Gorakhpur News: लहसुन पहुंचा 300 रुपये के पार, चाइनीज लहसुन की तस्करी ने पकड़ी रफ्तार
Gorakhpur News: चाइनीज लहसुन को सेहत के लिए खतरनाक बताया जा रहा है। लेकिन कम कीमत के चलते इसकी मांग अच्छी है।
Gorakhpur News: सावन खत्म होने के साथ ही घरों से लेकर रेस्टोरेंट-होटलों में नानवेज की मांग बढ़ गई है। ऐसे में पहले से ही महंगे लहसुन की कीमतों में और उछाल आ गया था। सिर्फ हफ्ते भर में लहसुन की थोक कीमतों में 50 से 60 रुपये प्रति किलो का उछाल आ गया है। लहसुन के साथ ही प्याज की भी कीमतों में उछाल दिख रहा है। वहीं चाइनीज लहसुन की तस्करी भी जोरों पर हो रही है।
सावन में लहसुन 180 से लेकर 220 रुपये किलो तक था। तो वहीं प्याज 40 से लेकर 45 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था। लेकिन नानवेज की मांग बढ़ने से प्याज और लहसुन की खपत बढ़ गई है। साहबगंज में थोक कारोबारी महेश जायसवाल का कहना है कि थोक में इंदौर का लहसुन 260 से 280 रुपये किलो बिक रहा है। फुटकर में इसकी कीमत 320 से 360 रुपये किलो तक पहुंच गई है। सावन में लहसुन की खपत जहां 6 से 7 टन प्रतिदिन थी, वहीं वर्तमान में रोज 10 टन से अधिक लहसुन की बिक्री हो रही है। वहीं महेवा मंडी में थोक में प्याज 36 से लेकर 42 रुपये प्रति किलो तक बिका। फुटकर में प्याज की कीमतें 50 से लेकर 55 तक है। नासिक का प्याज फुटकर में 55 रुपये तो शाहजहांपुर 50 रुपये किलो तक बिक रहा है। होटल संचालक ध्रुव श्रीवास्तव का कहना है कि नानवेज में प्याज और लहसुन की खपत अधिक होती है। सावन के बाद नानवेज को पसंद करने वालों की संख्या बढ़ी है। लहसुन और प्याज की कीमतों का असर लागत पर पड़ रहा है।
नेपाल के रास्ते तस्करी कर पहुंच रहा चाइनीज लहसुन
चाइनीज लहसुन को सेहत के लिए खतरनाक बताया जा रहा है। लेकिन कम कीमत के चलते इसकी मांग अच्छी है। नेपाल के रास्ते बड़ी मात्रा में चाइनीज लहसुन महेवा और साहबगंज की थोक मंडियों में पहुंच रहा है। थोक में यह लहसुन 200 से 220 रुपये किलो तक बिक रहा है। महेवा के एक कारोबारी संजय शुक्ला बताते हैं कि चाइनीज लहसुन का शेयर 25 फीसदी तक है। चाइना का लहसुन मार्केट में नहीं होता तो देसी लहसुन की कीमत 400 रुपये किलो तक पहुंच जाती।