भाजपा की कुनीतियों से गहरे संकट में है देश की अर्थव्यवस्था: अखिलेश

सपा अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को सन् 2024-25 तक पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का बड़ा दावा किया है लेकिन आर्थिक संकेत इस बात के हैं कि उनका यह दावा उनके अन्य दावों की तरह थोथा ही साबित होगा।

Update:2019-08-13 21:46 IST
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार की कुनीतियों का नतीजा है कि देश की अर्थव्यवस्था गहरे संकट के दौर से गुजर रही है। नोटबंदी और जीएसटी ने व्यापार जगत में भारी तबाही मचाई है। इससे छोटे और घरेलू उद्योग तो बंद हो ही रहे थे, अब तो देश का आटो मोबाइल सेक्टर भी दम तोड़ने लगा है। देश का विदेशी मुद्रा भण्डार 26 जुलाई 2019 को समाप्त सप्ताह में 72.7 करोड़ डालर घटकर 429.65 अरब डालर रह गया है। रुपए के कमजोर होने के कारण भारत की अर्थव्यवस्था फिसलकर सातवें स्थान पर आ गई है।

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स्टार्ट अप और स्टैण्ड अप इण्डिया जैसे प्रोग्राम दिए थे जो सब नाकाम रहे

सपा अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को सन् 2024-25 तक पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का बड़ा दावा किया है लेकिन आर्थिक संकेत इस बात के हैं कि उनका यह दावा उनके अन्य दावों की तरह थोथा ही साबित होगा। अपनी पहली सरकार में उन्होंने दो करोड़ नौकरियां देने, किसानों की आय दुगनी करने, मंहगाई कम करने तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के वादे किए थे। सन् 2014 से 2019 तक स्वच्छ भारत, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ, स्टार्ट अप और स्टैण्ड अप इण्डिया जैसे प्रोग्राम दिए थे जो सब नाकाम रहे। प्रतिव्यक्ति आय के मामले में सन् 2018 में 187 देशों में भारत का नम्बर 142 था।

अखिलेश ने कहा कि श्रम ब्यूरों ने रोजगार सर्वेक्षण में कहा है कि पिछले छह वर्षों में लगभग 3.7 करोड़ कामगारों ने कृषि कार्य से तौबा कर ली है। कृषि कार्यों में लोगों की असुरक्षा बढ़ी है। पांच वर्ष में 60 हजार किसानों ने आत्महत्या की है। किसानों पर कुल 72 हजार करोड़ रुपए का कर्ज आंका गया है जबकि कारपोरेट घरानों पर बैंकों का पांच लाख करोड़ रुपयां बाकी है। ऐसी स्थिति में उद्योग जगत में उत्पादन बढ़ने की आशा कैसे की जा सकती है। यह संकेत है कि गरीब, किसान, खेती-गांव भाजपा सरकार की प्राथमिकता में कितने नीचे हैं।

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जीएसटी के कारण वाहनों के 286 शोरूम इस वर्ष अप्रैल तक 18 माह की अवधि में बंद हो चुके हैं

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के नए भारत का सच यह भी है कि सन् 2018 में एक करोड़ दस लाख नौकरियां चली गईं। इस वर्ष अब तक रेलवे क्षेत्र में तीन लाख लोगों की छंटनी हो चुकी हैं। आटो मोबाइल क्षेत्र की दुर्दशा चिंताजनक है। जीएसटी के कारण वाहनों के 286 शोरूम इस वर्ष अप्रैल तक 18 माह की अवधि में बंद हो चुके हैं और दो लाख से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी हो चुकी है। इससे पूर्व 32 हजार कर्मचारी पहले ही घर बैठा दिए गए। यहां तक की स्टील सेक्टर में भी उत्पादन में गिरावट आई है।

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सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा व्हाट्सएप और टीवी में ही अपना काम देखती है, जमीनी काम तो कहीं दिखता नहीं है। लोगों से रोजगार छीन लिया गया है। उत्पादन के सभी सेक्टरों में गिरावट दर्ज हो रही है। न मांग है न निजी निवेश और न ही उसका माहौल तो विकास होगा कहां से? बैंक मदद नहीं कर रहे हैं नये उद्योग लग नहीं रहे हैं। बेतहाशा बेरोजगारी से अपराध वृद्धि स्वाभाविक प्रक्रिया है। लूट, अपहरण की घटनाओं में बाढ़ आई है।

महिलाओं के प्रति अपराधों में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। समाज में तनाव है और सामाजिक सद्भाव को खतरे में डालने में सत्तारूढ़ दल कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। लोकतंत्र में यह सबसे खतरनाक स्थिति है। लोकतंत्र को भीड़तंत्र बनाने की उसकी साजिशों से सभी को सावधान रहना होगा।

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