दिव्यांग मंच ने CM योगी को लिखा पत्र, कहा- मांग नहीं पूरी हुई तो...
उत्तर प्रदेश विकलांग मंच ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि दिव्यांगों की चिकित्सा से संबंधित सभी सुविधाएं एक...
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विकलांग मंच ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पत्र लिख कर अनुरोध किया है कि दिव्यांगों की चिकित्सा से संबंधित सभी सुविधाएं एक स्थान पर देने वाले यूपी के एकमात्र आर्टीफिशयल लिम्ब सेंटर को कोविड अस्पताल में न तब्दील किया जाए।
अनसुनी पर दिव्यांग देंगे विधानभवन के सामने धरना
विकलांग मंच का कहना है कि लिम्ब सेंटर में विकलांगों से संबंधित कई सुविधाएं एक ही जगह पर मिल जाती हैं। ऐसे में कोविड अस्पताल को कहीं और बना लिया जाए, इससे दिव्यांगों को परेशानी से नहीं जूझना पडेगा। मंच ने कहा है कि अगर उनकी अनसुनी की गई तो वह बड़ी संख्या में दिव्यांग विधानभवन के सामने धरना देंगे।
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उत्तर प्रदेश विकलांग मंच के सचिव सूरज यादव ने मुख्यमंत्री को संबोधित अपने पत्र में कहा है कि प्रार्थी शारीरिक रूप से विकलांग है तथा पहली जुलाई को जब वह अपने सहायक उपकरण की मरम्मत के लिए लिम्ब सेंटर के वर्कशॉप पहुंचा तो वहां केजीएमयू प्रशासन की टीम द्वारा वर्कशॉप को हटाने के लिए निरीक्षण तथा नाप जोख हो रही थी। पत्र में कहा गया है कि हम दिव्यांगजन सुचारू रूप से चलने फिरने के लिए सक्षम नहीं होते हैं ऐसे में हमें अलग ओपीडी, अलग कृत्रिम अंग वर्कशॉप, अलग वार्ड, अलग फिजियोथेरपी, अलग जांचें, विकलांग प्रमाण पत्र के लिए, रेल यात्रा छूट जेसी सुविधाओं के लिए कहां-कहां दौड़ाया जाएगा।
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उन्होंने पत्र में लिखा है कि केजीएमयू प्रशासन द्वारा लिंब सेंटर को कोविड अस्पताल बनाने के नाम पर पिछले कई माह से दिव्यांगों का मजाक उड़ाया जा रहा है और शारीरिक रूप से अक्षम दिव्यांगों को इधर से उधर दौड़ाने का कुचक्र रच रहा है।
दिव्यांगों का कार्य बाधित होगा
सूरज ने सवाल किया कि वर्कशॉप में लगी मशीनों को उखाड़कर नई जगह स्थापित करने से अगर मशीन खराब हो गई तो दिव्यांगों का कार्य बाधित होगा इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी, जिस भी नई जगह लिंब सेंटर को स्थापित किया जाएगा वहां पर दिव्यांगों के चलने-फिरने के अनुसार बिल्डिंग का निर्माण क्या किया जाएगा, क्या उस बिल्डिंग में एक ही जगह ये सुविधायें देते हुए एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए रैम्प का निर्माण करायेगा, इधर से उधर मशीन फिट कराने के निर्णय से तोड़फोड़ एवं पैसे की बर्बादी ही होनी है और इसको करने में कम से कम 6 माह का समय लग सकता है।
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