कहानी फ़िल्मी लेकिन सच: बहु-बेटे ने करवायी अपने पिता की हत्या, वजह जान रह जाएंगे दंग

मृतक ने अपने बड़े भाई माधवप्रसाद की 18 अप्रैल 1977 में हत्या कर दी थी जिसके संबंध में वह जेल भी गया था बाद में उसने अपने मृतक भाई की पत्नी कलावती से शादी कर ली, जिससे लड़का राजेन्द्र हुआ दूसरी पत्नी की मृत्यु बीमारी से हो जाने के पश्चात सोनभद्र निवासिनी सुगवन्ती से तीसरी शादी की।

Update:2020-05-01 18:06 IST

मिर्ज़ापुर: थाना विंध्याचल क्षेत्र के कचरिया नई बस्ती राधेश्याम मौर्य पुत्र बुद्धू मौर्य उम्र-58 वर्ष की घर के बाहर बरामदे में 11 अप्रैल को एक मोटरसाइकिल सवार अज्ञात बदमाशों द्वारा तमंचे से गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।

सम्पत्ति बना विवाद का कारण

मृतक राधेश्याम ने तीन शादियां की थी पहली पत्नी सीता देवी को 40 वर्ष पूर्व छोड चुका था जो आर्यसमाज के आश्रम लोहदी में रहती है। सीता देवी से राधेश्याम का लड़का तौलन उर्फ राजू मौर्य है। तौलन की पत्नी सरिता है। दोनों गोसाईपुरवा में ही रहते है ।

मृतक ने अपने बड़े भाई माधवप्रसाद की 18 अप्रैल 1977 में हत्या कर दी थी

मृतक ने अपने बड़े भाई माधवप्रसाद की 18 अप्रैल 1977 में हत्या कर दी थी जिसके संबंध में वह जेल भी गया था बाद में उसने अपने मृतक भाई की पत्नी कलावती से शादी कर ली जिससे लड़का राजेन्द्र हुआ दूसरी पत्नी की मृत्यु बीमारी से हो जाने के पश्चात सोनभद्र निवासिनी सुगवन्ती से तीसरी शादी की जो अपने बच्चो सूरज उम्र-16 वर्ष अनिता उम्र-19 वर्ष को साथ लेकर आयी थी तथा राधेश्याम से 02 पुत्री आचल उम्र-09 वर्ष, काजल उम्र-05 वर्ष का जन्म हुआ और वर्तमान मे साथ में रह रही थी।

मृतक नें पहली पत्नी से लड़के तौलन को सम्पत्ति में कोई हिस्सा नही दिया था तथा तौलन के काफी समझाने पर 50 हजार रुपयें में उसे गोसाई पुरवां में आधा विस्वा जमीन दिया, सटी हुई आधा विस्वा जमीन दूसरी पत्नी के लड़के राजेन्द्र को हिस्सा दिया जिसे तौलन मांगने लगा तो मृतक नें और पैसे की मांग किया। इसी बीच जानकारी हुई कि मृतक ने राजेन्द्र के नाम से राजगढ़ में चौदह बिस्वा जमीन खरीदा है, तथा मृतक की योजना यहां कचरिया नई बस्ती के मकान जमीन को 30 लाख रुपये में बेचकर राजगढ़ में बस जाने की है ।

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सगे बहु और बेटे ने करवायी अपने पिता की हत्या

इससे तौलन व उसकी पत्नी सरिता को यह बात समझ में आ गयी कि मृतक राधेश्याम उन्हें कोई हिस्सा जमीन में नही देगा। यदि राधेश्याम नही रहेगा तभी उन्हें हिस्सा मिलेगा। तौलन की पत्नी सरिता ने घटना से करीब 20 दिन पूर्व अपने भाई जयप्रकाश मौर्य को बुलाकर सारी बात बतायी तथा उसके साथ अपने पति तौलन को मिलाकर राधेश्याम की हत्या की योजना बनाई।

जयप्रकाश मौर्या ने अपने मौसेरे भाई सूरज उर्फ सोनू तथा दूर के रिश्तेदार अजय मौर्य तथा उसके पड़ोसी पिन्टू विश्वकर्मा को साथ लाकर सरिता और तौलन से मिलवाया तथा उसी समय हत्या की योजना बनी व असलहा खरीदने के लिए सरिता व तौलन ने 08 हजार रुपये दिये शेष 04 हजार बाद में देना था और जमीन का हिस्सा बेचकर दो लाख रुपये हत्या के एवज में सरिता व तौलन ने देने का वादा किया।

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ऐसे की गयी हत्या की प्लानिंग

घटना के दिन अजय मौर्य राधेश्याम के घर के आस पास पहुंच उसकी निगरानी करने लगा जैसे ही राधेश्याम सो गया तो अजय ने पिन्टू, सूरज व जयप्रकाश को इशारे से बताया और स्वयं थोड़ी दूर पर निगरानी करने लगा तो जयप्रकाश ,सूरज व पिन्टू मोटर साईकिल से पहुंच कर गुटखा मांगने के बहाने राधेश्याम को सोते हुए देखे और बास का चहचर खीच कर सोये हुए राधेश्याम पर जयप्रकाश ने अपने तमंचे से एक फायर किया। सूरज ने अपने रिवाल्वर से एक फायर किया तथा पिन्टू के 12 बोर तमंचे को लेकर जयप्रकाश ने पुन: एक फायर सामने से राधेश्याम के पेट पर किया और सभी फरार हो गये।

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रिपोर्ट: बृजेन्द्र दुबे, मिर्ज़ापुर

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