ऐसा क्या कहा राज्यपाल आनन्दीबेन ने? बच्चों का उत्साह हो गया दोगुना

इसके बाद राज्यपाल ने सा मुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़ागांव एवं आंगनबाड़ी केन्द्र बड़ागांव के निरीक्षण में कहा कि पौष्टिक खाना अवश्य रहना चाहिए।

Update: 2019-08-30 15:49 GMT

लखनऊ : राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने बच्चों को बताया कि वे भी सरकारी स्कूल से ही पढ़ी है। इसलिए बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हुए अपने को किसी से कम न समझें।

उन्होंने शिक्षिकाओं से साफ कहा कि कक्षा एक से 8 तक के बच्चों को समय-समय पर थाना, अस्पताल आदि स्थानों का भ्रमण करवायें। इससे बच्चों में निरीक्षण शक्ति, स्मरण शक्ति और अभिव्यक्ति की क्षमता का विकास होता है। उन्होंने बच्चों से नियमित रूप से निबन्ध लिखवाने की बात भी कही।

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प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज बाराबंकी ने बाराबंकी में पूर्व माध्यमिक विद्यालय नेवला करसण्डा थाना मसौली, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़ागांव, आंगनबाड़ी केन्द्र बड़ागांव, महादेवा ऑडीटोरियम पहुॅचकर केन्द्र और प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को जाना।

उन्होंने विद्यालय की शिक्षिकाओं से कहा कि कक्षा की खाली दीवारों पर बच्चों से ही पेटिंग करवाकर उनको चित्रों के माध्यम से पढ़ाया जाये।

इस तरह से उन्हें विषय जल्दी याद होता है और उनमें कलात्मकता एवं सृजनशीलता का भी संवर्धन होता है। राज्यपाल ने बच्चों से कहा कि अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए भोजन नियमित समय से करें, जिससे स्वास्थ्य के साथ-साथ दिमाग भी तीव्र होता है।

इसके बाद राज्यपाल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़ागांव एवं आंगनबाड़ी केन्द्र बड़ागांव के निरीक्षण में कहा कि पौष्टिक खाना अवश्य रहना चाहिए।

राज्यपाल ने सीएचसी में पैथालॉजी, ओपीडी, कार्यालय कक्ष, कुष्ठ विभाग, नेत्र विभाग, कौशल क्षमता प्रयोगशाला, प्रसव गृह आदि का भी निरीक्षण किया।

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दीवारों पर जागरूकता फैलाने वाले संदेश लिखवाये

प्रसव गृह में उन्होंने नवजात बच्चों की माताओं से बातचीत की और उन्हें फल वितरित किये। उन्होंने उपस्थित डाक्टर्स को निर्देश दिये कि अस्पताल की दीवारों पर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने वाले संदेश लिखवाये।

राज्यपाल ने बच्चों को गोद लेने वाली संस्थाओं से मुलाकात की और गरीब बच्चों को गोद लेने, उनका पालन पोषण करने पर विस्तार से चर्चा की।

गरीब बच्चों को गोद लें और उनका पालन पोषण करें

राज्यपाल ने सुझाव दिया कि सभी अधिकारी एक-एक गरीब बच्चों को गोद लें और उनका पालन पोषण करें, क्योंकि सम्पन्न लोग यदि गरीब बच्चों का सहारा नहीं बनेंगे तो कौन बनेगा।

गरीब बच्चों को गोद लेकर हम नई पीढ़ी के निर्माण में एक बहुत बड़ा योगदान देते है, जिसे प्रत्येक नागरिक को करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार के स्वच्छता अभियान के निरन्तर प्रयास से आज घर-घर शौचालय बन गये हैं और लोग उन्हें प्रयोग में ला रहे हैं। स्वच्छता के अभियान का उद्देश्य था कि स्वच्छता होगी तो हमारे देश का प्रत्येक नागरिक स्वस्थ होगा।

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