यूपी में गोआधारित प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा, किसानों की आमदनी बढ़ाने पर जोर

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन में पहले स्थान पर है। दुग्ध उत्पादन को और बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है।

Update:2022-06-29 19:45 IST

UP Minsiter Dharampal Singh (Image credit: Newstrack)

Uttar Pradesh news: यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने अपने विभाग की योजनाओं को मीडिया के साथ साझा किया। उन्होंने अपने विभागों की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं के संबंध में बताया कि निराश्रित गोवंश का संरक्षण, छुट्टा पशुओं से होने वाली समस्याओं का समाधान करते हुए गोआधारित प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही इसके उत्पादों को लोकप्रिय बनाकर किसानों की आमदनी को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन में पहले स्थान पर है। दुग्ध उत्पादन को और बढ़ाना सरकार का लक्ष्य है। इसके साथ ही मदरसों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ा जा रहा है और मदरसों की शिक्षा में आधुनिकीकरण का समावेश किया जा रहा है। अल्पसंख्यक वर्गों के लिए बनाये गये कार्यक्रमों को तेजी से क्रियान्वित करके उनका शैक्षिक, आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान करना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है।

गोवंश संरक्षण पर जोर

मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि गोवंश के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए 6222 विभिन्न गोआश्रय स्थलों में 8.55 लाख गोवंश को संरक्षित करने के साथ-साथ 1.38 लाख गोवंश को सुपुर्दगी में प्रतिमाह भरण-पोषण 900 रुपये प्रति गोवंश के साथ दी जा रही है। गोआश्रय स्थलों पर किसी प्रकार की लापरवाही न हो और गोसंरक्षण कार्य पूरी संवेदनशीलता के साथ किया जाये। इसके लिए प्रत्येक गोआश्रय स्थल का स्थलीय सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। स्थलीय सत्यापन की रिपोर्ट प्राप्त होते ही उसे विभाग स्तर पर विकसित किये जा रहे "गो-संरक्षण पोर्टल" में फीड कराया जायेगा। इसके बाद ऑनलाइन सूचना प्राप्त की जाएगी। पोर्टल का प्रयोग सुगम बनाने हेतु एण्ड्राइड मोबाईल एप भी विकसित किया जा रहा है। पोर्टल का अवलोकन विभागों, शासन के साथ-साथ जनमानस हेतु भी उपलब्ध होगा।

गोबर,गोमूत्र को बनाएगी जनउपयोगी

पशुधन मंत्री ने कहा कि गोवंश को उपयोगी बनाये जाने के लिए गोबर, गोमूत्र के सार्थक,जनउपयोगी उत्पाद बनाने के लिए सरकार द्वारा प्रत्येक विकास खण्ड में 2000 से 3000 गोवंश धारण क्षमता के विकास खण्ड स्तरीय बृहद गो-संरक्षण केन्द्रों की स्थापना के लिए कार्य शुरू किये गए हैं। इन गोआश्रय स्थलों पर सीबीजी, सीएनजी प्लान्ट की स्थापना पीपीपी मोड में कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा जारी भरण-पोषण धनराशि के सापेक्ष गोआश्रय स्थलों पर संरक्षित भूसा 2.80 लाख टन एव कल्याण संस्थाओं एवं अन्य दानदाताओं से प्राप्त भूसा 46 हजार टन है। कुल 3.26 लाख टन भूसा संरक्षित है। प्रदेश में चारे एवं भूसे की उपलब्धता बनी रहे इस हेतु जनपदों में कुल 3574 भूसा बैंक भी स्थापित किये जा चुके हैं। पशुधन मंत्री ने बताया कि उन्नत पशु प्रजनन की सुविधा पशुपालकों के द्वार पर उपलब्ध कराई जा रही है। लगभग 90 प्रतिशत मादा संतति की प्राप्ति हेतु वर्गीकृत वीर्य का उत्पादन भी विभागीय केन्द्र बबुगढ़, हापुड़ में किया जा रहा है एवं समस्त जनपदों उपलब्ध है। निबलेट, बाराबंकी स्थित प्रयोगशाला में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन तकनीकी से भ्रूण का विकास कर डोनर मादाओं में भू्रण का प्रत्यारोपण कर उन्नत प्रजाति की संतति प्राप्त की जा रही है एवं इसका विस्तार क्षेत्र में भी किया जायेगा।

दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा

मंत्री धर्मपाल सिंह ने दुग्ध विकास विभाग की उपलब्धियों के संबंध में बताया कि दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण करने की योजना में समिति गठन-200 एवं समिति पुनर्गठन-300 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से 125 समिति गठन एवं 150 समितियों के पुनर्गठन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। आगामी तीन माह के समक्ष 75 समिति का गठन एवं 150 पुनर्गठन किया जाना है। अयोध्या जिले में नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लान्ट का निर्माण कार्य पूर्ण करते हुए संचालन प्रारम्भ किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस डेयरी प्लान्ट का निर्माण कार्य पूर्ण होकर ट्रायल प्रक्रियाधीन है और जुलाई महीने में प्लान्ट का लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों से कराया जाना प्रस्तावित है। डेयरी प्लान्ट की प्रसंस्करण क्षमता 0.50 लाख लीटर प्रतिदिन है तथा परियोजना लॉगत 69.60 करोड़ है।

गोरखपुर, कानपुर में लगेगा नया प्लांट

इसी तरह गोरखपुर और कानपुर में नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लान्ट की स्थापना, की जा रही है। शासन द्वारा वाराणसी में 20 मीट्रिक टन क्षमता के पाउडर प्लान्ट का निर्माण कार्य पूर्ण करने के लिए 22.84 करोड़ की धनराशि वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्ययक मे प्राविधानित की गयी है। मेरठ में निर्माणाधीन नवीन ग्रीन फील्ड डेयरी प्लान्ट के अवशेष कार्यों को पूरा करने के लिए 56.98 करोड़ की धनराशि का प्राविधान वित्तीय वर्ष 2022-23 के आय व्ययक में किया गया है।

मदरसों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा

मदरसों में आधुनिक शिक्षा बढ़ावा देने दृष्टिगत ई-लर्निंग ऐप तैयार किया गया है। जिसके लान्च हेतु समस्त कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्थित 24 अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थाओं आधारभूत संरचना के विकास 5.42 करोड़ अंतरित की जा चुकी है। हज-2022 में लखनऊ इम्बारकेशन से 4256 व दिल्ली इम्बारकेशन 3196 इस प्रकार उप्र के कुल 7452 हज यात्री भेजे गये। वर्ष 2017 से प्रतिवर्ष हज यात्रियों के सुविधा के लिए सरकारी खर्च हज (खादिमुल हुज्जाज) भेजे जा रहे हैं। इसी क्रम हज-2022 हेतु 50 हज सेवकों को भेजा गया।

धर्मपाल सिंह के साथ मौजूद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए विभिन्न योजनायें संचालित की जा रही हैं। जिसका लाभ उठाकर अल्पसंख्यक समाज अपने को विकास के मुख्यधारा में शामिल हो, इसके अतिरिक्त इस वर्ग के सर्वागीण विकास के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से संवेदनशील और गम्भीर है।

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