गोंडा जिला BJP अध्यक्ष सूर्य नारायणः दृढ़ संकल्प से राजनीति में उदय
भाजपा जिलाध्यक्ष मानते हैं कि राजनीति में सकारात्मक बदलाव का ही नतीजा है कि हिन्दू वादी नेताओं की तपस्या को साकार रुप देते हुए भाजपा सरकार और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करोड़ों हिन्दुओं के आराध्य भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण, मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक और कश्मीर को धारा 370 के बंधन से मुक्त करके देश को नई दिशा की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
तेज प्रताप सिंह
गोंडा। भारतीय जनता पार्टी के एक ऐसे कद्दावर नेता हैं, जिन्होनें युवा पीढ़ी में अपने सहज, सरल और सफल व्यक्तित्व से गहरी छाप छोड़ी है। गांव की पथरीली सड़कों से लेकर सत्ता के गलियारों तक अपनी अलग पहचान रखने वाले सूर्य नारायण तिवारी में छात्र जीवन से ही लीडरशिप के बीज अंकुरित हुए।
कभी एबीवीपी में बतौर मामूली कार्यकर्ता के रुप में जुड़े सूर्य नारायण तिवारी ने अपनी मेहनत, जनसेवा और राष्ट्र निर्माण में लगातार प्रयासरत रहते हुए न केवल पार्टी में अपना स्थान बनाया है, बल्कि अपने कार्य क्षेत्र में एक जनसेवक के तौर पर मुकाम हासिल किया है।
पार्टी के प्रति समर्पण और निष्ठा का ही नतीजा रहा कि देश और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी भाजपा ने जब उन्हें जिलाध्यक्ष की कमान सौंपी तो कार्यकर्ताओं का असीम प्रेम उमड़ पड़ा और जनपद के कोने-कोने में उनका अभूतपूर्व स्वागत हुआ।
दो विषयों में परास्नातक, विधि स्नातक
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में कर्नलगंज तहसील क्षेत्र अंर्तगत ग्राम पूरे बदल के निवासी भाजपा से जुड़े युवा नेता सूर्य नारायण तिवारी का जन्म एक साधारण किसान परिवार में हुआ।
उनकी मां सरस्वती देवी और पिता मुन्ना प्रसाद तिवारी के संस्कारों का नतीजा रहा कि वे पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में अव्वल रहे।
लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कालेज से राजनीति और समाज शास्त्र विषय में परास्नातक के बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि स्नातक की डिग्री हासिल की।
पांच भाई और एक बहन में सबसे छोटे सूर्य नारायण के मन मस्तिष्क में लीडरशिप के बीज लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कालेज में शिक्षा ग्रहण करते समय ही अंकुरित हो गए थे।
ऐसे बनाई पहचान
वे तरुणाई में ही राजनीति से जुड़े कई आन्दोलनों में सक्रिय हो गए। चाहे वह छात्रों की फीस बढोतरी की समस्या रही हो या किसानों से जुड़ी समस्याएं, सभी आन्दोलनों में उन्होने बढ़-चढ़ कर भाग लिया है।
वर्ष 1991 में उन्होंने शास्त्री महाविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव लड़कर अपनी पहचान बना ली।
सार्वजनिक जीवन और राजनीति में माता पिता, भाइयों, पत्नी और दोनों बेटों ने भी उनका कदम कदम पर साथ दिया। इसी का परिणाम रहा कि वह आज बुलंदियों के शिखर पर हैं।
सत्यदेव सिंह से सीखा ककहरा
पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे प्रखर हिन्दुत्व विचारधारा वाले नेताओं को आत्मसात कर छात्र जीवन से ही हिन्दुत्व और भाजपा की छांव में राजनीति का ककहरा सीखने वाले सूर्य नारायण तिवारी भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कई बार सांसद रहे भाजपा के कद्दावर नेता सत्यदेव सिंह के कब प्रिय हो गए, यह उन्हें भी नही मालूम।
यह उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। यहीं से उन्होंने मुख्य धारा की राजनीति के पहले सोपान पर कदम रखा, जो उनके जीवन में मील का पत्थर साबित हुआ।
उनके संघर्ष, प्रतिभा और मेधा को देखते हुए भाजपा के कद्दावर नेता और तबके गोंडा जिले में बलरामपुर के सांसद सत्यदेव सिंह ने उन्हें अपना प्रतिनिधि बनाकर जनता से सीधे जुड़ने का अवसर दे दिया।
सांसद सिंह के आशीर्वाद ने ही उन्हें संगठन में विभिन्न पदों पर काम करने और अपने को साबित करने का अवसर प्रदान किया। उनकी विलक्षण कार्यशैली, नवाचार व मिलनसार व्यक्तित्व ने जन समुदाय का दिल जीत लिया।
कार्यकर्ता से जिलाध्यक्ष तक का सफर
एवीबीपी से भाजपा में आने के बाद सूर्य नारायण वर्ष 1991 से 1996 तक बलरामपुर सांसद प्रतिनिधि के तौर पर क्षेत्र के विकास, लोगों की समस्याओं और पार्टी द्वारा दिए गए सभी कामों को निष्ठा से पूरा करने में जुटे रहे।
इस बीच 1995 में उन्हें पार्टी के नवगठित सहकारिता प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष भी बना दिया गया। साल 1997 में स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष, वर्ष 1998 से 2000 तक उन्हें स्थानीय निकाय प्रकोष्ठ के विभाग संयोजक का दायित्व सौंपा गया।
2000-2002 तक भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चे में प्रदेश कार्य समिति के रुप में अपना बखूबी दायित्व निभाने का नतीजा रहा कि 2003 में उन्हें पार्टी के मुख्य संगठन में जिला महामंत्री का प्रभार सौंप दिया गया।
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साल 2010 से दिसम्बर 2011 तक पंचायत प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे सूर्य नारायण तिवारी की सांगठनिक क्षमता को देखते हुए 2012 में ऐन विधान सभा चुनाव के वक्त जनवरी में उन्हें भाजपा का कार्यवाहक जिलाध्यक्ष बना दिया गया।
उनके चुनावी रण कौशल का परिणाम रहा कि गोंडा के कटरा विधान सभा क्षेत्र में पार्टी का परचम लहराया और भाजपा के बावन सिंह चुनाव जीत गए।
सांगठनिक क्षमता
वर्ष 2013 से 2015 तक भाजपा के अवध क्षेत्र के मंत्री तथा 2016 से 2018 तक बलरामपुर, श्रावस्ती और अम्बेडकर नगर के जिला प्रभारी एवं 2019 में किसान मोर्चे के क्षेत्रीय महामंत्री का बखूबी दायित्व निभाने का उन्हें पुरस्कार मिला और अद्भुत सांगठनिक क्षमता को देखते हुए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह द्वारा नवम्बर 2019 में भाजपा जिलाध्यक्ष का पदभार सौंप दिया गया।
सहजता के आवरण में ढका हुआ सूर्य नारायण का सहज, सरल, सौम्य और कुशाग्र व्यक्तित्व उनका चुम्बकीय आकर्षण है। बढ़ते जनाधार और लोकप्रियता के कारण उनसे मिलने वाला हर व्यक्ति उनका मुरीद हो जाता है।
कभी छोटा बड़ा नहीं नापा
यही वजह है कि 1985 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता से राजनीति की शुरुआत करने वाले सूर्य नारायण को संगठन में अहम दायित्व मिलते रहे।
राजनीति की इस पारी को आगे बढ़ाते हुए तिवारी सूबे की सत्ता और संगठन तक अपरिहार्य रहे हैं। यह सब कुछ उन्हे विरासत में नहीं मिला अपितु उन्होनें अपनी राजनीति की लकीर खुद खींची और अपनी पहचान खुद बनाई।
राजनीति के इस दौर में जहां धैर्य लुप्त प्राय तत्व है, वहीं यह उनकी की सबसे बड़ी पूंजी है। यही उनका अदभुत सौम्य और शक्ति सामर्थ्य का आधार है जो उन्हें उनके राजनीतिक गुरु सत्यदेव सिंह से मिला है।
प्रभु महाकाल के परम भक्त सूर्य नारायण पूर्णतः सांसारिक राजनेता है, जिन्होनें अपने दायित्व को कभी छोटा या बड़ा करके नही नापा।
भाजपा ही सबसे बेहतर पार्टी
राजनीति में वोट के लिए जातिवाद के घोर विरोधी सूर्य नारायण तिवारी कहते हैं कि उन्हें सबसे ज्यादा खुशी तब हुई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय हुआ।
इसके साथ ही तमाम वर्षों से चल रहे संघर्ष के बाद जब अयोध्या में भगवान राम के जन्मभूमि को मुक्ति मिली मंदिर के पक्ष में उच्चतम न्यायालय का फैसला आया तो उन्हें अत्यंत खुशी हुई। जबकि माता पिता के निधन पर सर्वाधिक दुःख हुआ।
देश को नई दिशा
भाजपा जिलाध्यक्ष मानते हैं कि राजनीति में सकारात्मक बदलाव का ही नतीजा है कि हिन्दू वादी नेताओं की तपस्या को साकार रुप देते हुए भाजपा सरकार और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करोड़ों हिन्दुओं के आराध्य भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण, मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक और कश्मीर को धारा 370 के बंधन से मुक्त करके देश को नई दिशा की ओर ले जाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
इसी प्रकार बहुप्रतीक्षित नागरिकता संशोधन बिल भी देश में अवैध घुसपैठ को रोकने में मील का पत्थर बनेगा। कोविड-19 महामारी के दौर में देश व प्रदेश की सरकारों ने अभूतपूर्व कार्य किया है।
इसके अलावा भाजपा अकेली पार्टी है, जिसके कार्यकताओं ने गांव से लेकर नगर की गलियों में घर-घर पहुंचकर लोगों को राहत दी है। ऐसे में भाजपा देश में अकेली सबसे अच्छी पार्टी है और इसके अगुआ प्रघानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाथों में देश सुरक्षित है।
दुर्दिन में भी रहे भाजपा के साथ
सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास नारे के साथ भाजपा को इकलौती आंतरिक लोकतंत्र वाली पार्टी बताते हुए भगवान महाकाल के भक्त सूर्य नारायण तिवारी कहते हैं कि साल 1985 में एवीबीपी से जुड़ने के बाद उन्होंने न तो कभी पीछे मुड़कर देखा और न ही पार्टी का साथ छोड़ा।
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तिवारी बताते हैं कि बीच में वह भी दौर आया जब ऊंगलियों पर गिनने भर के लोग ही भाजपा में बचे थे। उनके कई साथी दूसरे दलों में चले गए। कुछ दलों द्वारा उन्हें पद और पावर के प्रलोभन भी दिए गए लेकिन अंतिम सांस तक पार्टी की सेवा के संकल्प के कारण उन्होंने पार्टी का साथ नहीं छोड़ा।
उनका मानना है कि भाजपा ही देश का चहुंमुखी विकास कर सकती है। धन और बल की राजनीति ने देश को पीछे ढकेला है और इसी कारण से अच्छे राजनेता नेपथ्य में चले गए। चुनाव में और अधिक सुधार के पक्षधर सूर्य नारायण कहते हैं कि चुनाव में धनबल और बाहुबल रोकने के लिए आयोग को और सख्त होना होगा।