देवबंदी उलेमा: नमाज के लिए स्पेशल ब्रेक रावत सरकार का सराहनीय कदम, UP भी करे लागू

उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार द्वारा जुमे की नमाज के लिए सरकारी मुस्लिम कर्मचारियों को डेढ़ घंटे की विशेष छुट्टी दिए जाने का देवबंदी उलेमा ने स्वागत किया है।

Update: 2016-12-19 15:46 GMT

फाइल फोटो: मौलाना इब्राहिम कासमी, मुफ्ती आरिफ कासमी, मौलाना नदीमुल वाजदी, कारी रहीमुद्दीन (बाएं से दाएं क्रम में)

 

सहारनपुर: उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार द्वारा जुमे की नमाज के लिए सरकारी मुस्लिम कर्मचारियों को डेढ़ घंटे की विशेष छुट्टी दिए जाने का देवबंदी उलेमा ने स्वागत किया है। उलेमा ने कहा है कि उत्तराखंड की सरकार की तर्ज पर यूपी सरकार को भी मुस्लिमों को जुमे की नमाज के लिए विशेष छूट दी जानी चाहिए।

दारुल इल्म के मोहतमिम मुफ्ती आरिफ कासमी ने क्या कहा ?

दारुल इल्म के मोहतमिम मुफ्ती आरिफ कासमी ने कहा कि उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत ने मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं का जिस तरह ध्यान रखा है, वह एक सराहनीय कदम है। यूं तो मुसलमानों के लिए सारी नमाजें फर्ज हैं, लेकिन जुमे की नमाज पढ़ने के लिए मुस्लिम समाज में खास धार्मिक भावना होती है।

हरीश रावत द्वारा लिया गया यह फैसला मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान है। उन्होंने यह भी कहा कि मुसलमानों के हितों की बात करने वाली यूपी की सपा सरकार को भी जुमे के दिन विशेष तौर पर सरकारी महकमों में काम करने वाले मुस्लिम समाज के लोगों को कुछ घंटों की छुट्टी दिए जाने का फैसला लेना चाहिए।

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यूपी सरकार को भी देनी चाहिए ऐसी छूट

जामिया हकीमुल इस्लाम के मोहतमिम कारी रहीमुद्दीन कासमी और जामिया कासमिया दारुल तालीम और सना के मोहतमिम मौलाना इब्राहिम कासमी ने भी उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि हरीश रावत की तरह ही यूपी के सीएम अखिलेश यादव को भी मुस्लिम समाज को जुमे की नमाज के लिए कुछ घंटों की विशेष छूट देनी चाहिए।

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क्या कहते हैं अल कुरान फाउंडेशन के अध्यक्ष

अल कुरान फाउंडेशन के अध्यक्ष और प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान मौलाना नदीमुल वाजदी ने भी इस फैसले की सराहना करते हुए इसे मुस्लिम समाज की धार्मिक भावनाओं की कद्र बताया है।

क्‍या बाेले जफरयाब जिलानी

बाबरी मस्जिद एकशन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि इस फैसले के लिए उततराखंड सरकार का स्वागत है। जुमे की नमाज के लिए हर देश में सहूलियत दी जाती है। हां ये हो सकता है कि उत्तराखंड की हरीश रावत सरकार अब कट्टर हिंदू संगठनों के निशाने पर रहेगी, लेकिन यह फैसला स्वागत योग्य है।

अगली स्लाइड्स में जानिए उत्‍तराखंड की कांग्रेस सरकार ने क्या ऐलान किया है ...

उत्‍तराखंड सरकार का ये है ऐलान

उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक से पहले एक बड़ा ऐलान किया है। उत्तराखंड सरकार ने सरकारी संस्‍थानों में काम करने वाले मुस्लिम समुदाय के कर्मचारियों को जुमे की नमाज पढ़ने के लिए शुक्रवार को 90 मिनट (12.30 से 2 बजे तक) का स्पेशल ब्रेक देने का फैसला किया है।

सीएम हरीश रावत की मौजूदगी में हुई कैबिनेट मीटिंग में यह फैसला लिया गया। हालांकि इस आदेश में निजी संस्थाओं में नमाज के लिए अल्प अवकाश देने की किसी तरह की कोई बाध्यता नहीं होगी। सरकार ने फैसले को तुरंत लागू करने की बात कही। इसको लेकर कई दलों ने विरोध भी किया है।

नए साल से मिलेगा 7वें वेतन आयोग का लाभ

-इसके अलावा हरीश रावत कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात देते हुए उन्हें नए साल से 7वें वेतन आयोग का लाभ देने का फैसला किया है।

-अब राज्य के सरकारी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के लाभ 01 जनवरी, 2017 से मिलने लगेगा।

-इस फैसले से प्रदेश के करीब ढाई लाख कर्मचारी और पेंशनर्स लाभान्वित होंगे जबकि राजकोष पर 3000 करोड़ रुपए सालाना का भार पड़ेगा

-कैबिनेट ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) और पीजी डॉक्टरों के 5 साल का बॉन्ड तोड़ने को लेकर भी फैसले किए।

-सातवें वेतन आयोग के तहत 20 फीसदी तक बढ़ा वेतन कर्मचारियों मिलेगा।

-इसके अलावा अन्य फैसलों में राज्य के तीन समुदायों को ओबीसी में शामिल करने और दून-हरिद्वार को मेट्रोपोलिटन एरिया भी घोषित किया गया है।

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