यहां भाजपा नेता हैं आमने सामनेः हो रही है खेल विश्वविद्यालय के लिए रस्साकशी

लड़ाई का आलम यह है कि दोनों जनपदों के स्वयंसेवी, सामाजिक और खेल संगठन, खिलाड़ी और राजनीतिक दलों के नेता खासकर भाजपा नेता भी आमने-सामने हैं। मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है।

Update:2020-08-01 13:54 IST

सुशील कुमार

मेरठ। खेल विश्वविद्यालय को लेकर मुजफ्फरनगर और मेरठ के बीच लड़ाई तेज हो गई है। लड़ाई का आलम यह है कि दोनों जनपदों के स्वयंसेवी, सामाजिक और खेल संगठन, खिलाड़ी और राजनीतिक दलों के नेता खासकर भाजपा नेता भी आमने-सामने हैं। मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गया है।

स्पो‌र्ट्स यूनिवर्सिटी खुलने से युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा

मुजफ्फरनगर में खेल विवि की पैरवी कर रहे मुजफ्फरनगर के सांसद एवं केन्द्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. संजीव बालियान और राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक और खतौली विधायक विक्रम सैनी ने बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर मुजफ्फरनगर जिले को स्पो‌र्ट्स यूनिवर्सिटी दिए जाने की मांग रखी है। जन प्रतिनिधियों ने कहा कि मेरठ में भी यूनिवर्सिटी है, सहारनपुर में यूनिविर्सिटी खुल रही है। ऐसे में जनपद को इससे अछूता नहीं रखें। स्पो‌र्ट्स यूनिवर्सिटी खुलने से युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।

मुजफ्फरनगर भाजपा नेताओं के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में स्पो‌र्ट्स यूनिवर्सिटी खोले जाने की घोषणा की थी। इसको लेकर जनपद में भूमि की तलाश की गई। केंद्रीय राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने भी जनपद में स्पो‌र्ट्स यूनिवर्सिटी के लिए भूमि की पड़ताल कराई। तब बुढ़ाना ब्लॉक के गांव खरड़ में लगभग 50 एकड़ सरकारी भूमि मिली। यह भूमि सरकारी रिकॉर्ड में बंजर दर्ज है।

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डा. बालियान ने शासन में प्रस्ताव भेजा

डा. बालियान ने शासन में इसका प्रस्ताव भेजा था। केंद्रीय राज्यमंत्री के अनुसार खरड़ मेरठ-करनाल नेशनल हाइवे से चार किलोमीटर दूर है। इसके साथ ही यहां से मेरठ की दूरी 52, सहारनपुर 80, शामली 20 और मुजफ्फरनगर 40 किलोमीटर दूर है, जबकि बुढ़ाना मात्र 14 किलोमीटर है। ऐसे में यहां यूनिवर्सिटी बनने से आसपास के क्षेत्रों के साथ कई जनपदों को लाभ मिलेगा।

टकराव से इंकार

मुजफ्फरनगर में खेल विश्वविद्यालय के प्रस्ताव पर मेरठ के साथ किसी भी प्रकार के टकराव की बात से केंद्रीय पशुपालन एवं मत्स्य राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान इंकार करते हैं। उनका कहना है कि उन्हें मेरठ और मुजफ्फरनगर दोनों से बराबर प्यार है। शासन की ओर से ही मेरठ, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर तीनों जिलों से खेल विश्वविद्यालय के लिए जमीन का प्रस्ताव मांगा गया था तो प्रस्ताव भेज दिया गया। कोई दुराव या भेदभाव वाली बात नहीं है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुजफ्फरनगर जिले में जिस जगह जमीन का प्रस्ताव दिया गया है वह मेरठ, शामली, मुजफ्फरनगर और बागपत चार जिलों की सीमा से नजदीक है। अब मुख्यमंत्री जहां चाहें निर्णय करें। मेरठ का भी प्रस्ताव है। सहारनपुर का भी प्रस्ताव गया है। मुजफ्फरनगर ने भी दावेदारी की है। इसमें किसी जिले के साथ कोई भेदभाव वाली बात नहीं है।

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प्रतिष्ठा का सवाल बनाया

मेरठ में खेल विश्वविद्यालय खोलने को लेकर संशय के बादल गहराते देख मेरठ से जुड़े जन प्रतिनिधियों के साथ ही खेल संगठनों ने मेरठ में खेल विवि स्थापना को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई जो कि मेरठ शहर के पूर्व विधायक भी हैं, ने खेल विवि के मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से व्यक्तिगत सुनवाई के लिए समय मांगा है। उनका कहना है कि कोरोना काल में संकट के दौर में मुजफ्फरनगर से मुफ्त जमीन देने का प्रस्ताव दिया है। यह उनका अधिकार है और उसका विरोध नहीं है। मेरठ में भी भूमि की व्यवस्था है।

जिले में खेल विश्वविद्यालय के लिए पर्याप्त जमीन

मेरठ दक्षिण के विधायक डा. सोमेंद्र तोमर कहते हैं कि मेरठ में शताब्दीनगर में प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय का निर्माण जल्द से जल्द करवाने को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

मेरठ के डीएम अनिल ढींगरा का भी बयान आया है। उनका कहना है कि मेरठ में खेल विश्वविद्यालय पर विचार 2019 से चल रहा है। एक टीम ने लखनऊ से आकर निरीक्षण भी किया था। शासन को मेरठ में खेल विश्वविद्यालय के लिए परतापुर-शताब्दीनगर, सलावा और हस्तिनापुर क्षेत्र की जमीन का प्रस्ताव भेजा जा चुका है। पूरी उम्मीद है कि मेरठ का प्रस्ताव स्वीकार होगा। जल्द ही शासन से स्वीकृति मिलेगी। जिले में खेल विश्वविद्यालय के लिए पर्याप्त जमीन है। कोई दिक्कत की बात नहीं है।

विपक्षी दल आक्रामक

विपक्षी दल इसको लेकर सत्ता पक्ष पर हमलावर हैं। पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री एवं समाजवादी पार्टी के निवर्तमान जिलाध्यक्ष चौधरी राजपाल सिंह कहते हैं कि केन्द्र में भाजपा की सरकार को छह साल और प्रदेश में साढ़े तीन साल हो गए हैं। इसके बावजूद कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया है। ना तो हवाई अड्डे का निर्माण हुआ, कूड़ा निस्तारण प्लांट नहीं लगा, मेरठ में हाईकोर्ट बेंच भी नहीं आई और अब खेल विवि मात्र घोषणा ही लग रही है।

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मेरठ में खेल विश्वविद्यालय की मांग बहुत पुरानी

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश सचिव चौधरी यशपाल सिंह कहते हैं कि मेरठ में खेल विश्वविद्यालय की मांग बहुत पुरानी है। कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता के अनुसार खेल विश्व विद्यालय से भी अच्छा मेरठ के खिलाड़ियों के लिए यह होगा कि यहां भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का एक केंद्र भी खोला जाए। चौधरी यशपाल सिंह के अनुसार उन्होंने केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू को ज्ञापन भेजा है। इसमें मांग की है कि मेरठ में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का एक केंद्र भी खोला जाए।

बकौल चौधरी यशपाल सिंह, मेरठ ने अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए हैं, जिन्होंने दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। पश्चिम यूपी से सभी खेलों में सर्वाधिक खिलाड़ी निकलते रहे हैं। उनको प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए साई के पटियाला व अन्य केंद्रों में जाना पड़ता है। जिससे उन पर आर्थिक बोझ पड़ता है। इसलिए प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह मेरठ में ही खेल विश्वविद्यालय स्थापित कराए।

सबके दावे

- जिला नागरिक परिषद के पूर्व सदस्य शुजाअत अली कहते हैं कि मेरठ का प्रस्ताव जाने के बाद भी यहां से कमजोर राजनीतिक पैरवी और प्रशासनिक हीलाहवाली के कारण अब तक जमीन तय नहीं हो सकी। इसका लाभ उठाकर मुजफ्फरनगर प्रशासन से खेल विवि के लिए पर्याप्त जमीन मुफ्त मुहैया कराने का दावा ठोंक कर अपना पक्ष मजबूत करने की कोशिश की है। मेरठ में जहां पैसे से भी जमीन नहीं मिल रही वहीं मुफ्त जमीन का प्रस्ताव शासन को आकर्षित भी कर सकता है।

- जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव अनु कुमार के अनुसार यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण विषय है कि मेरठ के अलावा किसी और जिले में खेल विवि बनाने की मुहिम शुरू हो रही है। प्रशासनिक लापरवाही से यदि ऐसा कुछ हो गया तो मेरठ के खेल उद्योग, खेल और खिलाडिय़ों का बहुत नुकसान होगा। उन्होंने सभी कोच व खिलाडिय़ों से खेल विवि को मेरठ में ही बनाए जाने के लिए विरोध प्रदर्शन और हस्ताक्षर अभियान चलाने का आह्वान किया है।

- चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज उत्तर प्रदेश से जुड़े खेल उद्यमियों ने मेरठ से खेल विवि के बाहर जाने का पुरजोर विरोध किया है। अध्यक्ष रवि प्रकाश अग्रवाल, महामंत्री विपिन अग्रवाल सहित तमाम पदाधिकारियों ने सालों से मेरठ की इस लंबित मांग को पूरा किया जाना चाहिए। मेरठ में खेल विवि बनने से उसे खेल उद्योग की मदद भी मिलेगी।

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