मोदी सरकार यूपी रेलवे पर मेहरबान, कनेक्टिविटी का विकास, दोहरीकरण से लेकर कई प्रोजेक्ट पर हो रहे हैं तेजी से काम
UP Railway: केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश पर विशेष ध्यान दिया गया है। यूपी में रेलवे की कनेक्टिविटी कई गुना बढ़ी है। इस बार के रेल बजट में उत्तर प्रदेश को 17,507 करोड़ रुपए दिए गए। जबकि 2009-14 में यूपी को रेल बजट में मात्र 1109 करोड़ मिले थे।
UP Railway: रेलवे के 160 साल से अधिक के इतिहास में रेलवे ने 2014 के बाद से यूपी में काफी काम किया। जब से केंद्र में मोदी सरकार आई तब से उत्तर प्रदेश रेलवे में काफी कार्य हुए हैं और हो रहे हैं। रेलवे यूपी पर विशेष ध्यान दे रहा है। रेलवे लाइन का विस्तार हो, रेल कनेक्टिविटी का विकास हो, रेलवे लाइन के दोहरीकरण का कार्य हो, कई नई रेल गाड़ियों का संचालन, समय पर रेल गाड़ियों का संचालन आदि कई कार्य तेजी से किए गए और किए जा रहे हैं। रेल बजट में उत्तर प्रदेश को 2009-14 की तुलना में 16 गुना ज्यादा बजट दिया गया है। 2009-14 के बीच जहां उत्तर प्रदेश के हिस्से रेल बजट में केवल 1,109 करोड़ की हिस्सेदारी मिली थी तो वहीं मोदी सरकार ने अकेले 2022-23 में यूपी को 16 गुना ज्यादा यानी 17,507 करोड़ रुपए का बजट दिया।
उत्तर प्रदेश में अभी 7,143 किलोमीटर लंबी नई लाइन पर 83 प्रोजेक्ट्स के तहत कार्य चल रहा है, जिस पर करीब 94 हजार करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। वहीं, 3831 किमी लंबी रेलवे लाइन के लिए 55 सर्वे किए जाने हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश से अन्य राज्यों को जोड़ने के लिए नई लाइन से जुड़े जो प्रोजेक्ट हैं, उनमें एक ललितपुर-सतना, रीवा-सिंगरौली और महोबा-खजुराहो है जिस पर 700 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
इसी तरह बहराइच-श्रावस्ती और बलरामपुर-तुलसीपुर लाइन पर 390 करोड़ का खर्च आएगा। 2023-24 में एनर्जी कॉरिडोर के लिए नई लाइन हेतु 284 करोड़, जनजातीय गौरव कॉरिडोर (अंब्रेला 23-24) के लिए 284 करोड़, सहजनवा-दोहरीघाट के लिए 205 करोड़,
देवबंद (मुजफ्फरनगर)-रुड़की के लिए 200 करोड़, मऊ-गाजीपुर-तारीघाट के लिए 150 करोड़, अंब्रेला प्रोजेक्ट के लिए 20 करोड़, आनंदनगर-घुगली के लिए 20 करोड़, पडरौना-कुशीनगर वाया गोरखपुर के लिए 10 करोड़ और मेरठ-पानीपत के लिए 30 लाख रुपए खर्च किए जाने हैं।
कई स्टेशन के बीच होंगे गेज कन्वर्जेंस:
उत्तर प्रदेश में गेज कन्वर्जेंस के काम को लेकर भी काफी काम हो रहा है। इसके जरिए छोटी लाइन्स को बड़ी लाइन में परिवर्तित कर दिया गया है। इनमें मथुरा-वृंदावन के बीच लाइन पर 100 करोड़, लखनऊ-पीलीभीत वाया सीतापुर, लखीमपुर पर 100 करोड़, बहराइच-मैलानी बाइपास पर 50 करोड़, इंदारा-दोहरीघाट 35 करोड़, पीलीभीत-शाहजहांपुर तीन करोड़ और कानपुर-कासगंज-मथुरा की लाइन पर 50 लाख रुपए का खर्च किया जाना है।
यहां आइए देखते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार यूपी में रेलवे के लिए क्या-क्या कर रही है और क्या-क्या कर रही है-