Bulandshahr News: MP/MLA कोर्ट ने सपा के पूर्व विधायक बंसी पहाड़िया सहित 6 को सुनाई सजा, दी जमानत
Bulandshahr News: उपनिरीक्षक विजेंद्र कुमार ने कोतवाली में नौ लोगों को नामजद करते हुए धारा 188 ए एवं 126 लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज कराया था।;
Bulandshahr News (Pic: Newstrack)
Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर की एमपी एमएलए कोर्ट ने सपा के पूर्व विधायक वंशी पहाड़िया, पूर्व सांसद रमेश चंद तोमर के पुत्र विकास तोमर सहित छह को सजा सुनाई है, कोर्ट ने वर्ष 2009 में चुनाव आचार संहिता के उलघंन के आरोप में पूर्व विधायक वंशी पहाड़िया, पूर्व सांसद पुत्र विकास तोमर सहित छह को 5 - 5 माह के कारावास और 1- 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। सभी दोषियों को कोर्ट ने जमानत पर रिहा भी कर दिया है।
2009 के लोस चुनाव में बिना पूर्वानुमति सभा करने पर हुई सजा
बुलंदशहर जनपद की MP /MLA विशेष कोर्ट अनूपशहर में स्थित है। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक हितेंद्र वर्मा ने बताया कि जहांगीरपुर कस्बे के मोहल्ला अंसारियान स्थित मदरसे में सात अप्रैल सन 2009 को कांग्रेस प्रत्याशी रमेशचंद तोमर के समर्थन में बिना अनुमति चुनावी सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें काफी लोग एकत्र हुए थे और नेताओ ने सभा को संबोधित किया था। सभा में पूर्व विधायक बंसी सिंह पहाड़िया, गाजियाबाद के पूर्व सांसद रमेश तोमर के पुत्र विकास तोमर सहित कई सौ लोग मौजूद थे। चुनावी जनसभा के बारे में पुलिस प्रशासन को 2 दिन के बाद पता चला। जिसके बाद उपनिरीक्षक विजेंद्र कुमार ने कोतवाली में नौ लोगों को नामजद करते हुए धारा 188 ए एवं 126 लोक प्रतिनिधि अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज कराया था।
नौ अभियुक्तो में से मोबिन व मुख्तार की पत्रावली अलग कर दी गई थी, जबकि एक अभियुक्त की मौत हो गई थी। बाकी बचे 6 अभियुक्त पूर्व विधायक बंसी सिंह पहाड़िया, सांसद पुत्र विकास तोमर, रफीक खान, अनिल मीणा, संजय मीणा, देवेंद्र शर्मा का विचारण अनूपशहर स्थित एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा था।
सोमवार को एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट के न्यायाधीश एसीजेएम अनूपशहर विनय कुमार सिंह की कोर्ट ने न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों व गवाहों के बयानों के आधार पर मुकद्दमे का निस्तारण करते हुए सभी छह अभियुक्तों को पांच- पांच माह के कारावास व एक- एक हजार रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। दोषी अभियुक्तों की ओर से न्यायालय में जमानती प्रपत्र पेश किए गए जिन पर न्यायालय द्वारा जमानत प्रार्थनापत्र को स्वीकार करते हुए उन्हें निजी मुचलकों पर रिहा कर दिया गया।