हर दिन आएं स्कूलः इस जिले में चल रही ये योजना, 15 फीसद बढ़ाने का लक्ष्य
एक्शन एड संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर क्रांति कुमार निगम ने बताया कि उनकी संस्था हमीरपुर सहित प्रदेश के 20 जनपदों में शिक्षा पर काम कर रही है।
हमीरपुर: सरकार ने पढ़ाई से वंचित बच्चों के लिए नई व्यवस्था की शुरुआत की है। बच्चों के नामांकन एवं शिक्षा व्यवस्था के लिए ‘शारदा’ (स्कूल हर दिन आएं) योजना चलाई गई है। इस योजना के तहत छह से 14 वर्ष तक के उन बच्चों को तलाशा जाएगा जिनका अभी तक किसी भी स्कूल में नामांकन नही हुआ अथवा जो बच्चे बीच में ही पढ़ाई छोड़ दिए हैं। ऐसे बच्चों को शारदा योजना स्कूलों में प्रवेश दिलाएगी।
अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने दी जानकारी
अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने जारी निर्देश में कहा कि है कि प्रधानाचार्य द्वारा विद्यालय से सेवित बस्तियों में छह से 14 वर्ष तक के सभी आउट आफ स्कूल बच्चों का पंजीकरण अनिवार्य रूप से किया जाए। बच्चों का पंजीकरण एवं नामांकन दो चरणों में किया जाएगा। जिन विद्यालयों में सर्वे में चिन्हित सभी आउट आफ स्कूल बच्चों को शत प्रतिशत नामांकन करते हुए नामांकन के सापेक्ष कम से कम 15 फीसद की वृद्धि की जाएगी। उनमें से प्रत्येक विकासखंड के एक सर्वश्रेष्ठ प्रधानाचार्य को पुरस्कृत किया जाएगा।
ये भी पढ़ें- दुनिया का बड़ा साइबर अटैक: ट्वीटर पर किया हमला, अकाउंट सेफ रखने के लिए करे ये
वहीं जिन विकासखंडों में यह लक्ष्य निर्धारित होगा उसमें से हर जिले के एक सर्वश्रेष्ठ खंड शिक्षाधिकारी को भी पुरस्कृत किया जाएगा। विद्यालय में नव नामांकित आउट आफ स्कूल बच्चों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था के लिए विद्यालय के प्रधानाचार्य और विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष उत्तरदायी होंगे। विकास खंड स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी एवं जनपद स्तर पर जिला समंवयक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उत्तरदायी होंगे।
अनुपस्थिति पर अभिभावक से मिलेंगे शिक्षक
एक्शन एड संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर क्रांति कुमार निगम ने बताया कि उनकी संस्था हमीरपुर सहित प्रदेश के 20 जनपदों में शिक्षा पर काम कर रही है। इस योजना के जरिए 6 से 14 साल तक बालक-बालिकाओं को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए काम शुरू कर दिया गया है।
ये भी पढ़ें- राजनाथ की चेतावनी: भारत की ज़मीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता, लेह में गरजे रक्षा मंत्री
अगर बच्चा एक सप्ताह तक अनुपस्थित रहता है तो संबंधित शिक्षक बच्चे के माता-पिता से व्यक्तिगत संपर्क करेंगे। इसके बाद भी यदि बच्चा अनुपस्थित रहता है तो प्रधानाचार्य व्यक्तिगत प्रयास करेंगे। यदि इसके बाद भी बच्चा अनुपस्थित रहता है तो खंड शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट भेजी जाएगी जो अपने स्तर से आवश्यक कार्यवाही करेंगे।
रिपोर्ट- रविंद्र सिंह