Santkabirnagar News: मां-बेटे पर साबित हुआ मर्डर करने का आरोप, कोर्ट ने सुनाई ये सजा

Santkabirnagar News: जनपद के बखिरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत खुरजहना के निवासी भरत निषाद की 10 वर्ष पहले हुई हत्या के मामले में अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।

Update: 2023-04-25 19:13 GMT
संतकबीर नगर में मर्डर करने के आरोप में मां-बेटे को आजीवन कारावास: Photo- Social Media

Santkabirnagar News: जनपद के बखिरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत खुरजहना के निवासी भरत निषाद की 10 वर्ष पहले हुई हत्या के मामले में अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। इस मामले के आरोपित फूलमती नाम की महिला और गुड्डू उर्फ विजय नाम के पुत्र को अदालत ने दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

आरोपी के साथ गया था व्यक्ति, बाद में मिला था मृत

जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि बखिरा थाना अंतर्गत खुरजहना निवासी राजू निषाद ने वर्ष 2013 में 21 नवंबर को पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया था। जिसमें कहा गया था कि रात 10 बजे उनके पिता भरत निषाद खा-पीकर घर पर सो रहे थे। उसी समय गांव के इंदल की पत्नी फूलमती घर आई और उनके पिता को जगाकर अपने साथ ले गई। उनके माता श्याम देवी ने पूछा कि इतनी रात को कहां जा रहे हैं तो उनके पिता ने कहा कि फूलमती के साथ जा रहा हूं, अभी आ जाऊंगा।

सुबह 7:30 बजे जब वह शौच के लिए गया तो देखा कि गांव के दक्षिण बाग में आम के पेड़ के पास उसके पिता की चप्पल, टार्च, मोबाइल और बगल में खून गिरा हुआ था। शोर मचाने पर गांव के लोग, उसकी माता और बहन सब आ गए। गांव के लोग तलाश किए तो सुरेश पाठक की खेत में उसके पिता का शव पड़ा हुआ था। शरीर पर धारदार व नुकीले हथियार से चोट का निशान थे। अपने प्रार्थना पत्र में उसने फूलमती और उसके लड़के गुड्डू व अन्य को आरोपी बताया था। जिसकी सूचना पर थाना बखिरा में मुकदमा पंजीकृत हुआ था।

विवेचना के उपरांत फूलमती व उसके लड़के विजय उर्फ गुड्डू तथा एक अन्य लड़के के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया गया। फूलमती व गुड्डू उर्फ विजय का विचारण सत्र न्यायालय में हुआ तथा एक अन्य आरोपी की पत्रावली किशोर घोषित होने पर किशोर न्यायालय भेज दी गई। जिला शासकीय अधिवक्ता विशाल श्रीवास्तव ने बताया कि अभियोजन की तरफ से कुल 10 साक्षियों का साक्ष्य कराया गया। साक्ष्यों के आधार पर मां-बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इन दोनों पर 10-10 हजार रुपए अर्थदंड का आदेश भी सत्र न्यायाधीश देवेंद्र सिंह ने दिया। अर्थदंड न अदा करने पर दो वर्ष की अतिरिक्त कारावास का फैसला दिया गया।

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