करोड़ों का राशन घोटाला: दो आरोपी गिरफ्तार, आपूर्ति विभाग में मचा हड़कंप

मेरठ जनपद के विभिन्न थानों में 84 अभियोग पंजीकृत किये गये थे। इनकी जांच एसएसपी मेरठ के निर्देश पर एसपी (अपराध)राम अर्ज की अगुवाई में अपराध शाखा द्वारा की जा रही है।

Update:2020-06-24 00:16 IST

मेरठ: जिले में हुए करोड़ रुपये के राशन घोटाले के मामले में पुलिस ने दो लोंगो को गिरफ्तार किया है। जिला पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि जनपद मेरठ में पहले से सीड पात्र व्यक्ति के आधार नम्बर को फर्जी व कूटरचित तरीके से पूर्ति विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिली भगत से अनाधिकृत व्यक्ति के आधार नम्बर को फर्जी व कूट रचित तरीके से कम्प्यूटर में फीड करा कर राशन विक्रेताओं द्वारा कतिपय लोंगो के साथ आपराधिक षडयंत्र रच कर आहरित करते हुए करोंड़ों रुपये के राशन की काला बाजारी करते हुए घोटाला किया गया था।

इस मामले में मेरठ जनपद के विभिन्न थानों में 84 अभियोग पंजीकृत किये गये थे। इनकी जांच एसएसपी मेरठ के निर्देश पर एसपी (अपराध)राम अर्ज की अगुवाई में अपराध शाखा द्वारा की जा रही है। विवेचना के आधार पर पुलिस ने जुल्फिकार पुत्र मौ०ताहिर निवासी जाकिर कालोनी, और कोटेदार सादिक आलम पुत्र इफ्तिार निवासी रशीद नगर को गिरफ्तार कर लिया है।

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पुलिस प्रवक्ता के अनुसार गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ में पता चला है कि जिला पूर्ति कार्यालय मेरठ में पूर्ति निरीक्षक के लिए अभियुक्त जुल्फिकार काम करता था। यहीं से तत्कालीन डीएसओ के साथ काम करने वाले शहनवाज(कम्प्यूटरऑपरेटर) निवासी जाकिर कालोनी के सहयोग से पूर्ति निरीक्षक की आइडी और पासवर्ड प्राप्त करके आधार नंबर को बदलकर पूर्ति विभाग के अधिकारियों की सहमति से राशन की कालाबाजारी करते थे।

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जुल्फिकार ने बताया कि राशन डीलर की ई-पास मशीन प्राप्त करके उस पर बायोमैट्रिक चिन्ह लगाकर राशन वितरण किया जाता था, जो राशन बाजार में अवैध तरीके से कालाबाजारी कर दिया जाता था। बाजार से आई रकम की हिस्सेदारी पूर्ति विभाग के अफसर और कर्मचारियों को जाती थी। इस संबंध में करीब 25 हजार से अधिक लोगों का राशव अवैध तरीके से निकालकर कालाबाजारी किया गया है। प्रवक्ता के अनुसार इस मामले में एसआइटी की तरफ से पहले पूर्व डीएसओ के कंप्यूटर ऑपरेटर शहनवाज को पहले हीगिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

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यहां बता देंकि भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मेरठ समेत कई जिलों में अपात्र लोगों को फर्जी तरह से राशन देने के नाम पर करोड़ों का घोटाला किए जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी। प्रदेश में भाजपा सरकार आने के बाद जुलाई 2016 से 2017 के बीच जिले में 84 मामले दर्ज हुए। इसकी जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। मामले की जांच एसपी क्राइम रामअर्ज को दी गई। एसपी क्राइम ने बताया कि इस मामले में पूर्ति विभाग के अफसर और कर्मचारी सभी फंसे हुए है। उनके खिलाफ आरोप पत्र लगाने के लिए डीएम से अनुमति मांगी जा रही है। अनुमति मिलने के बाद कुछ मुकदमों में आरोप पत्र भी कोर्ट में दाखिल किया जाएगा।

रिपोर्ट: सुशील कुमार

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