लोगों की सुरक्षा को लेकर सीएम योगी का बड़ा बयान, कही ऐसी बात
प्रदेश की 23 करोड़ की आबादी की सुरक्षा के सुधार के लिए व्यापक स्तर पर बदलाव करने पड़ें तो इसके लिए सरकार किसी तरह की संकोच नहीं करेगी। यह बात सेक्टर-108 में..
नोएडा। प्रदेश की 23 करोड़ की आबादी की सुरक्षा के सुधार के लिए व्यापक स्तर पर बदलाव करने पड़ें तो इसके लिए सरकार किसी तरह की संकोच नहीं करेगी। यह बात सेक्टर-108 में पुलिस आयुक्त कार्यालय के उद्घाटन के समय मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने मंच से कहीं। उन्होंने कहा कि पुलिस आयुक्त प्रणाली अधिकारों का द्वंद नहीं है।
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लोगों को बेहतर माहौल देना प्रदेश को ऊचाई तक पहुंचाने की एक कड़ी है। इस मौके पर प्रभारी मंत्री जय प्रताप सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. महेश शर्मा, प्रदेश सरकार के मंत्री सुरेश राणा, विधायक पंकज सिंह, धीरेंद्र सिंह, तेज पाल नागर, अध्यक्ष नोएडा प्राधिकरण आलोक टंडन , अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी पुलिस आयुक्त आलोक सिंह मंच पर मौजूद रहे।
विकास के लिए मिथक को तोड़ना जरूरी है
विकास के लिए मिथक को तोड़ना जरूरी है, तभी 23 करोड़ की जनता का विश्वास और विकास दोनों साथ साथ चल सकेंगे। उन्होंने कहा कि रूढ़िवादी परंपरा को तोड़ना होगा। एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में बनने जा रहा है। नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण यमुना विकास प्राधिकरण और यहां रहने वाले लोगों का कारोबारियों का, युवाओं का किस स्तर पर अन्याय हुआ कितना शोषण हुआ यह देखने को मिला।
हम एक नई दिशा में बढ़ेंगे। उसी कड़ी का हिस्सा पुलिस आयुक्त प्रणाली है। सभी लोग मिलकर ही सामानजस्य बनाकर ही प्रकार की पद्यती को आगे बढाया जाए। पब्लिक टच होना चाहिए यहा बिट्रिश शासन नहीं है। कॉमनवाद होना चाहिए हम उनकी समस्याओं को सुने उनकी भावनाओं को समझे सहभागिता करे इसके प्रयास हो।
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बालिकाएं और महिलाएं यहा सेंटरों में काम करती है। अलग अलग शिफ्ट में काम करती है पुलिस पेट्रोलिंग इतनी बेहतर हो कि वह अपने को सुरक्षित महसूस करे। इस दिशा में प्रयास होने चाहिए। लोकतंत्र में चुने गए जनप्रतिनिधि प्रशासन पुलिस एक साथ मिलकर काम करे तो बेहतर परिणाम आएंगे।
यह वहीं क्षेत्र है जहा भट्टा पारसौल और अन्य बर्बर घटनाएं हुई। लेकिन आज दुनिया का समसे विकसित क्षेत्र की आेर अग्रसर है। और इसी की पारिणाम है कि आज जेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने जा रहा है। जेवर मामले में किसान खुद उनके पास आए और जमीन दी और कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए विकास जरूरी है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि 1998 से लेकर 2020 तक 22 वर्षो में गौरखपुर में एक भी अपहरण नहीं हुआ वहां लोग अपने को सुरक्षित महसूस करते है। वहां बेहतर माहौल है निवेश बढ़ रहा है।
लकीर के फकीर बनने की बजाए करे बेहतरीन कार्य
इस अवसर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा के लिए बदलाव और तकनीक की आवश्यकता है। इसके लिए वह सभी प्रयास किए जाएंगे जो जरूरी है। हम सभी को समय के अनुरूप बदलने की आदत डालनी पड़ेगी। यह आज की अवाश्यकता थी की बदलते परिवेश में लकीर का फकीर बनने की बजाए हम लोग किसी एक व्यवस्था को केवल अधिकारियों की लड़ाई तक सीमित न रखते हुए उसे नागरिकों की सुरक्षा को और बेहतर बना सके।
इसके लिए स्मार्ट सिटी के कांसेप्ट को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने के लिए पुलिस आयुक्त प्रणाली दो शहरों लखनऊ व गौतमबुदध नगर में लागू करने का निर्णय लिया। हमे प्रसंता है कि पुलिस आयुक्त पद्यती को बढ़ाने के लिए यह एक बेहतर पुलिस आयुक्त मुख्यालय के परिसर देने के लिए नोएडा प्राधिकरण को बधाई।
निवेश के नजरिए से बेहतर उप्र बढ़ रहा निवेशकों का विश्वास
उन्होंने आगे कहा कि उप्र केवल भषणों तक सीमित नहीं रहा। बल्कि हर क्षेत्र में परिवर्तन देखने को मिला। इस अहसास तब होता है जब अन्य राज्यों से उप्र की तुलना करते है तो वास्तव में बहुत कुछ परिवर्तन दिखता है। निवेश के नजरिए ने उन्होंने कहा कि जब 2017 के अंतिम समय में औद्योगिक विकास के संबंधित एक टीम उनके पास आई तो टीम ने उनसे कहा था कि हम लोग एक इंवेस्टर मीट करना चाहते है।
मैने कहा की लक्ष्य क्या रखा है उन्होंने 20 हजार करोड़ बताया। इस बात पर मुझे तरस आया। और कहा कि जिस प्रदेश की आबादी 23 करोड़ वहां 20 हजार करोड़ निवेश इसका लक्ष्य करीब दस गुना होना चाहिए। हमारी सरकार ने आते ही 36 हजार करोड़ रुपए किसानों के माफ किए। ऐसी पालिसी तैयार करे जिससे निवेश बढ़े और लोग यूपी आए।
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इसका श्रेय पुलिस विभाग को भी जाता है। जिन्होंने छह से सात महीनों में जो बेहतर कार्य किया उसका अंदाजा भले ही यहां रहने वाले लोगों न हो लेकिन प्रदेश ने इसे स्वीकार किया। अलग-अलग क्षेत्र में ऐसे उद्यमी थे जो लोग उप्र में निवेश नहीं करना चाहते थे।
कहीं प्रशासनिक शिथिलता, कानून व्यवस्था को देखते हुए अनंतता इसमे सुधार हुआ और पारिणाम समाने आया। इंवेस्टर्स मीट में पांच लाख करोड़ के प्रस्ताव आए। इसी तरह डिफेंस एक्सपों में अफसरों ने 20 हजार करोड़ के प्रस्ताव बताए यह सुनकर फिर संकोच हुआ क्योकि लोगों का माइंड सेट अब तक नहीं बदल सका है सुधार किया गया और डिफेंस एक्सपो में 50 हजार करोड़ का प्रस्ताव मिला।
ट्रैनिंग और बुनियादी सुविधाओं व तनकीन से बनती है स्मार्ट पुलिस
विकास में महत्वपूर्ण भूमिका पुलिस की होती है। देश व प्रदेश की विभिन्न अदालतों ने यहा पुलिस भर्ती पर रोक लगा रखी थी। सरकार ने हलफनामा दाखिल किया और भर्ती प्रक्रिया से रोक हटी और 1 लाख 37 हजार पुलिस भर्ती की प्रक्रिया को संपंन कराया गया। इस पूरी प्रक्रिया में कहीं भी ऊंगली नहीं उठी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट पुलिस के लिए दो कार्य पर फोकस किया गया पहला पुलिस ट्रैनिंग, दूसरा बुनियादी सुविधा।
जिन क्षेत्र में जिलाधिकारी के लिए कार्यालय न हो पुलिस अधिकारी के लिए कार्यलाय न हो पुलिस कर्मियों के आवास न हो वहा किस तरह से पुलिस स्मार्ट बन सकती है। मैने लखनऊ पुलिस लाइन का दौरा किया वहां गंदगी को देख सबसे पहले प्लास्टिक प्रतिबंध लगाया जिससे नालियां चौक होना बंद हुई।
6 हजार करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाया सरकार की तरफ से पैस दिया जा रहा है। ऐसे में बुनियादी सुविधा व ट्रैनिंग देकर पुलिस को स्मार्ट बनाने का कार्य किया जा रहा है।
इस सत्र में शुरू हो जाएगा पुलिस के लिए विवि
उन्होंने कहा कि पहले नोएडा में एक मात्र साइबर थाना था। अब दो थानों में है। यहा साइबर से संबंधित एक प्रयोग शाला बनाई जा रही है। जिससे साइबर क्राइम को नियंत्रित किया जा सकेगा। पुलिस आधुनिकिकरण के लिए इसी सत्र में एक विवि पास किया गया। जल्द ही इसका निर्माण भी शुरू हो जाएगा।
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प्रदेश में पैसा है लेकिन कार्ययोजना नहीं बना पा रहे हैं। आबादी बढ़ रही है अपराध की प्रवृति बदल रही है। ऐसे में हमे अपनी रणनिति बदलनी होगी पुरातन और नवीता में सामानजस्य स्थापित करना होगा।