कांग्रेस को 1000 बसें लखनऊ तुरंत भेजनी चाहिए: मायावती

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह राज्यों की आर्थिक स्थिति का ध्यान रखते हुए प्रवासी मजदूरों को अपने खर्च पर बसों व ट्रेनों से भेजने के लिए कदम उठाये।

Update:2020-05-19 16:09 IST

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह राज्यों की आर्थिक स्थिति का ध्यान रखते हुए प्रवासी मजदूरों को अपने खर्च पर बसों व ट्रेनों से भेजने के लिए कदम उठाये। मायावती ने मंगलवार को तीन टवी्ट करके केंद्र सरकार, राज्य सरकारों तथा कांग्रेस को निशाने पर लिया है।

बसपा सुप्रीमो ने मंगलवार को अपने पहले टवी्ट मे कहा है कि केंद्र सरकार से अपील है कि वह राज्यों की आर्थिक स्थिति को खास ध्यान में रखकर तथा मानवता व इंसानियत के नाते भी खुद अपने खर्च से श्रमिक प्रवासियों को बसों व ट्रेनो आदि से सुरक्षित भिजवाने के लिए जरूर सकारात्मक कदम उठायें।

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प्रवासी मजदूरों के लिए उचित प्रबंध करें राज्य सरकार

मायावती ने दूसरा टवी्ट राज्य सरकारों को किया। जिसमें उन्होंने कहा कि राज्यों की सरकारों से भी यह कहना है अपने-अपने राज्यों में श्रमिक प्रवासियों की खाने व ठहरने तथा उन्हे सरल प्रक्रिया के जरिये बसों व ट्रेनों आदि से भेजने की उचित व्यवस्था जरूर करे।

मायावती ने तीसरे टवी्ट में कांग्रेस का जिक्र करते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी के पास वास्तव में 1000 बसें है तो उन्हें लखनऊ भेजने में कतई भी देरी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यहां भी श्रमिक प्रवासी लोग भारी संख्या में अपने घरों में जाने का काफी बसब्री से इन्तजार कर रहे है।

बता दे कि प्रवासी मजदूरों के मामले में बसपा सुप्रीमों मायावती लगातार टव्टिर पर सक्रिय है। उन्होंने रविवार को टिव्ट करके कहा था कि बेहतर होगा कि कांग्रेस अपनी 1,000 बसें यूपी भेजने के बजाए, उन्हें पहले पंजाब व चण्डीगढ़ ही भेज दें, ताकि वहां के पीड़ित श्रमिक यमुना नदी में अपनी जान जोखिम में डालने के बजाए सड़क के जरिये सुरक्षित यूपी पहुंच सकें।

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मायावती ने कही ये बड़ी बात

उन्होंने राहुल गांधी की दिल्ली के आश्रम में मजदूरों से मुलाकात किए जाने पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेसी नेता दिल्ली में मजदूरों से मिलने के दौरान अगर प्रवासी मजदूरों की कुछ आर्थिक मदद व खाने आदि की व्यवस्था भी कर देते तो उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिल जाती।

कांग्रेस को उनके दुख-दर्द को बांटने के साथ-साथ बसपा की तरह उनकी कुछ मदद भी जरूर करनी चाहिये। इससे पहले शनिवार को भी प्रवासी मजदूरों के मजबूरी में होने वाले पलायन पर राजनीति नहीं करने की सलाह देते हुए कहा था कि केन्द्र तथा भाजपा व कांग्रेस-शासित राज्यों को दलगत राजनीति से उपर उठकर प्रवासी मजदूरों के जान-माल व हितों की रक्षा पूरी तत्परता व ईमानदारी से करनी चाहिए।

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