लखनऊ : एक स्थानीय अदालत ने गैंगरेप के मामले में दाखिल पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की डिस्चार्ज अर्जी खारिज कर दी है। जबकि गायत्री की दूसरी जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तारीख मुकर्रर की है। डिस्चार्ज अर्जी में गायत्री ने अपने को निर्देाष बताने के साथ तर्क दिया था कि उसके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रथम दृष्टया केाई साक्ष्य नहीं है लिहाजा उसे गैंगरेप के केस से क्लीन चिट दिया जाये।
पाॅक्सो के विशेष जज उमाशंकर शर्मा ने उपरोक्त आदेश पारित करते हुए कहा है कि इस मामले की विवेचना में प्राप्त सबूतों की बिना पर अन्य मुल्जिमों के साथ गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल हुआ। गायत्री व अन्य मुल्जिमों के विरुद्ध आरोप भी तय हो चुका है। चूकि आरोप तय करने का आदेश अंतिम आदेश होता है। ऐसे में यह अदालत अपने इस आदेश का पुर्नविलोकन नहीं कर सकती। लिहाजा मुल्जिम गायत्री की डिस्चार्ज अर्जी पोषणीय नहीं है। इसे खारिज किया जाता है।
गत 12 सितंबर को गायत्री की इस अर्जी पर दोनों पक्षों की बहस के बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। गायत्री के वकील का कहना था कि इस मामले की एफआईआर तीन साल बाद दर्ज कराई गई है। यह भी तर्क था कि गायत्री के खिलाफ पाॅक्सो एक्ट का अपराध नहीं बनता है। लिहाजा इस मामले में मुल्जिम गायत्री को डिस्चार्ज किया जाए। दूसरी तरफ सरकारी वकील एमके सिंह का कहना था कि मुल्जिम पर आरोप तय हो चुका है। ऐसे में यह अर्जी पोषणीय नहीं है।
यह है मामला
18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह मुल्जिमों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी व पाॅक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की अर्जी पर दिया था। 18 जुलाई, 2017 को पाॅक्सो की विशेष अदालत ने इस मामले में मुल्जिम गायत्री, विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल व रुपेश्वर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी, 354 ए(1), 509, 504 व 506 में आरोप तय किए। साथ ही मुल्जिम गायत्री, विकास, आशीष व अशोक के खिलाफ पाॅक्सो एक्ट की धारा 5जी/6 के तहत भी आरोप तय किया था।
इधर, मंगलवार को गायत्री की ओर से दूसरी जमानत अर्जी दाखिल की गई। पाॅक्सो की विशेष अदालत ने गायत्री की दूसरी जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 21 सितंबर की तारीख तय की है। इस दौरान मुल्जिम गायत्री जेल से अदालत में हाजिर थे।