अभी खत्म नहीं हुआ बीआरडी केस: फिर बढ़ सकती हैं डॉ. कफील की मुश्किलें...
प्रमुख सचिव रजनीश दुबे का कहना है कि डॉक्टर कफील द्वारा जांच आख्या में गलत खबर प्रसारित करने और सरकारी सेवा में रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस करने सहित 4 आरोप में दो आरोप पूर्ण रुप से सही पाए गए हैं।
गोरखपुर: गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 60 से अधिक बच्चों की मौत के मामले में डॉक्टर कफील खान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं लें रही है।
प्रमुख सचिव रजनीश दुबे का कहना है कि डॉक्टर कफील द्वारा जांच आख्या में गलत खबर प्रसारित करने और सरकारी सेवा में रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस करने सहित 4 आरोप में दो आरोप पूर्ण रुप से सही पाए गए हैं।
डॉ कफील गलत तरीके से अपनी क्लीनचिट प्रसारित करा रहे: प्रमुख सचिव
प्रमुख सचिव ने कहा कि अभी किसी भी विभागीय कार्रवाई में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। डॉ कफील गलत तरीके से अपनी क्लीनचिट प्रसारित करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 7 आरोप डॉ. कफील पर हैं, जिस पर जांच चल रही है।
प्रमुख सचिव ने कहा कि 2 आरोप जिनमें कफील खुद को निर्दोष होने का प्रचार कर रहे, वे गलत हैं। सरकारी सेवा में रहते हुए डॉक्टर कफील निजी प्रैक्टिस कर रहे थे। अभी उन्हें किसी भी मामले में क्लीनचिट नहीं दी गई है।
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2017 में ऑक्सीजन की कमी से हुई 70 बच्चों की मौत
बता दें कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी से हुई 70 बच्चों की मौत के मामले में आरोपी डॉ. कफील को चार मामलों में से सिर्फ एक में ही क्लीन चिट मिली है।
आरोप है कि घटना के वक्त 100 बेड के एईएस वार्ड के नोडल प्रभारी डॉ. कफील ही थे, जबकि जांच में यह आरोप निराधार पाया गया है।
शुक्रवार को डॉ. कफील खान को पूरे मामले में क्लीन चिट मिलने की खबरें आती रहीं, जबकि शासन के अनुसार उनके खिलाफ अभी विभागीय जांच चल रही है और अंतिम कार्रवाई बाकी है।
वहीं, शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने एक बयान में कहा है कि यह कहना सही नहीं कि डॉ. कफील को विभागीय जांच में क्लीन चिट मिल गई है। उन्होंने रिपोर्ट का गलत निष्कर्ष निकाला है।
क्या कहा था डॉक्टर कफील ने ?
बीते दिनों कफील खान ने कहा था कि दो साल बाद क्लीन चिट मिलने से मैं खुश हूं और राहत महसूस कर रहा हूं। उठापटक भरे दो साल बाद पूरे परिवार को थोड़ी राहत मिली है। इस घटना से न केवल मुझे, बल्कि पूरे परिवार को नुकसान हुआ। फिलहाल, सभी लोग तनावमुक्त और खुश हैं।
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सीएम को जवाब देना चाहिए था
कफील खान ने कहा था कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा, '11 या 12 अगस्त को जब मौत हुई थी, हर कोई कफील खान के बारे में बात कर रहा था। वे यह भी पूछ रहे थे कि उन 60 बच्चों की मौत कैसे हुई। वे यह भी पूछ रहे थे कि पैसे किसने नहीं दिए।
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