Gorakhpur News: अमरमणि की रिहाई से बदल जाएगा महराजगंज लोकसभा सीट का समीकरण, बेटी तनुश्री उतर सकती हैं मैदान में
Gorakhpur News: दिग्गज अच्छी तरह समझ रहे हैं कि भले ही अमरमणि 20 साल तक जेल में रहे, लेकिन महराजगंज क्षेत्र में उनका रसूख कायम है। अभी भी नौतनवां और सोनौली टाउन एरिया चुनाव में उनके करीबियों की जीत साबित करती है कि उनका रसूख क्षेत्र में कायम है।
Gorakhpur News: पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की यदि रिहाई होती है तो 2024 में महराजगंज लोकसभा सीट का समीकरण पूरी तरह बदल जाएगा। इसी लिए उनकी रिहाई की खबर से महराजगंज जिले के दिग्गज नेताओं की नींद उड़ी है। दिग्गज अच्छी तरह समझ रहे हैं कि भले ही अमरमणि 20 साल तक जेल में रहे, लेकिन महराजगंज क्षेत्र में उनका रसूख कायम है। अभी भी नौतनवां और सोनौली टाउन एरिया चुनाव में उनके करीबियों की जीत साबित करती है कि उनका रसूख क्षेत्र में कायम है। कोई आश्चर्य नहीं अमरमणि बेटी तनुश्री को लोकसभा चुनाव में उतार सकते है।
बता दें कि तनुश्री को शिवपाल के यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी ने बिना पूछे ही टिकट दिया था। इसके बाद तनुश्री को कांग्रेस ने लोकसभा का उम्मीदवार बना दिया। लेकिन बाद में पूर्व सांसद हर्षवर्धन की बेटी सुप्रिया श्रीनेत को कांग्रेस को टिकट दे दिया था। माना जा रहा था कि तनुश्री को पिछले लोकसभा चुनाव में उतारने को अमरमणि तैयार नहीं थे। अब जब अमरमणि की रिहाई हो सकती है तो तनुश्री के लोकसभा चुनाव में उतरने की प्रबल संभावना है। बता दें कि महराजगंज में लोकसभा चुनाव के प्रमुख किरदार केन्द्रीय मंत्री पंकज चौधरी, पूर्व सांसद कुंवर अखिलेश सिंह और कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत हैं। पूर्व सांसद कुंवर अखिलेश सिंह और कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पिछला लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। इस बार अमरमणि यदि लोकसभा चुनाव में सक्रिय रहते हैं तो इसका असर तीनों दिग्गजों पर पड़ना तय है। हो सकता है कि अमरमणि अपने बेटे अमनमणि त्रिपाठी, बेटी तनुश्री या फिर भाई अजीत मणि त्रिपाठी को चुनाव में उतार सकते हैं। उनकी करीबी सपा, बसपा के साथ भाजपा के साथ भी है। तीनों पार्टियों के संपर्क में अमरमणि हैं। समय और सियासी दांवपेंच को देखकर वह अगला कदम रखेंगे।
अमरमणि भले ही जेल में रहे लेकिन महराजगंज की सियासत में उनका दखल रहा। जेल में ही रहते हुए वे बेटे अमन मणि त्रिपाठी को 2017 में जिताने में सफल हुए थे। इसके साथ ही सोनौली और नौतनवां टाउन एरिया के चेयरमैन पद पर उनके करीबियों का ही कब्जा रहा। सोनौली से जहां उनके करीबी सुधीर त्रिपाठी चेयरमैन रहे तो वहीं नौतनवां से उनके करीब गुड्डू खान का लगातार चेयरमैन के पद पर कब्जा रहा। इस बार भी नौतनवा नगर पालिका से निर्दल उम्मीदवार ब्रजेश मणि त्रिपाठी जीते। वहीं सोनौली नगरपंचायत से कांग्रेस उम्मीदवार हबीब खान जीते हैं। दोनों चेयरमैन को अमरमणि का बरदहस्त ही मिला हुआ है।
पर्दे के पीछे पंकज चौधरी के मददगार रहे हैं अमरमणि
अमरमणि पर्दे के आगे भले वर्तमान सांसद पंकज चौधरी के विरोधी रहे हों, लेकिन पर्दे के पीछे से वह पंकज के मददगार ही रहे हैं। इस बार यदि उनके परिवार का कोई चुनावी मैदान में होता है तो सियासी तस्वीर पूरी तरह बदली होगी। इसमें कोई संदेह नहीं कि अमरमणि त्रिपाठी पूर्वांचल में बड़े ब्राह्मण चेहरे हैं। भाजपा भी उन्हें अपने में पाले में करने की कोशिश करे तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। सपा से उनकी करीबी है ही। बसपा से भी उनके संबंध अच्छे है। कांग्रेस से वह पूर्व में चुनाव जीत चुके हैं।