उरी आतंकी हमला: शहीद गणेश शंकर के घर में पसरा मातम, बच्चे बोले- गर्व के आंसू
जम्मू कश्मीर के उरी में आर्मी ब्रिगेड के हेड क्वार्टर में रविबार को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जाबांजों में से एक गणेश शंकर के परिजनों की आंखें अपने लाल को ढूंढ रही हैं, लेकिन देश के नाम अपनी जान कुर्बान करने वाला यह बेटा अब कभी लौट के नही आएगा। अपने जाबांज लाल की शहादत की खबर सुनते ही पूरे गांव में मातम का माहौल है। शहीद के घर पर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है। सभी की आंखें अपने लाल की शहादत पर नाम हैं।
संतकबीरनगर: जम्मू कश्मीर के उरी में आर्मी ब्रिगेड के हेड क्वार्टर में रविबार को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 18 जाबांजों में से एक गणेश शंकर के परिजनों की आंखें अपने लाल को ढूंढ रही हैं, लेकिन देश के नाम अपनी जान कुर्बान करने वाला यह बेटा अब कभी लौट के नही आएगा। अपने जाबांज लाल की शहादत की खबर सुनते ही पूरे गांव में मातम का माहौल है। शहीद के घर पर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है। सभी की आंखें अपने लाल की शहादत पर नम हैं। अभी तक शहीद का पार्थिव शरीर गांव नहीं आया है।
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6 साल पहले बीएसएफ में हुए थे भर्ती
शहीद गणेश शंकर यूपी के संतकबीरनगर के मेंहदावल थाना क्षेत्र के घूरापाली गांव के रहने वाले थे। शहीद गणेश शंकर की 6 साल पहले बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) में बतौर कुक के पद बिहार रेजिमेंट में भर्ती हुई थी। बीते 22 अगस्त को ही उनकी तैनाती बंगाल से उरी में हुई थी।
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तीन बच्चों के पिता थे शहीद गणेश शंकर
-शहीद गणेश शंकर की शादी साल 1997 में गोरखपुर जिले के फरेंदा कस्बे की रहने वाली गुड़िया से हुई थी।
-शहीद गणेश शंकर दो बेटियों और एक बेटे के पिता थे।
-शहीद गणेश शंकर का परिवार गोरखपुर जिले के पीपीगंज में एक किराए के मकान में रहता है।
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गर्व के आंसू
-शहीद गणेश शंकर के परिजनों ने अनुसार, हफ्तेभर पहले ही उन्होंने अपने बेटे से बातचीत की थी।
-शहीद गणेश शंकर के बच्चों और पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है।
-वे कहते हैं कि हमारी आंखों में ये आंसू गर्व के आंसू हैं।
-एसएसपी राम लाल वर्मा ने बताया कि शहीद गणेश शंकर का अंतिम संस्कार उनके पैतृक निवास घूरापाली गांव में होगा।
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