आ गए त्योहारों के मौसम, लेकिन कहीं लग न जाए कोरोना की नजर
महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ.संदीप कुमार बताते हैं कि करवा चौथ, धनतेरस और दीपावली के साथ ही छठ पूजा की खरीददारी के लिए बाजार में अभी से अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है।
हमीरपुर: त्योहारों की खुशियां बरकरार रखने के लिए जरूरी है कि हर कदम पर कोरोना को लेकर पूरी सावधानी बरतें ताकि उत्सव के साथ जीवन की रंगोली में कोरोना का रंग कतई न भरने पाए। इस दौरान बाजार में भीड़ लगाने से बचें, स्थानीय उत्पादों को तरजीह दें ताकि छोटे-छोटे कामगारों के जीवन को भी दीप पर्व के प्रकाश से जगमग किया जा सके। पटाखों की चंद सेकेण्ड की रोशनी और धमक पूरे जीवन को स्याह बना सकती है, इसलिए इस दीपावली घर-परिवार को पटाखों से दूर रखकर कोरोना से खुद को सुरक्षित बनाने के साथ ही दूसरों को भी सुरक्षित बनाने का नेक काम किया जा सकता है।
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खरीददारी को भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें :
महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ.संदीप कुमार बताते हैं कि करवा चौथ, धनतेरस और दीपावली के साथ ही छठ पूजा की खरीददारी के लिए बाजार में अभी से अच्छी खासी भीड़ देखी जा सकती है। ऐसे में यह कदापि नहीं भूलना है कि अभी कोरोना खत्म नहीं हुआ है, इसलिए इन प्रमुख पर्वों की खुशियां अनंतकाल तक बरकरार रखने के लिए उन जरूरी बातों का जरूर ख्याल रखें जो कोरोना से सुरक्षित बनाने के लिए आवश्यक हैं। बाजार में खरीददारी के वक्त मास्क से मुंह व नाक अच्छी तरह से ढककर रखना है, एक-दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखना है, दुकान में प्रवेश करते वक्त और निकलते वक्त हाथों को अच्छी तरह सेनेटाइजर करना भी न भूलें।
पीएम के 'वोकल फॉर लोकल' का है यह सही मौका :
इस माह पड़ने वाले अधिकतर त्योहार ऐसे हैं जिसमें पूजा-पाठ में इस्तेमाल होने वाली अधिकतर सामग्री हमारे पास-पड़ोस में ही छोटे-छोटे कामगारों द्वारा बनाई जाती हैं। विदेशी झालरों के स्थान पर स्थानीय दियों की रोशनी की चमक इस बार एक अलग ही खुशी का एहसास कराएगी। कोरोना काल में लोगों के सामने रोजी-रोटी की दिक्कत को देखते हुए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ का नारा दिया था। उस नारे को सही साबित करने का यही सही मौका है। इसके अलावा स्थानीय कलाकारों द्वारा तैयार की जा रहीं लक्ष्मी-गणेश की आकर्षक मूर्तियों को तरजीह देना हम सभी का कर्तव्य भी बनता है।
सेनेटाइजर लगे हाथों से पटाखों को भूलकर भी न छुएं
कोरोना को देखते हुए वैसे तो इस बार पटाखों से घर-परिवार को दूर ही रखना है और यदि पटाखे जलाते ही हैं तो यह जरूर ध्यान रखें कि सेनेटाइजर लगे हाथों से कतई पटाखों को न छुएं क्योंकि सेनेटाइजर का अल्कोहल व अन्य केमिकल पटाखों के बारूद के संपर्क में आते ही उत्साह के रंग में भंग डाल सकता है। इसके अलावा पटाखों का धुआं फेफड़ों को भी सीधे तौर पर प्रभावित कर सकता है। कोरोना वायरस भी फेफड़ों पर ही आक्रमण करता है, इसलिए फेफड़ों को सही-सलामत रखने के लिए जरूरी है कि इस बार पटाखों से दूर रहें।
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घर पर तरह-तरह की डिश बनाएं और परिवार संग आनंद लें
तरह-तरह के पकवानों और मिठाइयों के लिए प्रसिद्ध इन त्योहारों पर इस बार कोरोना के संक्रमण को देखते हुए बाहर की सामग्री पर निर्भर न रहें बल्कि घर पर ही तरह-तरह के पकवान बनाएं और पूरे परिवार के साथ उसकी मिठास का आनंद उठायें । बाहर की मिठाइयाँ, नमकीन व अन्य फ़ास्ट फ़ूड न जाने कितने हाथों से होकर आपके अपनों तक पहुंचता है, ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगर घर का हर सदस्य अपनी पसंद का कोई एक-एक डिश भी तैयार करता है तो उसके स्वाद से त्योहार का आनद दोगुना हो जाएगा।
रविंद्र सिंह
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