Deoria News : फर्जी आरटीओ से रिश्वत लेकर छोड़ना पुलिसकर्मियों को पड़ा महंगा, दरोगा समेत दो मुख्य आरक्षियों के विरुद्ध केस दर्ज
नीली बत्ती लगी गाड़ी लेकर ट्रकों से कर रहे थे वसूली, पकड़े जाने पर गूगल पे के जरिए पुलिसकर्मियो को दी गई थी धनराशि
देवरिया: जिले में फर्जी आरटीओ बन कर ट्रकों से वसूली करने वाले एक शख्स से रिश्वत लेकर छोड़ने के मामले में पुलिस अधीक्षक श्रीपति मिश्र के आदेश पर एक दरोगा व दो आरक्षियों के खिलाफ मईल थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। इन पुलिसकर्मियों ने गूगल पे के जरिए घूस लेने के बाद बिना कार्रवाई के फर्जी आरटीओ को छोड़ दिया था।
मामला मईल थाना क्षेत्र के भागलपुर पेट्रोल पंप के पास का है। जहाँ 30 मई की देर रात में नीली बत्ती लगाकर चार पहिया वाहन सवार तीन लोग ट्रकों से वसूली कर रहे थे। इसी दौरान गश्त पर निकले दरोगा अमित पांडेय व मुख्य आरक्षी कमलेश यादव और उदय राय ने देखा कि ट्रकों का लम्बा जाम लगा है। यह देख वह रुक गये और ट्रक चालकों से पूछताछ करने लगे। तभी उन्हें वसूली कर रहे लोगो पर शक हुआ और पुलिस तीनों को गाड़ी में बैठा कर थाने ले गयी। जिसके बाद पुलिस ने आरटीओ बने शख्स से कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना नाम रजत मिश्र निवासी खोजवा बाजार वाराणासी बताया। वहीं फर्जी आरटीओ रजत मिश्रा का आरोप है कि थाने में तैनात दीवान कमलेश यादव ने उसके पॉकेट तलाशी के नाम पर 7200 रुपये निकाल लिए और भागलपुर चैकी के प्रभारी अमित पांडेय पैसों की डिमांड करने लगे। इस पर उसने अपने रिश्तेदार दुर्गेश कुमार मिश्र से गूगल पे के जरिए थाने के दीवान उदय राय के खाते में दस हजार रुपये डलवा दिए। इसके बाद पुलिस ने बिना कार्रवाई फर्जी आरटीओ को छोड़ दिया। इस मामले की शिकायत रजत ने पुलिस अधीक्षक से किया। शिकायत के बाद पुलिस अधीक्षक देवरिया श्रीपति मिश्रा ने की कार्यवाही।
वहीं शिकायत मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक श्रीपति मिश्रा ने मामले की जांच कराई जिसमे दरोगा सहित दो मुख्य आरक्षियों दोषी पाये गये। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। दरोगा अमित पाण्डेय व दो मुख्य आरक्षी कमलेश यादव व उदय रॉय के खिलाफ मईल थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धारओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।