सावधान! छोटे बच्चों को बिना अंडरगार्मेंट न पहनायें कपड़े, हो सकती है गंभीर समस्या
ऐसे में इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर पड़ता है। उचित देखभाल के अभाव में यह छोटे बच्चे अक्सर बीमारियों के शिकार हो जाते है। इसी तरह की एक बीमारी है छोटे बच्चे के शिश्न की खाल चिपकने की समस्या, जो कई बार गंभीर संक्रमण का कारण भी बन जाती है। किंग जॉर्ज चिकित्सा
लखनऊ, मनीष श्रीवास्तव: अगर आप अपने छोटे बच्चे को अंडरगार्मेंट नहीं पहना कर सीधे नेकर या जींस आदि पहना देते है तो सावधान हो जाए, आपकी यह आदत आपके बच्चे के लिए मुसीबत बन सकती है।
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जींस या अन्य मोटे और कड़े कपड़े आपके बच्चे की लिंग की त्वचा को रगड़ कर उसे नुकसान पहुंचा सकते है। कई बार यह बहुत ही गंभीर समस्या के तौर पर सामने आता है।
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आज जमाना बदल गया है और साथ ही बदल गयी है हमारी जीवनशैली। एकल परिवारों के जमाने में जहां माता-पिता दोनों ही वर्किंग होते है और उनके पास समय की बहुत कमी होती है।
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ऐसे में इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर पड़ता है। उचित देखभाल के अभाव में यह छोटे बच्चे अक्सर बीमारियों के शिकार हो जाते है। इसी तरह की एक बीमारी है छोटे बच्चे के शिश्न की खाल चिपकने की समस्या, जो कई बार गंभीर संक्रमण का कारण भी बन जाती है। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में इस तरह के कई केस आते हैं।
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डॉ. जेडी रावत ने बताया...
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केजीएमयू के बाल रोग विभाग के डॉ. जेडी रावत बताते है कि पुराने समय में दादी, नानी या घरों में बच्चों को तेल लगाने, नहलाने-धुलाने के लिए आने वाली नाउन, बच्चे को नहलाते समय हल्के हाथों से उसके शिश्न की सफाई भी करती थीं जिससे उसकी खाल चिपकती नहीं थी और लगातार इसकी सफाई से यह स्वयं ही खुलने लगती थी।
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इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लेकिन अब ऐसा नहीं होता है, उचित देखभाल और जानकारी के अभाव में छोटे बच्चे के शिश्न की खाल चिपक जाती है। इससे कई बार छोटे बच्चों को यूरीन इन्फेक्शन हो जाता है, पस बन जाता है।
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उन्होंने बताया कि इसी प्रकार 50 फीसदी बच्चों में एक साल के अंदर साफ-सफाई होते रहने से अपने आप खुल जाता है, तथा तीन साल के अंदर 90 फीसदी बच्चों के शिश्न की खाल अपने आप खुल जाती है।
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उन्होंने सलाह दी कि साफ-सफाई करते रहें, लेकिन लिंग की खाल को जबरदस्ती खोलने की कोशिश न करें अन्यथा खाल फटने और घाव व संक्रमण होने की संभावना रहती है।