राजभवन में स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति का अनावरण

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राजभवन में स्थापित स्वामी विवेकानन्द की भव्य कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। मूर्ति का निर्माण उत्तम पाचारणे द्वारा किया गया है।

Update: 2019-07-17 16:59 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राजभवन में स्थापित स्वामी विवेकानन्द की भव्य कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। मूर्ति का निर्माण उत्तम पाचारणे द्वारा किया गया है। राज्यपाल ने इस अवसर पर घोषणा की कि स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति के दर्शन के लिए राजभवन के दरवाजे आम दर्शकों के लिये 17 से 19 जुलाई, तक सांय 5 बजे से 7 बजे तक खुले रहेंगे।

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राज्यपाल ने प्रतिमा के अनावरण के बाद अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके पांच साल के कार्यकाल का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि मेरे कार्यकाल में आज का दिन सबसे स्वर्णिम दिवस है। देश के किसी भी राजभवन में स्वामी विवेकानन्द की मूर्ति नहीं है।

उत्तर प्रदेश पहला प्रदेश है जहां राजभवन में स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा लगाई गई है। प्रतिमा के साथ राजभवन की प्रतिष्ठा भी बढ़ी है। कल्पना को साकार करना मुश्किल कार्य है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मेरी सलाह को स्वीकार किया इसलिये उनका अभिनन्दन करता हूं। राजभवन में प्रतिमा की स्थापना मेरे लिये सुखद स्मृति है जो सदैव जीवंत रहेगी।

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नाईक ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के विचार 'पावर हाउस' हैं जो नये विचारों की ऊर्जा देता है। स्वामी विवेकानन्द ने 30 वर्ष की अल्पायु में शिकागो के सर्वधर्म सम्मेलन में भारतीय संस्कृति की चर्चा करते हुए कहा था कि भारतीय संस्कृति में सबको समाहित करने की क्षमता है।

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स्वामी विवेकानन्द ने यह बात उस समय कही थी जब विकसित देश भारतीयों के प्रति सम्मानजनक दृष्टि नहीं रखते थे। 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के माध्यम से उन्होंने पूरा विश्व एक परिवार है की नई अवधारणा रखी। स्वामी विवेकानन्द का सन्देश महत्व रखता है, उन्होंने कहा था कि उठो, जागो और तब तक मत रूको, जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाये।

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