मार्च 2021 तक चार लाख ईडब्ल्यूएस आवास तैयार करने का लक्ष्य

निजी क्षेत्र के बिल्डर्स एवं डेवलपर्स को भी अच्छी गुणवत्ता की आवासीय कालोनियों एवं आवासों के निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। आवासीय सुविधाओं के साथ-साथ पार्कों, उपवन, वृक्षारोपण व वाटर कन्जर्वेशन आदि क्षेत्रों में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने कई उल्लेखनीय कार्यं किये है।

Update:2019-12-31 20:25 IST

बिल्डर्स व डेवलपर्स को प्रोत्साहित कर रही है सरकार

लखनऊ। प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक भागीदारी में किफायती आवास के अन्तर्गत दुर्बल आय-वर्ग हेतु 4.00 लाख ईडब्ल्यूएस आवास निर्माण का लक्ष्य मार्च, 2021 तक के लिए रखा गया है। सूबे की सरकार द्वारा मध्यम एवं कमजोर वर्ग के लागों को आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु संस्थाओं के साथ-साथ निजी क्षेत्र के बिल्डर्स एवं डेवलपर्स को भी अच्छी गुणवत्ता की आवासीय कालोनियों एवं आवासों के निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। आवासीय सुविधाओं के साथ-साथ पार्कों, उपवन, वृक्षारोपण व वाटर कन्जर्वेशन आदि क्षेत्रों में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने कई उल्लेखनीय कार्यं किये है।

एक से डेढ़ लाख अनुदान राशि

यह जानकारी आवास एवं शहरी नियोजन राज्यमंत्री गिरीश चन्द्र यादव ने दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के घटक भागीदारी में किफायती आवास के अन्तर्गत दुर्बल आय-वर्ग हेतु 4.00 लाख ईडब्ल्यूएस आवास निर्माण का लक्ष्य मार्च, 2021 तक के लिए रखा गया है। इस योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा 1.50 लाख तथा राज्य सरकार द्वारा 1.0 लाख धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध करायी जाती है।

उन्होंने बताया कि 4.00 लाख भवन निर्माण के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक केन्द्रीय मूल्यांकन एवं अनुश्रवण समिति द्वारा 1.35 लाख भवन निर्माण हेतु स्वीकृत किया जा चुका है, जिसके सापेक्ष 30639 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

14182 भवनों का आवंटन

श्री यादव ने बताया कि अब तक 14182 भवनों का आवंटन लाभार्थियों को किया जा चुका है। शेष भवनों के निर्माण की स्वीकृति केन्द्रीय अनुश्रवण समिति से कराये जाने हेतु कार्यवाही प्रगति पर है।

उन्होंने बताया कि योजना में निजी निवेशकों की भागीदारी सुनिश्चित कराने हेतु राज्य सरकार द्वारा जुलाई, 2018 में निर्गत नीति में संशोधन की कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश में सुनियोजित नगरीय विकास एवं जन सामान्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकास प्राधिकरणों तथा आवास विकास परिषद के माध्यम से आवासीय सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु प्रयासरत है।

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