Raksha Bandhan 2024: राममंदिर से लेकर राधा-कृष्ण वाली राखियों की धूम, डाक विभाग सात समंदर पार भेज रहा बहनों की राखियां

Raksha Bandhan 2024: इस बार राम मंदिर के प्रतीक वाली राखी के साथ राधा-कृष्ण वाली राखियों की मांग है। राजस्थान से आने वाली मारवाड़ी राखी की भी अच्छी मांग है।

Update: 2024-08-18 04:32 GMT

बाजार में बिक रही राखियां (Pic: Newstrack)

Raksha Bandhan 2024: स्नेह की डोर के लिए रेशम के धागों का ही महत्व होता है। लेकिन बदलाव के इस दौरान में रेशम की डोर में सोने और चांदी जड़ी राखियां आने लगी हैं। वहीं दूसरी तरफ राम मंदिर, राधा-कृष्ण और भगवान राम की तस्वीर वाली राखियों की धूम है। बाजार में राखी और मिठाई खरीदने के लिए लोगों की भीड़ दिख रही है। उधर, डाक विभाग बहनों की राखियों को सात समुंदर से लेकर देश के विभिन्न शहरों में पहुंचाने में जुट हुआ है।

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में राखी, मिठाई से लेकर गिफ्ट की दुकानों पर रविवार को खूब भीड़ दिख रही है। बहनें भाईयों की कलाई पर सजने वाली राखियों के साथ उनकी पसंद की मिठाईयां खरीद रही हैं। वहीं, भाई भी बहनों के लिए सगुन में उनकी पसंद की गिफ्ट खरीद रहे हैं। मोबाइल कारोबारी शिवाकांत श्रीवास्तव का कहना है कि बहनों को गिफ्ट देने के लिए स्मार्ट फोन की भी अच्छी बिक्री हो रही है। वहीं, राखियों में इस बार राम मंदिर की धूम है। राखी पर राम मंदिर बने हैं। इसके साथ ही रुद्राक्ष और राधा कृष्ण वाली राखियों की भी खासी मांग है। ये राखियां 70 से लेकर 150 रुपये तक में बिक रही हैं। पांडेय हाता स्थित थोक मंडी में राखी की दुकानें गुलजार हो गईं हैं। थोक कारोबारी जितेन्द्र पटवा का कहना है कि कोलकाता राखी की सबसे बड़ी मंडी हैं। पिछली बार की तुलना में राखी 10 से 20 फीसदी तक महंगी हो गई हैं। कारोबारी जितेन्द्र मौर्या कहते हैं कि राम मंदिर के प्रतीक वाली राखी के साथ राधा-कृष्ण वाली राखियों की मांग है। राजस्थान से आने वाली मारवाड़ी राखी की भी अच्छी मांग है। ये राखियां 50 से लेकर 400 रुपये तक में बिक रही हैं। डाक विभाग के पीएमजी गौरव श्रीवास्तव का कहना है कि बहनों की राखियां समय से पहुंचे इसके लिए रविवार को भी विभाग खुला हुआ है। गोरखपुर से 500 से अधिक राखियां अमेरिका, कनाडा से लेकर थाईलैंड को भेजी गई हैं।


बाजार में सोने-चांदी की राखियां भी खूब बिक रही हैं।

परम्परा ज्वैलर्स संजय कुमार अग्रवाल का कहना है कि इस बार ऐसी राखियां ऑर्डर देकर बनवाई हैं, जिन्हें भाई कलाई में पहनने के साथ ही लॉकेट के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे। एक से दो ग्राम में मिल रहीं सोने की राखियों की कीमत 5000 से लेकर 10 हजार रुपये तक है। ऐश्प्रा जेम्स एंड ज्वेर्ल्स ने रक्षाबंधन को यादगार बनाने के लिए सोने और चांदी से बनी राखियां पेश की हैं। इनके माध्यम से आप रक्षाबंधन को यादगार बना सकते हैं। कलेक्शन में शामिल चांदी से बनी राखी का मूल्य जहां मात्र 400 से 1800 रुपये तक है, वहीं सोने की राखी का मूल्य 5000 से 15000 हजार रुपये तक है। यह अनूठा राखी कलेक्शन, ब्रांड की उच्च कारीगरी और रचनात्मकता को प्रदर्शित करता है। राखी के डिजाइन में भाई के साथ युवाओं के बीच प्रचलित लैंग्वेज ब्रो का भी उपयोग गया है। वहीं स्वास्तिक और ओम जैसे धार्मिक प्रतीकों का भी उपयोग किया गया है। ऐश्प्रा जेम्स एंड ज्वेल्स के चेयरमैन अतुल सर्राफ ने बताया कि रक्षाबंधन भाई-बहनों द्वारा एक-दूसरे के लिए व्यक्त किए जाने वाले निस्वार्थ व निश्छल प्रेम का उत्सव है। हमारा राखी कलेक्शन सिर्फ एक आभूषण नहीं, बल्कि भावनाओं का एक जीवंत प्रतीक है।

मिठाईयों की बिक्री बढ़ी

राखी के पर्व को लेकर मिठाईयों की भी खूब बिक्री हो रही है। बाजार में आम दिनों की तुलना में मिठाईयों की बिक्री 20 गुना से अधिक बढ़ गई है। प्रमुख कारोबारी भीषम चौधरी का कहना है कि बहनें मिठाई खरीदने आ रही हैं। वह अपने भाईयों की पसंद की मिठाईयां खरीद रही हैं। किसी को परवल वाली मिठाई चाहिए तो किसी को कराची हलवा। वैसे सबसे एवरग्रीन मिठाई लड्डू और रसगुल्ला ही है। इसकी खूब मांग है।


Tags:    

Similar News