सावधान बच्चों की आंखों में है समस्या तो हो जाइए सजग, हो सकता है कैंसर

आंख का कैंसर जिसको रेटिनोब्लास्टोमा के नाम से डाॅक्टर जानते हैं। अमूनन यह बीमारी नवजात शिशु से लेकर 5 साल तक के बच्चे में पाई जाती है। डाॅ संजीव गुप्ता ने बताया कि आमतौर पर बच्चों के आंख में होने वाले दर्द को लेकर पैरेंट्स लापरवाही करते हैं और बाद में यह जानलेवा हो जाता है।

Update: 2019-05-15 16:28 GMT

लखनऊ: अगर आपके घर में छोटे बच्चे हैं और उनकी आंखों में कई प्रकार की परेशानियां आ रही हैं तो तुरंत इसको बिना नजर अंदाज किये नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें क्योंकि आपकी छोटी सी लापरवाही कैंसर जैसे खतरनाक बीमारी का रुप ले सकती है। जी हां, यह कहना है उत्तर प्रदेश में विशेष तौर पर मशहूर राजधानी के किंग जार्ज मेडिकल काॅलेज (केजीएमयू) के डाॅक्टरों का।

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आंख का कैंसर जिसको रेटिनोब्लास्टोमा के नाम से डाॅक्टर जानते हैं। अमूनन यह बीमारी नवजात शिशु से लेकर 5 साल तक के बच्चे में पाई जाती है। डाॅ संजीव गुप्ता ने बताया कि आमतौर पर बच्चों के आंख में होने वाले दर्द को लेकर पैरेंट्स लापरवाही करते हैं और बाद में यह जानलेवा हो जाता है।

उनके मुताबित, हालाकि यह बीमारी 15 से 20 हजार बच्चों में से किसी एक को ही होती है, जिसका समय पर पता चल जाने पर बच्चे की जान बचायी जा सकती है। केजीएमयू में इस बीमारी का इलाज निःशुल्क होता है।

रेटिनोब्लास्टोमा के लक्षण पहचानें ऐसे

-बच्चों में तिरछी आंख (भैंगापन) के साथ पुतली का सफेद होना

-आंख में लाली, सूजन का दर्द होना

- आंख की पुतली का चमकना

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समय से पता चलने पर बचाई जा सकती है जान

डाॅ संजीव गुप्ता ने बताया कि इस बीमारी का समय से पता चल जाने पर 95 प्रतिशत कंट्रोल किया जा सकता है। इसलिए बच्चों की आंखों में होने वाली परेशानियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। केजीएमयू में इसका उपचार पूरी तरह से निशुल्क होता है।

हमारा प्रयास है बेहतर करने का

बाल रोग विभाग के डाॅ निशांत ने बताया कि जैसे ही इस तरह की बीमारी होने का कोई बच्चा आता है तो तुरंत जरुरी जांच करवाया जाता है और उचित इलाज की प्रक्रिया चालू होती हैं

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