UP News: लखनऊ और कानपुर के पुलिस कमिश्नर को हटाए जाने की ये है इनसाइड स्टोरी

UP News: नूपुर शर्मा मामले में प्रदेश के विभिन्न शहरों में हिंसा और फिर राजधानी लखनऊ के नव निर्मित लुलु मॉल विवाद मामले ने लॉ एंड ऑर्डर को अपना यूएसपी बताने वाली योगी सरकार की काफी फजीहत कराई है।

Update: 2022-08-01 07:20 GMT

UP CM Yogi Adityanath (image social media)

UP News: नूपुर शर्मा मामले में प्रदेश के विभिन्न शहरों में हिंसा और फिर राजधानी लखनऊ के नवनिर्मित लुलु मॉल विवाद मामले ने लॉ एंड ऑर्डर को अपना यूएसपी बताने वाली योगी सरकार की काफी फजीहत कराई है। सोमवार को प्रदेश के वरीय आईपीएस अधिकारियों के तबादले में इसका असर भी देखने को मिला। सात सीनियर आईपीएस अफसरों के तबादले में लखनऊ के पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर और कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा का भी नाम है। खास बात ये है कि इन्हें किसी अन्य पद पर नियुक्त करने के बजाय वेटिंग में डाल दिया गया है। 

ऐसे में प्रदेश के पुलिस महकमे में इस तबादले को सख्त एक्शन के रूप में देखा जा रहा है। यूपी सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सीएम योगी आदित्यनाथ काफी समय से इन दोनों अधिकारियों की कार्यशैली से खुश नहीं थे। शुक्रवार 3 जून 2022 को कानपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा औल लुलु मॉल प्रकरण ने सत्ता में लगातार दूसरी बार वापसी करने वाली योगी सरकार की इमेज पर चोट पहुंचाई है। लिहाजा ये दोनों अधिकारी मुख्यमंत्री के रडार पर आ गए थे। फिर शनिवार को कुछ ऐसा हुआ, जिसने इन दोनों की विदाई की पटकथा पर अंतिम मुहर लगा दी। 

लखनऊ कानपुर हाईवे पर जाम

लखनऊ के पुलिस कमिश्नर ध्रुव कांत ठाकुर यूपी में पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद राजधानी लखनऊ के दूसरे पुलिस कमिश्नर बने थे। उन्होंने नवंबर 2020 में पदभार ग्रहण किया था और इस पद पर कुल 1 साल 8 महीने रहे। उनपर हुए इस सख्त कार्रवाई की ताजी वजह शनिवार रात लखनऊ कानपुर राजमार्ग पर लगे भीषण ट्रैफिक जाम को बताया जा रहा है। जाम इतना भीषण था कि लोगों को सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगानी पड़ी। जानकारी के मुताबिक, इस अव्यवस्था से डीजीपी डीएस चौहान काफी नाराज हुए और उन्होंने एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को मौके पर भेजा। 

कुमार कड़ी मशक्कत के बाद रविवार सुबह तक राजमार्ग पर आवाजाही को सामान्य बना पाए। ट्रैफिक पुलिस की अकर्मण्यता लखनऊ पुलिस कमिश्नर के हटने का तात्कालीक कारण बना। डीके ठाकुर लुलु मॉल प्रकरण को लेकर पहले से ही सीएम योगी के कोपभाजन बन चुके थे। विरोध – प्रदर्शन कर रहे हिंदू संगठनों के ऊपर नरमी बरतने के कारण ये विवाद लंबा खींच गया और सरकार की काफी किरकिरी हुई। अंत में मुख्यमंत्री को इसमें दखल देना पड़ा, जिसके बाद ये विवाद शांत हुआ। लुलु मॉल प्रकरण योगी सरकार की उस मुहिम के लिए भी अच्छा नहीं था, जिसमें सरकार प्रदेश को निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य स्थल के रूप में प्रोजेक्ट करना चाहती है। ऐसे में जब राजधानी में ही हजारों करोड़ रूपये के बने किसी प्रोजक्ट पर इस तरह से विवाद हो तो भला कौन निवेशक यहां पैसा लगाना चाहेगा। 

कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा योगी सरकार में मंत्री और पहले कानपुर के पुलिस कमिश्नर रहे असीम अरूण के वीआरएस लेने के बाद इस पद पर नियुक्त हुए थे। उनकी नियुक्ति चुनाव आयोग ने की थी। डीके ठाकुर की तरह उन्हें भी हटाकर वेटिंग में डाल दिया गया है। उनकी जगह एडीजी पुलिस मुख्यालय रहे बीपी जोगदंड को कानपुर का नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। मीणा पर हुई कार्रवाई की तात्कलीक वजह भी लखनऊ-कानपुर हाईवे पर लगे भीषण जाम को बताया जा रहा है। ट्रैफिक की प्रमुख वजह कानपुर की तरफ से आ रहे बड़े वाहनों को माना गया। 

राजमार्ग पर जाम खुलवाने गए एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए दोनों शहर के पुलिस कमिश्नर को हटाकर वेटिंग में डाल दिया। इसके अलावा विजय सिंह मीणा नूपुर शर्मा प्रकरण को लेकर कानपुर में हुए भीषण सांप्रदायिक बवाल के कारण भी पहले से सरकार के रडार पर थे। हिंसा की जांच में काफी कोताही बरती गई थी। पुलिस पर आरोप लगे थे कि वह बिल्डर वसी अहमद और बाबा बिरयानी के मालिक को बचाने में लगी है। हालांकि, बाद में उच्च स्तर से दवाब के बाद दोनों पर शिकंजा कसा गया था। 

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