अब यूपी परिवहन निगम की बसों में सरकारी वर्दी में दिखेगें ड्राइवर-कंडक्टर
UP News : अप्रैल से यूपी परिवहन निगम के बसों में सभी ड्राइवर और कंडक्टर को वर्दी पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा ना करने वाले कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
लखनऊ। देश के सबसे बडे़ सूबे उत्तर प्रदेश में राज्य परिवहन निगम (UPSRTC) की बसों में ड्राइवर और कडक्टर अब सरकारी वर्दी में नजर आएगें। ऐसा न करने पर उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत शासन स्तर पर एक सुधार अभियान एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलाये जाने का उच्च स्तरीय निर्णण लिया गया है।
उप्र परिवहन निगम (UP Transport Corporation) के प्रबन्ध निदेशक आरपी सिंह ने क्षेत्रीय प्रबन्धकों, एवं सेवा प्रबन्धकों को निर्देश जारी किये है कि निगम की बसों की भौतिक व यात्रिंक दशा सदृढ़ हो तथा निगम के बस स्टेशन एवं डिपो पूरी तरह से सुसज्जित रखे जांए। साथ ही बस स्टेशनों पर यात्रियां की बैठने की पर्याप्त व्यवस्था, परिसर की साफ-सफाई, यात्रियों के लिए पीए सिस्टम, शौचालयों की साफ-सफाई, प्रकाश की समुचित व्यवस्था की सुनिश्चित की जाय।
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई
यह भी कहा गया है कि पूर्व से ड्राइवर और कंडक्टर व अन्य कर्मियों जिनको निगम द्वारा वर्दी उपलब्ध करायी जाती है वह उसे अपनी ड्यूटी के दौरान अवश्य पहनें। इस व्यवस्था को अनिवार्य किया जाये तथा इसका उल्लंघन करने वालों की जिम्मेदारी भी निर्धारित की जाये।
राज्य परिवहन निगम की तरफ से इस सम्बन्ध में कहा गया है कि परिवहन निगम यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक व किफायती बस सेवा प्रदान करने के लिये हमेशा कटिबद्ध है। प्रबन्ध निदेशक ने निर्देश दिये कि कार्यवाही समयबद्ध व गुणवत्तायुक्त हो, ताकि बसें व बस स्टेशन निर्धारित अवधि में आकर्षक व सुविधायुक्त हो सके। बस संचालन में तैनात निगम कर्मी भी निगम का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा उनके आचरण व व्यवहार से परिवहन निगम की जनसामान्य में छवि बनती व बिगड़ती है।
इसलिए अधीनस्थ कर्मियों एवं उपाधिकारियों को भी इस आशय से अवगत करायें कि परिवहन निगम की अच्छी छवि के लिए मृदुभाषिता, शिष्टाचार का विशेष ध्यान रखा जाये। इस तरह की भावना विशेषकर ड्राइवर और कंडक्टर में पैदा करने का प्रयास किया जाये। यात्रियों से अधिकतर सम्पर्क ड्राइवर और कंडक्टर का ही रहता है।
यह निर्णय उच्च स्तर पर लिये गये हैं इसलिए इसमें समयबद्ध कार्यवाही पूर्ण न होने अथवा उदासीनता एवं लापरवाही बरतने पर सम्बन्धित उपाधिकारी एवं अधिकारी का उत्तरादायित्व निर्धारित किया जायेगा।