किसानों के उत्थान में कृषि विज्ञान केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका: सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में प्रदेश का योगदान तभी माना जायेगा जब हम अपनी अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा सके। देश में पिछले 5 वर्ष कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहे हैं।

Update:2019-07-08 21:21 IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में प्रदेश का योगदान तभी माना जायेगा जब हम अपनी अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा सके। देश में पिछले 5 वर्ष कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहे हैं।

स्वाइल हेल्थ कार्ड प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना आदि योजनाओं के माध्यम से कृषि के विकास की जो नींव रखी थी, अब उसके परिणाम सामने आने लगे हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि देश में आज दलहन का पर्याप्त उत्पादन हो रहा है।

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भारत का किसान पूरी दुनिया का पेट भर सकता है

योगी ने कहा कि राज्य का कृषि क्षेत्र इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है। प्रदेश में उत्तम जलवायु, भौगोलिक परिस्थितियों व प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता है। राज्य द्वारा यदि अपनी उर्वरा भूमि, जल संसाधनों आदि का सही उपयोग कर लिया जाए, तो यहां का किसान पूरी दुनिया का पेट भर सकता है।

प्रदेश की कृषि विकास की सम्भावनाओं को कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से साकार किया जा सकता है। राज्य की कृषि और किसानों के उत्थान में कृषि विज्ञान केन्द्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

मुख्यमंत्री आज नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या में 26वीं क्षेत्रीय कृषि विज्ञान केंद्रों की वार्षिक कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कृषि विज्ञान केंद्रों और विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों का आह्वान करते हुए कहा कि हमें प्रदेश के हर जनपद से एक कृषि उत्पाद की विशिष्ट पहचान बनानी होगी।

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काला नमक का कर सकते है बेहतर व्यावसायिक उपयोग

काला नमक चावल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम इसका बेहतर व्यावसायिक उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक ऐसा जनपद है जहां गुड़ की 127 किस्में उत्पादित हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने आयात किये जाने वाली फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि जब वर्ष 2022 में देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण करेगा, उसके लिए अपने को तैयार करना होगा। सघन खेती, कृषि विविधीकरण जैसी तकनीकों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। गो-आश्रय स्थलों के गोबर को कम्पोस्ट खाद में बदलने की योजना बताई।

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कृषि विज्ञान केंद्रों से बेहतर तालमेल जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में वहां किसानों ने निराश्रित गोवंश के लिए बने आश्रय स्थलों को चारा उपलब्ध कराया और स्थिति बदल गयी। कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों के बेहतर तालमेल से कृषि विकास के अच्छे परिणाम लाये जा सकते हैं।

उन्होंने प्रदेश के 9 एग्रो क्लाइमेटिक जोन में बेहतर कार्य करने वाले 2 कृषि विज्ञान केंद्रों को सेंटर फॉर एक्सीलेंस घोषित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा दशकों से लम्बित अधूरी बाण सागर सिंचाई परियोजना महज एक वर्ष में पूरी की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालयों में प्रकाशित होने वाले साहित्य को पूरे प्रदेश में प्रसारित करने का सुझाव दिया। उन्होंने नवोन्मेषी किसानों के अनुभवों को साहित्य के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करने पर बल दिया।

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