कांग्रेस चली गांव की ओर, किसानों की समस्या को लेकर करेगी बड़ा आंदोलन

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में चार दिन तक चली इस पाठशाला में यूपी कांग्रेस के जिला व शहर अध्यक्षों को जहां राजनीति में संघर्ष का पाठ पढ़ाया गया तो वही पार्टी के स्वर्णिम इतिहास के बारे में बताते हुए, इसे वापस पाने का संकल्प दिलाया गया।

Update: 2020-01-23 15:03 GMT

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: कांग्रेस महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी की राजनीति की पाठशाला गुरूवार को समाप्त हो गई। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में चार दिन तक चली इस पाठशाला में यूपी कांग्रेस के जिला व शहर अध्यक्षों को जहां राजनीति में संघर्ष का पाठ पढ़ाया गया तो वही पार्टी के स्वर्णिम इतिहास के बारे में बताते हुए, इसे वापस पाने का संकल्प दिलाया गया।

इस पाठशाला में महात्मा गांधी का असली भारत गांवों में बसता है को चरित्रार्थ करते हुए ग्रामसभा स्तर पर पार्टी संगठन को ले जाने की रणनीति बनाने का मंसूबा भी बांधा गया और तय किया गया कि पार्टी किसानों के मुद्दे लेकर सड़क पर उतरेगी। इसके लिए जल्द ही प्रदेशव्यापी आंदोलन की तिथि घोषणा की जायेगी।

पार्टी ने इस आंदोलन की रूपरेखा भी अपने जिला व शहर अध्यक्षों को भली-भाति समझा दी है जिसके तहत कांग्रेस कार्यकर्ता ब्लॉक स्तर पर किसानों के बीच जाकर किसान जागरण करेंगे। किसानों के मुद्दे पर ब्लॉकवार नुक्कड़ सभा, तहसीलवार कार्यक्रम किए जायेंगे, जिसमे कांग्रेस कार्यकर्ता जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों का घेराव भी करेंगे।

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कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश के सभी क्षेत्रों में किसानों की समस्याओं को सुनेंगे और इन समस्याओं को किसानों से ही मांग-पत्र में भरवाकर तहसील, जिला मुख्यालय और अन्य प्रशासनिक केंद्रों पर प्रदर्शन करेंगे।

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किसान आंदोलन के अंतिम चरण में लखनऊ में विशाल किसान आक्रोश मार्च किया जायेगा जिसमे प्रदेश में छुट्टा पशुओं की समस्या, गन्ना मूल्य बकाये का भुगतान, धान खरीद में बिचैलियों का आतंक, धान का दाम बढ़ाकर छत्तीसगढ़ सरकार की तर्ज पर 2500 रुपये प्रति कुंतल करने, आलू किसानों की समस्या, बुंदेलखंड में ओलावृष्टि और कर्ज वसूली के नाम पर भेजी जा रही नोटिसों, किसान आत्महत्या, पराली की समस्या, आगामी गेहूं खरीद जैसे प्रमुख मुद्दे इस अभियान के प्रमुख बिंदु होंगे।

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इसके साथ ही प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, युवाओं व छात्रों से जुड़े मुद्दे तथा मंदी की चपेट में घिर रही अर्थव्यवस्था और भयंकर बेरोजगारी, महंगाई के मुद्दे भी सरकार को घेरने का फैसला लिया गया है। इसके लिए पार्टी के सोशल मीडिया सेल को और मजबूत करने तथा पार्टी के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर सक्रिय होने को कहा गया।

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