ग्रामीण सड़क विकास के मुख्य अधिकारी ने अभियन्ताओं के साथ की समीक्षा बैठक
उन्होंने कहा कि सोनभद्र में पैकेज संख्या 67116 पर ठेकेदार द्वारा क्षतिग्रस्त सड़क का अनुरक्षण कार्य नहीं किया जाता है तो ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज करते हुए रिटेण्डर के माध्यम से सड़क के अनुरक्षण कार्य को पूरा किया जाय।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुजीत कुमार की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक की गई। समीक्षा बैठक, अभिकरण के सभागार में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निर्मित सड़कों की समीक्षा 32 जनपदों के प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंट यूनिट (पीआईयू) ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अभियन्ताओं के साथ की गई।
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बता दें कि समीक्षा बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने पीआईयू के अभियन्ताओं को अभियान चलाकर सड़कों के अनुरक्षण कार्यों को पूरा करने का निर्देश दिया।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा...
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मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने कहा कि आने वाले माह में काफी त्योहार हैं इसलिए इसके पूर्व ही अनुरक्षण के कार्यों को सभी पीआईयू प्राथमिकता पर पूर्ण करा लें। उन्होंने कहा कि अनुरक्षण कार्य में किसी प्राकर की बहानेबाजी स्वीकार नहीं की जायेगी।
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उन्होंने सभी अभियन्ताओं को निर्देश दिया कि अनुरक्षण कार्य के उपरान्त इसकी सूचना ओमास वेबसाइट पर जरूर अपलोड करें ताकि मुख्यालय पर कार्यों की वर्तमान स्थिति का पता चल सकें।
समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि ठेकेदार द्वारा अनुरक्षण कार्यों में लापरवाही पर धनराशि जब्त कर ठेकेदार पर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए पुनः टेण्डर कराकर कार्य पूर्ण किया जाए अन्यथा अभियन्ताओं के खिलाफ विधिक कार्रवाई होगी।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने अनुरक्षण के लिए धनराशि की समय से मांग न करने पर जौनपुर, अलीगढ़, मथुरा, गोण्डा, देवरिया व पीलीभीत के अधिशासी अभियन्ताओं को चेतावनी दी।
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इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अनुरक्षण कार्य के लिए पर्याप्त धनराशि है। इसलिए समय से धनराशि लेकर अनुरक्षण कार्य को पूरा करें। अनुरक्षण कार्य के लिए तीन माह पूर्व भी एडवांस में धनराशि की मांग की जा सकती है।
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उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई से निर्मित किसी भी मार्ग पर गड्ढा स्वीकार नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष पूर्ण हो गयी सड़कों को तत्काल लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित करा दी जायें।
निर्माण व अनुरक्षण कार्य में घोर लापरवाही पर मिर्जापुर व सोनभद्र के अधिशासी अभियन्ताओं पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए कड़ी फटकार लगाई।
उन्होंने कहा कि सोनभद्र में पैकेज संख्या 67116 पर ठेकेदार द्वारा क्षतिग्रस्त सड़क का अनुरक्षण कार्य नहीं किया जाता है तो ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज करते हुए रिटेण्डर के माध्यम से सड़क के अनुरक्षण कार्य को पूरा किया जाय।
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जिन-जिन सड़कों का अनुरक्षण हो रहा है उन सभी सड़कों का सत्यापन भी जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी के माध्यम से होगा। सीईओ ने सभी अभियन्ताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि ठेकेदारों से दोस्ती भारी पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई के अभियन्ता जनसामान्य और सरकार के हित में कार्य करना सुनिश्चित करें अन्यथा दण्ड के लिए भी तैयार रहें। उन्होंने कहा कि लापरवाह ठेकेदारों के साथ ही अभियन्ताओं को भी चिन्हित किया जा रहा है। इन सभी लोगों के ऊपर शासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
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मुख्य कार्यपालक ने जियो टैगिंग के कार्य में देरी पर मिर्जापुर, संभल, देवरिया, बुलंदशहर, बलिया तथा अलीगढ़ के अधिशासी अभियन्ताओं पर नाराजगी व्यक्त करते हुए तीन दिन में जियो टैगिंग के कार्य को पूर्ण करने का निर्देश दिया, ई मार्ग पोर्टल पर सभी जनपद मार्गों को चिन्हित करा लें।
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उन्होंने अभियन्ताओं को स्थानीय स्तर पर नेशनल क्वालिटी मॉनिटर तथा स्टेट क्वालिटी मॉनीटर की टीम को पूरा सहयोग प्रदान करने का निर्देश दिया।
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समीक्षा बैठक में मुख्य अभियंता सुधांशु कुमार, मुख्य अभियन्ता पीएमजीएसवाई-सेल ग्रा0अ0वि0, राज्य गुणवत्ता समन्व्यक मनोज कुमार, अधिशासी अभियन्ता नूर आलम, उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी ब्रजेश त्रिपाठी सहित अन्य अभियंतागण उपस्थित थे।