गोरखपुर में रैन बसेरा का बुरा हाल: बिस्तर में खटमल, खुले आसमान के नीचे सो रहे लोग

पादरी बाजार स्थित रैन बसेरा को देखकर कोई प्रवेश की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। यहां सिर्फ तीन बिस्तर है। ये गंदे हैं। कोई आता नहीं है। गंदगी से उठ रही बदबू से चंद मिनट ठहरना मुश्किल है। दो रुम में ताला बंद है। 

Update: 2020-12-08 04:29 GMT
गोरखपुर में रैन बसेरा का बुरा हाल: बिस्तर में खटमल, खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर

गोरखपुर ठंड की चादर तेजी से फैल रही है। पारा हर दिन गिर रहा है। लोगों की उम्मीदें रैन बसेरे पर टिकी हैं। लेकिन मुख्यमंत्री के शहर के रैन बसेरों का बुरा हाल है। कहीं बिस्तर में खटमल है तो कहीं महिलाओं के लिए टॉयलेट ही नहीं है। जबकि महापौर सीताराम जायसवाल से लेकर नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह चाक चौबंद व्यवस्था का दावा कर रहे हैं। रैन बसेरों में व्यवस्था नहीं होने से लोग गोरखनाथ ओवरब्रिज से लेकर यातायात तिराहे पर खुले आसमान के नीचे रात काट रहे हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 100 नंबर वार्ड के बाहर बड़ी संख्या में लोग सो रहे हैं।

शौच के लिए बाहर पब्लिक टॉयलेट

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दो रैन बसेरा है। राज्यसभा सांसद स्व.मोहन सिंह के फंड से बने रैन बसेरा के देखरेख का जिम्मा बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन का है। यहां लोग बेड के बजाए फर्श पर सोते हैं। यहां सो रहे लोगों का कहना है कि बिस्तर में खटमल होने से फर्श पर ही सोते हैं। टॉयलेट में ताला लटका रहता है। ऐसे में शौच के लिए बाहर पब्लिक टॉयलेट में जाना होता है। धर्मशाला रैन बसेरा से महापौर के कैंप कार्यालय की दूरी 100 मीटर भी नहीं है।

कोविड के चलते बेड की संख्या आधी

आम दिनों में रैन बसेरा में एक साथ 20 लोग ठहर सकते थे, लेकिन कोविड के चलते बेड की संख्या आधी कर दी गई है। यहां सर्वाधिक दिक्कत टॉयलेट की है। टॉयलेट नहीं होने से बगल के पब्लिक टॉयलेट में जाना होता है। जहां 10 रुपये शुल्क की वसूली होती है। पादरी बाजार स्थित रैन बसेरा को देखकर कोई प्रवेश की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। यहां सिर्फ तीन बिस्तर है। ये गंदे हैं। कोई आता नहीं है। गंदगी से उठ रही बदबू से चंद मिनट ठहरना मुश्किल है। दो रुम में ताला बंद है।

 

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यहाँ निरीक्षण के खौफ में दुरूस्त है व्यवस्था

रेलवे स्टेशन स्थित रैन बसेरा में मुख्यमंत्री से लेकर कमिश्नर तक निरीक्षण करते हैं। ऐसे में यहां व्यवस्था ठीक दिखाई देती है। कोविड के चलते बेड की संख्या आधी कर दी गई है। रैन बसेरा में सीसीटीवी लगा है। सफाई भी अच्छी है। यहां ठहरे लोगों ने बताया कि व्यवस्था अच्छी है। रजाई भी साफ सुथरी है। समान रखने के लिए आलमारी भी मिली हुई है। यहां किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया गया है। केयर टेकर ने बताया कि दोनों समय सफाई की जाती है। महिलाओं के ठहरने के लिए भी अच्छी व्यवस्था है। अभी चार से पांच लोग ही रोज ठहरने आ रहे हैं। अधिक ठंड पड़ेगी तो लोगों की संख्या बढ़ेगी।

 

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लोकार्पण हो तो इन रैन बसेरों में मिले प्रवेश

मेडिकल कॉलेज में नगर निगम का तीन मंजिला रैन बसेरा बन कर तैयार है। लेकिन लोकार्पण के इंतजार में यहां लोगों का प्रवेश वर्जित है। इसी तरह गोरखनाथ मंदिर के पास अत्याधुनिक रैन बसेरा बन कर तैयार है। नगर निगम के अधिकारियों को लोकार्पण का इंतजार है।

 

गोरखपुर से पूर्णिमा श्रीवास्तव

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