Ghaziabad News: गाजियाबाद में ब्लैक फंगस का पहला केस सामने आया

Ghaziabad News: यूपी मे ब्लैक फंगस का पहला मामला गाजियाबाद जिले से आया है। ब्लैक फंगस का मामला सामने आने के बाद में स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ गयी हैं।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2022-12-30 10:24 GMT

ब्लैक फंगस के मरीज की सांकेतिक तस्वीर (फोटो-सोशल मीडिया)

Ghaziabad News: कोरोना के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में ब्लैक फंगस भी पैर पसार रहा है। यूपी मे ब्लैक फंगस का पहला मामला गाजियाबाद जिले से आया है। ब्लैक फंगस का मामला सामने आने के बाद में स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ गयी हैं। गाजियाबाद के हर्ष अस्पताल में ब्लैक फंगस का पहला मामला सामने आया है। जिस व्यक्ति में ब्लैक फंगस का पहला केस सामने आया है उसकी उम्र 55 साल है। 

ब्लैक फंगस में डेट रेट 50 फीसदी   

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक ब्लैक फंगस उन मरीजों में पाया जाता है, जिन्हे बहुत ज्यादा स्टेरॉयड दिए गये हों, जबकि व्हाइट फंगस उन मरीजों में संभव है जो कोरोना वायरस से संक्रमित नही हुए हों। लेकिन देश में व्हाइट फंगस से अभी तक किसी की मौत हुई हो इसके कोई आंकड़े मौजूद नहीं हैं। ब्लैक फंगस आंख और दिमाग को प्रभावित करता है जबकि व्हाइट फंगस लंग्स, किडनी आंत, पेट और नाखूनों को प्रभावित करता है। इसके अलावा ब्लैक फंगस का डेथ रेट ज्यादा है। ब्लैक फंगस में डेट रेट 50 फीसदी के आसपास है। यानी कि हर दो व्यक्तियों में से ज्यादातर मामलों में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है।

ब्लैक फंगस के लक्षण

ब्लैक फंगस के लक्षणों में चेहरे पर सुन्नपन आना, एक तरफ या दोनों तरफ की नाक का बंद होना, आंखों में कालीपन, सूजन, आंख की पुतली का ना घूमना, अंधापन होना, आंख से दो-दो दिखाई देना, तालू की लालिमा का खत्म होना, दांतों का हिलना, खाने में दिक्कत होना, सरदर्द, चक्कर आना, उल्टी आना, बेहोशी छाना व सुस्ती आना है।  

बचाव के तरीके 

ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना चाहिए। कोविड के इलाज में स्टेरॉयड का उचित उपयोग। ऑक्सीजन ह्यूमिडिफायर में साफ पानी का उपयोग। धूल वाली जगह पर मास्क पहनकर रखें। मिट्टी, काई और खाद के सम्पर्क में आने से बचें।

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