MP के राज्यपाल लालजी टंडन फिर क्रिटिकल वेंटिलेटर पर, हालत स्थिर

यूपी की राजधानी लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती मध्य प्रदेश के राज्यपाल व उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके लालजी टंडन को फिर से...

Update:2020-06-29 20:06 IST

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती मध्य प्रदेश के राज्यपाल व उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके लालजी टंडन को फिर से क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया अस्पताल प्रशासन द्वारा सोमवार को जारी उनके हेल्थ बुलेटिन में कहा गया है कि उनकी हालत स्थिर है, लम्बी बीमारी के कारण कोमोबिर्टीज और न्यूरो मस्कुलर कमजोरी के कारण वह बाई-रेप वेंटिलेटर को बर्दाश्त नहीं सके और उन्हें ट्रेकोस्टॉमी के माध्यम से फिर क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर स्थान्तरित कर दिया गया है।

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डॉक्टर ने कही ये बात

बता दें कि बीते शनिवार को ही अस्पताल के निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर बताया था कि राज्यपाल टंडन के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है, उनका मधुमेह और संक्रमण नियंत्रण में है तथा किडनी, लिवर और हार्ट स्वस्थ प्रगति दिखा रहे हैं। डॉ. कपूर ने बताया था कि उनको ट्रेकिओस्टोमी के माध्यम से क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर से बाइ पेप वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया है।

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इनसे ली गयी सलाह

इससे पहले गुरुवार को एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया से सलाह ली गई। इसके अलावा पीजीआइ के डायरेक्टर डॉ. आरके धीमान ने लिवर संबंधी इलाज का परामर्श दिया। वहीं लोहिया संस्थान के पूर्व निदेशक व क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट डॉ. दीपक मालवीय ने भी सुझाव दिए। साथ ही केजीएमयू के रेस्परेटरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकांत से भी इलाज संबंधी सलाह ली गई।

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ये थी समस्या

लाल जी टंडन को बुखार, पेशाब संबंधी समस्या थी। 11 जून को उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी। ऐसे में अस्पताल भर्ती कराया गया। यहां डाक्टरों ने गत शनिवार को पहले जांच में यूरेनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन पाया। इसके बाद रात में ही लिवर की जांच का फैसला किया। इसमें बारीकी से देखने के लिए सीटी गाइडेड प्रोसीजर किया गया। प्रोसीजर के बाद पेट के ओमेंटम से रक्तस्राव होने लगा। यह रक्त पेट में इकट्ठा हो रहा था। ऐसे में डॉक्टरों ने तुंरत ऑपरेशन का फैसला किया। ऑपरेशन कर ब्लीडिंग बंद की गई। इसके बाद से उनकी हालत नाजुक हो गई और उन्हे आईसीयू में वेंटीलेटर पर रख कर उनकी लगातार इलेक्टिव डायलिसिस की जा रही थी।

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