बिजली कर्मियों की बड़ी हड़ताल, संकट से जूझने को मजबूर हुआ जिला
प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर यहां जनपद में भी विद्युत विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी यहां तक कि संविदा कर्मी भी आन्दोलन की राह पर निकल गयें हैं।
जौनपुर: सरकार द्वारा विद्युत विभाग के निजीकरण के प्रस्ताव के खिलाफ आज पूरे प्रदेश में विद्युत विभाग के कर्मचारी संघ के आह्वान सभी कर्मचारीगण हड़ताल पर चले गये हैं। विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल का स्पष्ट असर जनपद जौनपुर में रहा। अधिकारी से लेकर कर्मचारी विद्युत विभाग के मुख्यालय पर जहां धरना प्रदर्शन कर रहे थे। वहीं पर आज पूरा जनपद बिजली के संकट से बिलबिलाता नजर आया है और जिला प्रशासन की व्यवस्था पूरी तरह से नाकाफी दिखी है।
बिजली कर्मियों की हड़ताल से जिले में छाया बिजली-पानी का संकट
यहां बता दें कि सरकार ने पूर्वांचल विद्युत निगम के निजीकरण करने का प्रस्ताव कर दिया है। सरकार के इस प्रस्ताव से विद्युत विभाग के लाखों कर्मचारी सरकार के खिलाफ लाम बंद हो गये हैं। साथ ही कर्मचारी संघ के लोगों ने यह निर्णय लिया कि सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ आज यानि 5 अक्टूबर से आन्दोलन की राह पर निकलेंगे।
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पहले धरना प्रदर्शन इसके बाद अगली रणनीति बनेगी। प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर यहां जनपद में भी विद्युत विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी यहां तक कि संविदा कर्मी भी आन्दोलन की राह पर निकल गयें हैं। विद्युत कर्मचारीयो हड़ताल पर जाने से आज पूरे दिन जनपद में बिजली का जबरदस्त संकट छाया रहा लोग गर्मी और पानी के संकट से जूझते नजर आये हैं।
जब तक सरकार निजीकरण का फैसला वापस नहीं लेगी, जारी रहेगी हड़ताल
हर तरफ हाहाकार मचा हुआ था। दूसरी ओर कर्मचारी संगठन के लोगों ने एलान किया कि अब जब तक सरकार निजी करण का फैसला वापस नहीं लेगी विद्युत विभाग के कर्मचारी काम पर नहीं लौटेंगे। विद्युत विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा गत कई दिनों से तैयारियां चल रही थी जो पूरी तरह से फेल दिखी है।
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प्रशासन के अधिकारी फीडर अथवा सब स्टेशन जिन लोगों को लगाया है वह बिजली की समस्या को दूर करने की स्थिति में नहीं नजर आये हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने दावा किया था कि जनता के समक्ष बिजली की समस्या नहीं आने दिया जायेगा। प्रशासन का दावा पूरी तरह से थोंथा साबित हो कर रह गया है।
रिपोर्ट- कपिल देव मौर्य