Gorakhpur: सीएम सिटी के विकास को लगे पंख, मल्टीस्टोरी बिल्डिंग और मॉल बन रहे

Gorakhpur Property: सीएम योगी की सत्ता में वापसी होते ही पूर्वांचल के अन्य जिलों के साथ सीमावर्ती बिहार के लोग भी गोरखपुर में फ्लैट या जमीन खरीदने को बेचैन दिख रहे हैं।

Written By :  Purnima Srivastava
Published By :  aman
Update:2022-03-24 11:12 IST

सीएम योगी आदित्यनाथ: Photo - Social Media

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) शुक्रवार को दूसरी बार सत्ता का नेतृत्व संभालने जा रहे हैं। उनका गृह जिला गोरखपुर (Gorakhpur) इसे लेकर काफी उत्साहित है। स्थानीय लोग तो उत्साहित हैं ही, पूर्वांचल के अन्य जिलों के साथ सीमावर्ती बिहार के लोग भी गोरखपुर में फ्लैट या जमीन खरीदने को बेचैन दिख रहे हैं। गोरखपुर विकास प्राधिकरण के साथ ही प्राइवेट बिल्डर कई योजनाएं लांच कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज एरिया से लेकर देवरिया बाईपास पर बड़े-बड़े मॉल बन रहे हैं।

पूर्वांचल के सबसे तेज बढ़ रहे शहरों में शुमार गोरखपुर, योगी आदित्यनाथ को दोबारा मुख्यमंत्री बनता देख 'उम्मीदों के रथ' पर सवार है। आवासीय योजनाओं को मिले बूस्टर डोज का नतीजा है कि पाइप लाइन की योजनाएं अमल में आती दिख रही हैं।


प्रचंड बहुमत योगी को, भाग्य खुले बाजार के  

महायोजना 2031 के लागू होते ही आवासीय योजनाओं की लांचिंग शुरू हो जाएगी। सिक्टौर, जगदीशपुर, बांस स्थान रोड और देवरिया रोड पर खूब प्लाटिंग हो रही है। योगी सरकार को प्रचंड बहुमत मिलते ही ग्रुप हाउसिंग, प्लाटिंग आदि को लेकर कारोबारियों ने हलचल तेज कर दी। जीडीए के अधिकारियों का कहना है कि कोई दिन ऐसा नहीं है, जब तीन-चार बड़े प्रोजेक्ट को लेकर पूछताछ नहीं हो रही है। सिक्टौर से लेकर जगदीशपुर के बीच 'नए गोरखपुर' को लेकर सर्वाधिक हलचल है। इस इलाके को जीडीए ने महायोजना 2031 में सर्वाधिक प्राइम लोकेशन माना है। जिसे देखते हुए बड़े बिल्डर सक्रिय दिख रहे हैं।

प्लाटिंग बढ़ी, कीमतें चढ़ी    

सरिया उत्पादन के क्षेत्र में प्रतिष्ठित औद्योगिक घराना भी जगदीशपुर से खोराबार के बीच इंटीग्रेटेड टाउनशिप को लेकर प्लानिंग की है। सिक्टौर क्षेत्र में तालकंदरा से लेकर आसपास के आधा दर्जन गांवों में जबरदस्त प्लाटिंग हो रही है। चुनाव में दौरान 400 रुपए वर्ग फीट में बिकने वाले प्लॉट की कीमत 600 रुपए तक पहुंच गई है। लोग सिक्टौर से लेकर जगदीशपुर में विकास की संभावना देख रहे हैं। वेटनरी मेडिकल कॉलेज भी इसी एरिया में प्रस्तावित है। वहीं, भटहट से बासस्थान रोड के तरकुलहा में बन रहे आयुष यूनिवर्सिटी के चलते भी आसपास की जमीनों की कीमतें बढ़ गई हैं। 


डिसमिल वाली जमीनें वर्ग फ़ीट की दर से बिक रहीं 

जहां जमीनें डिसमिल के रेट से मिल रही थीं, वहां वर्ग फीट के हिसाब से कीमतें मांगी जा रही है। साल भर के अंदर जमीन की कीमतें दोगुने के बराबर हो गई हैं। इस इलाके में कई बिल्डरों और पूंजीपतियों ने जमीनें खरीदी हैं। जंगल कौड़िया से जगदीशपुर तक बनने वाले प्रस्तावित फोरलेन के दोनों तरफ 100 मीटर का एरिया प्राधिकरण ने कमर्शियल घोषित किया है। महायोजना के लागू होने के बाद इस पर अमल होने लगेगा। तमाम लोगों ने गोदाम, स्कूल और हास्पिटल के लिए जमीनें खरीदी हैं।

क्या कहते हैं जीडीए उपाध्यक्ष?

जीडीए उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह का कहना है कि 'महायोजना 2031 का ड्राफ्ट तैयार है। जीडीए बोर्ड की प्रस्तावित बैठक में इसे प्रस्तुत किया जाएगा। महायोजना के लागू होते ही विकास की योजनाएं काफी तेजी से लांच होंगी।'

क्या कहते हैं बिल्डर? 

वहीं, बिल्डर विकास केजरीवाल का कहना है, कि 'चिड़ियाघर के आसपास का इलाका विकसित हो रहा है। देवरिया बाईपास के साथ जगदीशपुर फोरलेन भी सिक्सलेन हो रहा है। सिक्टौर से लेकर खोराबार के एरिया में आवासीय प्रोजेक्ट की मांग है। पूर्वांचल का सबसे बड़ा मॉल भी इस इलाके में 2024 तक तैयार हो जाएगा। इसके साथ ही कई आवासीय योजनाएं शुरू हो रही हैं।'

वहीं, बिल्डर ज्ञान मणि त्रिपाठी का कहना है, कि 'कंपनी के तीन प्रोजेक्ट शुरू हो रहे हैं। कई बड़े बिल्डर भी साथ में मिलकर प्रोजेक्ट शुरू करना चाहते हैं। देश के लोग पिछले पांच वर्षों में गोरखपुर के विकास को देख रहे हैं। ऐसे में आने वाले पांच साल के विकास को लेकर बड़ी उम्मीदें हैं। नेपाल और बिहार में प्रवेश का गेट-वे गोरखपुर है। ऐसे में यहां जमीन और फ्लैट की अच्छी मांग है।'

बिहार और आसपास के जिलों के खरीदार अधिक

प्रॉपर्टी का काम करने वाले जगदीश श्रीवास्तव का कहना है कि 'गोरखपुर में विकास की उम्मीदों के बीच जमीनों की कीमतें बढ़ रही हैं। गोरखपुर-सिलीगुड़ी और शामली एक्सप्रेस-वे से विकास की उम्मीदें बढ़ गई हैं। गोरखपुर का विकास सिक्टौर, खोराबार और जगदीशपुर एरिया में सर्वाधिक है। यह इलाका बाढ़ को लेकर भी संवेदनशील नहीं है। खरीदारों में बिहार, कुशीनगर, देवरिया के सर्वाधिक लोग हैं।' 

तारामंडल क्षेत्र के संपूर्ण विकास के बाद जीडीए के फोकस में मानबेला और खोराबार हैं। प्राधिकरण मानबेला में इंट्रीग्रेटेड टाउनशिप को लेकर काम कर रहा हैं। खाद कारखाने के चालू होने से मांग को देखते हुए प्राधिकरण यहां बड़ा मॉल बनाने जा रहे हैं। इसी तरह खोराबार में मेडीसिटी से लेकर ग्रुप हाउसिंग की योजनाएं लांच होने जा रही हैं।

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