चर्चित विधायक नंद किशोर गुर्जर फिर चर्चा में, मिली डी कंपनी से जान की धमकी
अक्सर सुर्खियों में रहने वाले भाजपा के विधायक नंद किशोर गुर्जर एक बार फिर चर्चा में है। उन्हे डी कंपनी की तरफ से जान से मारने की धमकी मिली है। जिस पर उन्होंने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई है।
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ: अक्सर सुर्खियों में रहने वाले भाजपा के विधायक नंद किशोर गुर्जर एक बार फिर चर्चा में है। उन्हे डी कंपनी की तरफ से जान से मारने की धमकी मिली है। जिस पर उन्होंने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई है। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने का समय भी मांगा है। विधायक नन्द किशोर गुर्जर का चर्चा में रहना कोई नई बात नहीं है वह अपने कामों से ज्यादा अन्य बातों को लेकर सदैव चर्चा में बने रहते हैं।
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विधायक नंद किशोर गुर्जर ने मुख्यमंत्री से मिलने का मांगा समय मांगा है
विधायक प्रतिनिधि ललित शर्मा के द्वारा दी गयी तहरीर के आधार पर 8 अज्ञात मोबाइल नम्बरों के खिलाफ गाजियाबाद के लोनी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गयी है। गाजियाबाद के लोनी विधानसभा से विधायक नंद किशोर गुर्जर ने मुख्यमंत्री से मिलने का मांगा समय मांगा है। उनका कहना है कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर पूरी बात उन्हे बताएगें।
नन्द किशोर गुर्जर की छवि एक हिन्दूवादी नेता की है
नन्द किशोर गुर्जर की छवि एक हिन्दूवादी नेता की है। अभी एक महीने पहले ही 28 जुलाई को उनका बयान मीडिया में सुर्खियां बना था जब विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने बकरीद में बकरों की जगह बच्चों की कुर्बानी देने की बात कही। उन्होंने कुर्बानी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी चेतावनी भी दी थी।उन्होंने कहा कि पहले सनातन धर्म में भी बलि दी जाती थी लेकिन अब सिर्फ नारियल फोड़ कर चढ़ाया जाता है। वैसे ही मुस्लिम समुदाय के लोग भी कुर्बानी ना दें। इस बयान को लेकर काफी हो हल्ला मचा था।
विधायक नंद किशोर गुर्जर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली
जून महीने में लॉक डाउन के दौरान भी उन्होंने एक बयान दिया था जिसमें विधायक नंद किशोर गुर्जर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली । जिसमें लिखा गया है कि कुछ लोग लॉकडाउन के बाद भी बिना वजह सड़कों पर निकलकर देश को संकट में डालकर देशद्रोह का काम कर रहे हैं। पुलिसकर्मी ऐसे लोगों को पैरों में गोली मारकर घर बैठा दे तो वह उस पुलिसकर्मी को 51 सौ रुपये इनाम देंगे।
उनके मोबाइल पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है
इसके पहले भी नंद किशोर गुर्जर ने जून महीने में भी शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि उनके मोबाइल पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है। उस वक्त भी उन्होंने लोनी थाने में शिकायत दी थी और कहा था कि उन्हें पाकिस्तान से कॉल आई थी। नंदकिशोर गुर्जर अपने बयानों को लेकर अक्सर विवाद में रहते हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान शिव मंदिर में आराधना करने पर भी वे विवादों में आ चुके हैं।
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इसके पहले पिछले साल दिसम्बर में उन्होंने विधानसभा में अधिकारियों के खिलाफ कई बडे आरोप लगाए थें जिसके कारण विधानसभा की कार्यवाही स्थगित हो गयी थी। अधिकारी नेताओं को बेइमान समझते हैं जबकि वह खुद रिश्वतखोरी कर रहे हैं। यहां तक कि विधायक निधि में भी कमीशन लिया जा रहा है। गुर्जर ने अपना दर्द विधानसभा में रखकर कहा था कि नेताओं की सम्पत्ति की जांच तो कराई जाती है पर इन अधिकारियों की भी संपत्ति की जांच कराई जानी चाहिए। जिस पर विपक्षी दल के विधायकों ने उनका साथ दिया तो सत्ता पक्ष के लिए मुश्किल खडी होती दिखाई दी थी।
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