बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी की यूपी मॉडल की तारीफ, बच्चों के इलाज पर महाराष्ट्र सरकार को दी नसीहत

बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी कोरोना वायरस से बचाव और उस पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से अपनाए गए मॉडल की तारीफ की है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Monika
Update:2021-05-16 12:35 IST

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन और नीति आयोग के बाद अब बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay HighCourt) ने भी कोरोना वायरस से बचाव और उस पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government ) की ओर से अपनाए गए मॉडल की तारीफ की है। कोरोना की तीसरी लहर के दौरान बच्चों में ज्यादा संक्रमण होने की बात कही जा रही है।

ऐसे में बॉम्बे हाईकोर्ट ने यूपी सरकार की ओर से पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) बनाने की योजना का जिक्र किया है। हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया है कि यहां पर यूपी सरकार की तरह पीआईसीयू बनाने पर क्यों नहीं विचार किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बच्चों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए हर शहर में 50 से 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने का फैसला किया है। विभिन्न अखबारों में छपी इस आशय की खबरों का संज्ञान लेते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार से सवाल किया है।

खंडपीठ ने कहा कि तीसरी लहर के दौरान बच्चों को ज्यादा खतरा होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में यूपी सरकार की ओर से एक अस्पताल को सिर्फ बच्चों के लिए आरक्षित रखने की बात कही गई है।

दस हजार बच्चे हो चुके हैं संक्रमित

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार से सवाल पूछा इस तरह का कदम यहां पर उठाने का क्यों नहीं विचार किया जा रहा है। महाराष्ट्र में 10 साल की उम्र वाले दस हजार बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और इस मामले को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान ही हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से यह सवाल पूछा।

योगी सरकार का बड़ा कदम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों से अलग योजना तैयार करने को कहा था। योगी सरकार के निर्देश के बाद चिकित्सा विशेषज्ञों ने बच्चों को कोरोना से बचाने व उनके बेहतर इलाज के लिए हर जिले में आईसीयू की तर्ज पर पीआईसीयू बनाने की सलाह दी थी।

विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी बड़े शहरों में 50 से 100 बेड का पीआईसीयू बनाने का निर्देश दिया है। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से कोरोना संक्रमित दौरान बच्चों के इलाज में काफी सुविधा मिलेगी।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी बताया उचित कदम

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का भी मानना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सभी बड़े शहरों में 50 से 100 पीडियाट्रिक बेड का आईसीयू बनाने का निर्णय बच्चों के इलाज में काफी कारगर साबित होगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरी लहर के दौरान पूरी तैयारी न होने का नतीजा हम देख चुके हैं। हर शहर में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हाहाकार मचा रहा। ऐसे में तीसरी लहर के दौरान किसी भी संकट से बचने के लिए अभी से ही तैयारी किया जाना जरूरी है।

डब्ल्यूएचओ व नीति आयोग भी कर चुका है तारीफ

विश्व स्वास्थ्य संगठन और नीति आयोग की ओर से पहले ही कोविड-19 का सामना करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के मॉडल की तारीफ की जा चुकी है। नीति आयोग का कहना है कि यूपी के इस मॉडल को अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए ताकि कोरोना महामारी से लड़ने में मदद मिल सके। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से भी यूपी सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की प्रशंसा की गई थी।

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