8 महीने बाद खुले कालेज, लेकिन लखनऊ में छात्रों की संख्या रही कम
सरकार की गाइडलाइंस के हिसाब से विश्वविद्यालय में सोमवार से 50 फीसदी छात्रों के साथ क्लास लगना शुरू हो गया। कोरोना से बचाव के लिए यूनिवर्सिटी और कॉलेज में व्यवस्थाएं की गई हैं।
लखनऊ: लगभग आठ महीनों की बंदी के बाद आज विश्वविद्यालयों और कालेजों के खुल जाने से छात्र छात्रओं के चेहरे पर मुस्कान साफ दिखाई पड़ी। हालांकि इस दौरान छात्र छात्राओं उपस्थिति कम ही दिखाई दी। क्लास शुरू करने से पहले सैनिटाइजेशन किया गया है। अभी हॉस्टल नहीं खोले जाएंगे।
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विश्वविद्यालय में सोमवार से 50 फीसदी छात्रों के साथ क्लास लगना शुरू हो गया
सरकार की गाइडलाइंस के हिसाब से विश्वविद्यालय में सोमवार से 50 फीसदी छात्रों के साथ क्लास लगना शुरू हो गया। कोरोना से बचाव के लिए यूनिवर्सिटी और कॉलेज में व्यवस्थाएं की गई हैं। कॉलेज आने वाले छात्रों को गेट पर ही थर्मल स्क्रीनिंग के साथ कॉलेज में एंट्री दी गयी। लखनऊ यूनिवर्सिटी में शताब्दी वर्ष समारोह के चलते 25 नवंबर तक क्लासेज बंद हैं। 25 नवंबर के बाद यूनिवर्सिटी फिजिकल क्लासेज पर फैसला लेगी। इतना ही नहीं अन्य विश्विद्यालय भी अब अपने हिसाब से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए फिजिकल क्लासेज चला सकते हैं।
ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा यूनिवर्सिटी में कक्षाएं शुरू हुई
ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा यूनिवर्सिटी में कक्षाएं शुरू हुई। लेकिन किसी स्टूडेंट्स पर विवि आने का दबाव नहीं रखा गया। डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में अभी सिर्फ पीजी स्टूडेंट्स को क्लास के लिए बुलाया गया है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में अभी इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है।
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इस दौरान कालेज प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी दिखाते हुए सारे इंतजाम कर रखे हैं। सोशल डिस्टेंसिग के साथ ही मास्क आदि का भी गेट पर ही इंतजाम किए गए। क्योंकि सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार कॉलेज आने वाले सभी छात्र को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंस के साथ क्लास रूम में छात्र की बैठने की व्यवस्था की गई है। एक बेंच पर 2 छात्रों के बीच 2 गज की दूरी से ज्यादा की दूरी होनी चाहिए।
रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री
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