अच्छी खबरः कोरोना मरीजों को अब यहां मिलेगी कैशलेस इलाज की सुविधा

जहां एक ओर पूरा देश कोरोना वायरस संक्रमण से भयभीत है तो वहीं इस दौरान हुए लाकडाउन व पाबंदियों के कारण आमदनी में कमी से परेशान है।

Update:2020-07-22 13:05 IST

लखनऊ: जहां एक ओर पूरा देश कोरोना वायरस संक्रमण से भयभीत है तो वहीं इस दौरान हुए लाकडाउन व पाबंदियों के कारण आमदनी में कमी से परेशान है। सरकार द्वारा बनाये गए कोविड अस्पतालों में कोरोना मरीजों का तांता लगा हुआ है तो कुछ लोग निजी अस्पतालों में भी इलाज करवा रहे है। लेकिन इसी बीच कुछ अस्पतालों द्वारा कैशलेस इलाज करने से मना करने की खबरे भी आयी।

इसकी शिकायत भारतीय बीमा नियामक प्राधिकरण (इरडा) को भी मिली जिस पर इरडा ने बीते सप्ताह एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आए बीमाधारक का कैशलेस इलाज करने से अस्पताल इनकार नहीं कर सकते हैं। अगर कोई अस्पताल किसी बीमाधारक को कैशलेस ट्रीटमेंट की सुविधा देने से मना करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इरडा ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वह अस्पतालों में ग्राहकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा में आ रही परेशानियों पर नजर रखें।

ये भी पढ़ें:WHO बना तबाही: भारत-अमेरिका समेत सभी देशों पर बढ़ा खतरा, सामने आई ये रिपोर्ट

जारी सकुर्लर में इरडा ने बीमा कंपनियों से कहा है कि अस्पतालों द्वारा कोरोना मरीजों के कैशलेस इलाज न दिए जाने की शिकायतों के हल में पूरी मदद करे और इसके लिए अलग से एक व्यवस्था बनाये। इरडा ने बीमा कंपनियों से कहा है कि उनकी सूची में शामिल अस्पतालों के साथ वह लगातार संपर्क करे और बीमाधारकों का फीडबैक भी लगातार लेते रहे। बीमा कंपनी बीमाधारक की शिकायत की जांच करेंगी और सही पाये जाने पर उक्त अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई या जुर्माने पर फैसला करते हुए अपनी वेबसाइट या पोर्टल पर सार्वजनिक करेगी और बीमाधारक को भी इसकी सूचना देगी। इरडा ने साफ किया है कि बीमा कंपनी की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने ग्राहक बीमा धारकों को पालिसी का लाभ दिलाये।

ये भी पढ़ें:गहलोत को तगड़ा झटका: ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू, ED के घेरे में इनके करीबी

इरडा ने बीमाकर्ताओं से ऐसे अस्पतालों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी इरडा की वेबसाइट पर भी देने करने को कहा है। इरडा ने कहा है कि बीमा कंपनी की सूची में शामिल अस्पताल अगर किसी बीमाधारक को कैशलेस इलाज के लिए मना करता है तो वह इसकी शिकायत बीमा कंपनी और सरकारी एजेंसियों में करें। ऐसे अस्पताल पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News