Gorakhpur: जिस जमीन के फ्री होल्ड के लिए हुआ था आवेदन, वहां हाट बाजार पर खर्च कर दिये दो करोड़

Gorakhpur News: अब व्यापारी की याचिका पर हाट बाजार के निर्माण पर कोर्ट स्टे आ गया है। ऐसे में दो करोड़ खर्च के बाद जीडीए की योजना पर ग्रहण लग गया है।

Update:2024-07-06 07:32 IST

Haat bazar gorakhpur  (photo: social media )

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में इन दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले के कारण लखनऊ की विशेष मेहरबानी है। लेकिन स्थानीय अधिकारी इस मेहरबानी का गलत उपयोग कर रहे हैं। शहर के बीचोबीच करोड़ों कीमत की जिस जमीन को फ्री होल्ड कराने के लिए व्यापारी ने आवदेन किया था। वहां गोरखपुर विकास प्राधिकरण हाट बाजार के नाम पर दो करोड़ रुपये खर्च कर दिया। अब व्यापारी की याचिका पर हाट बाजार के निर्माण पर कोर्ट स्टे आ गया है। ऐसे में दो करोड़ खर्च के बाद जीडीए की योजना पर ग्रहण लग गया है।

सिलिल लाइंस से सिटी मॉल के पास नजूल की जमीन है। इसपर दो करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च कर गोरखपुर विकास प्राधिकरण की ओर से ‘गोरखपुर हाट’ विकसित किया जा रहा है। अब इसके आवंटन और पार्किंग निर्माण संबंधी कार्यों पर ग्रहण लग गया है। इलाहबाद हाईकोर्ट ने जालान काम्प्लेक्स प्राइवेट लिमिटेड के ओम प्रकाश जालान की याचिका पर सुनवाई करते हुए डीएम व जीडीए को यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। प्राधिकरण ने दिल्ली हाट की तर्ज पर गोरखपुर हाट का निर्माण कराया है। योजना थी कि एक जिला एक उत्पाद में शामिल टेराकोटा, कालानमक चावल और रेडिमेड गारमेंट के लाभार्थियों, राष्ट्रीय बांस मिशन और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के हुनर और उत्पाद की ब्रांडिंग और बाजार उपलब्ध कराया जाए। प्राधिकरण ने यहां 56 शॉप, महिला और पुरुष टॉयलेट कॉम्प्लेक्स, 1.88 करोड़ से 3835 वर्ग मीटर में विकसित किया। इसके अलावा 24 लाख रुपये से पार्किंग समेत अन्य सुंदरीकरण के काम कर रहा था। पार्किंग में 68 कार और 55 बाइक खड़े होने की सुविधा मिलती। अब इसके आवंटन की तैयारी चल रही थी।

27 मई को हाईकोर्ट ने दिया था स्टे

नजूल की भूमि पर प्रदेश सरकार से आए शासनादेश के खिलाफ ओम प्रकाश जालान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी। इसकी सुनवाई करते हुए 27 मई को अदालत ने जालान के पक्ष में स्थगन आदेश पारित कर दिया। 12 जून को आदेश की प्रति मिलने के बाद ओम प्रकाश ने डीएम एवं जीडीए को स्थगन आदेश की प्रति भी उलपब्ध करा दी। ओम प्रकाश जालान ने बताया कि सिटी मॉल के सामने की भूमि को फ्री होल्ड के लिए पूर्व में आवेदन किया था। शासन ने 25 फीसदी फ्री होल्ड शुल्क जमा कर डीएम को अग्रिम कार्रवाई के आदेश भी जारी किए थे लेकिन उस पर अब तक निर्णय नहीं हो पाया है। इस बीच 5 मार्च को शासन ने नजूल नीति घोषित की। उस आदेश के विरुद्ध गोरखपुर हाट वाली जमीन के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी। हाईकोर्ट ने भूमि पर कोई निर्माण एवं अन्य कार्यवाही पर प्रतिबंध लगा दिया। जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्वन ने बताया कि मौके पर यथास्थिति बनी हुई है। प्राधिकरण इस मामले में पार्टी नहीं है, इसलिए स्टे के खिलाफ जिला प्रशासन स्तर पर पैरवी की जा रही है।

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