टीम को बहुत - बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं कि मुझे अपने साक्षात्कार में शामिल किया।
इसे भी पढ़ें जमानिया विधायक सुनीता सिंहः राजनीति में न आती तो वृक्षारोपण करती
जनता के लिए तिवारी जी न्यूजट्रैक के द्वारा संदेश देते हैं कि " जनता के लिए बराबर यह सूर्यमुनि तिवारी हाज़िर रहेगा, चाहे किसी पद पर रहूं अथवा न रहूं किन्तु जनता से दूर नहीं रह सकता "